रामलीला मैदान में ‘गो प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस’ की परमीशन निरस्त होने के बाद शंकराचार्य ने बदली रणनीति

After the permission of 'Go Pratishtha Nirnay Diwas' was cancelled at Ramlila Maidan, Shankaracharya changed his strategy

दीपक कुमार त्यागी

जगद्गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज अब दिल्ली स्थित राजनीतिक दलों के कार्यालयों के सामने 17 मार्च को सुबह से शाम तक इंतजार करके गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के संदर्भ में जानेंगे विचार।

दिल्ली : जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने गो को पशु की सूची से हटाकर, गोहत्या को बंद कर, गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने के लिए लंबे समय से देश में अभियान चला रखा है। जिस कड़ी में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने 17 मार्च को दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में सुबह से शाम तक बैठकर के ‘गो प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस’ मनाने की घोषणा की थी, जिस दिन को उन्होंने देश के सभी राजनीतिक दलों को गौमाता के मुद्दे पर अपने विचार रखने के अंतिम अवसर के रूप में दिया था।

सूत्रों के अनुसार बदलते घटनाक्रमों के चलते 17 मार्च की रामलीला मैदान की ‘गो प्रतिष्ठा निर्णायक दिवस’ की परमीशन निरस्त होने की वजह से अब जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज ने अपनी दूसरी रणनीति बनाई है। इसलिए अब जगद्गुरु शंकराचार्य जी 17 मार्च को सुबह से शाम 5 बजे तक दिल्ली में उपस्थित सभी राजनीतिक पार्टियों के कार्यालय के सामने जाकर इंतजार करेंगें जिनके लोकसभा सदस्य सदन में है, उन पार्टियों का गौ माता के बारे में उनका पक्ष मांगेंगे और जानना चाहेंगे कि यह पार्टियां गौ हत्या बन्द करना चाहतीं हैं या गौ हत्या के पक्ष में है। क्योंकि अभी तक किसी भी राजनीतिक दल ने अपना पक्ष नहीं बताया है। इसलिए शंकराचार्य जी अब स्वयं उन पार्टियों के कार्यालय के सामने जाएंगे। सूत्रों के अनुसार इस अवसर पर शंकराचार्य जी दिल्ली स्थित भाजपा, कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आम आदमी पार्टी आदि पार्टियों के कार्यालय के सामने जायेंगे।