
- समंदर के सीने पर विज्ञान व तकनीक का शंखनाद देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल तैयार
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल,नए पंबन रेल पुल का उद्घाटन किया पुल की लंबाई व संरचना: 2.08 किलोमीटर लंबे इस पुल में 99 स्पैन व 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट स्पैन शामिल है
- डिजाइन: भविष्य की मांगों को ध्यान में रखते हुए,इसे दोहरी रेल पटरियों के लिए डिजाइन किया गया है।
- रामायण के अनुसार, राम सेतु का निर्माण रामेश्वरम के पास धनुषकोडी से शुरू हुआ था, जिससे इस पुल का सांस्कृतिक महत्व और बढ़ जाता है।
- पंबन रेल पुल भारतीय इंजीनियरिंग कौशल का प्रतीक है और देश के बुनियादी ढांचे के विकास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा
विनोद कुमार सिंह
भारतीय महाद्वीप पर महासूर्य की प्रथम किरण ने हिंद महासागर के किनारे पर अपना पाँव पखारेगी, रामभक्त अपने भगवान राम की जन्म जन्यती अथार्त रामनवमी का महापर्व मना रहा है।वही आस्था व धर्म की धार्मिक नगरी रामेश्वरम में भारतीय रेल द्वारा नवनिर्मित पंबन पुल 6 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्र को समर्पित कर दिया है।इस संदर्भ में कहा जाता है कि शिव की मोक्ष नगरी की काशीवासी,जब तमिलनाडु का स्मरण करता है,उसे सर्व प्रथम श्री रामेश्वरम का ख्याल आता है।प्रधानमंत्री की दुरदर्शिता व दृढ़ संकल्प का यह परिणाम पंबन पुल है।जिसकी झलक आये दिनों आये दिनों देखने को मिलता रहता है उद्धाहरण के तौर पर काशी में विश्वनाथ कॉरिडोर,अयोध्या में भव्य व दिव्य राममंदिर,रामेश्वरम में पंबन पुल है।सर्वविदित रहे कि नये पंबन पुल रामेश्वरम् में धार्मिक पर्यटन के साथ आर्थिक विकास की उड़ान में नए पंख देने वाला है।मै स्पष्ट कर दूं कि भारत का यह पहला समुद्र पर वर्टिकल लिफ्ट रेलवे पुल है, 535 करोड़ रुपये की लागत से बनी है, जिसकी लंबाई लगभग 2.8 किमी है। नया पुल समुद्र तल से 22 मीटर ऊंचा है।पुल के निर्माण से ट्रेनों को समुद्र पार करने में 5 मिनट से भी कम समय लगेगा,जबकि पहले इस सफर में 25 से 30 मिनट लगता था।नया पुल और बेहतर रेल सुविधाएं तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाएंगी,जिससे पर्यटन से जुड़े व्यवसायों(जैसे होटल,दुकानें,व परिवहन)को सीधे लाभ होगा रामेश्वरम में हर साल लाखों श्रद्धालु रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं।प्रधानमंत्री के राजनीतिक दृष्टिकोण में “विकास” की केंद्रीय भूमिका रही है,और पंबन पुल जैसे बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का पूरा होना,उनके व्यक्तिगत मार्गदर्शन के बिना संभव नहीं था।आप को बताना चाहूँगा कि सन 2019 में प्रोजेक्ट का शिलान्यास करने के बाद उन्होंने उद्घाटन किया हैं।पंबन पुल, तमिलनाडु में आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक नए उत्प्रेरक के तौर पर काम करेगा ।इससे मछुआरा समुदाय,व्यापारियों और पर्यटन उद्योग को सीधा फायदा होगा।बेहतर कनेक्टिविटी से माल ढुलाई और लोगों की आवाजाही बढ़ेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।इससे स्थानीय लोगों को आजीविका के स्तर पर सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।द्रविड़ राज्य के तटीय इलाकों का ये ‘लाभार्थी वर्ग’ देख रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी की पहल से उसका जीवन बदलने वाला है। “सबका साथ, सबका विकास” का यह विज़न तमिलनाडु के ग्रामीण और तटीय इलाकों में प्रधानमंत्री के प्रभुत्व को स्थापित करता है।भाषा, क्षेत्रीय अस्मिता और द्रविड़ राजनीति के प्रभुत्व वाले तमिलनाडु में प्रधान मंत्री ने विकास का नैरेटिव खड़ा किया है।जो स्थानीय जरूरतों और तमिल गौरव और संस्कृति के सम्मान से जुड़ा है।मोदी ने सड़क पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाकर पुल के संचालन का निरीक्षण किया।यह पुल न केवल परिवहन को सुगम बनाएगा,बल्कि स्थानीयअर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा,