सनातन के शत्रुओं के विनाश हेतु मां बगलामुखी महायज्ञ कर रहे हैं महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज

Mahamandaleshwar Yati Narasimhanand Giri Maharaj is performing Maa Baglamukhi Mahayagya for the destruction of the enemies of Sanatan.

दीपक कुमार त्यागी

  • आज से सादगी और दिव्यता के साथ शिवशक्ति धाम में आरंभ हुआ शिवशक्ति महोत्सव
  • हिंदुओं को सनातन धर्म के मूल स्वभाव तक लाना हमारा एकमात्र लक्ष्य_महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज
  • मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ शास्त्रार्थ करके पूर्ण होगा शिवशक्ति महोत्सव

गाजियाबाद : विश्व प्रसिद्ध शिवशक्ति धाम डासना में आज 21 अप्रैल से से शिवशक्ति महोत्सव आरम्भ हुआ। यह महोत्सव 16 दिन तक चलेगा। महोत्सव का शुभारंभ रुद्राभिषेक, मां बगलामुखी व श्रीचंडी महायज्ञ से हुआ। महायज्ञ की पूर्णाहुति मां बगलामुखी जयंती 5 मई 2025 को होगी। शिवशक्ति महोत्सव में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत कथा का वाचन आज आरंभ हुआ जो नौ दिन तक चलेगा। शिवशक्ति महोत्सव में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025 को पांच धातुओं से बना शिव परिवार की प्राण प्रतिष्ठा का महानुष्ठान भी पूर्ण होगा और शिव परिवार का लोकार्पण किया जाएगा। शिवशक्ति महोत्सव के अंतिम दिन 6 मई 2025 को महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज कुछ एक्स मुस्लिमों और हिंदू विद्वानों के साथ शीर्ष मुस्लिम धर्मगुरुओं से इस्लाम के मौलिक स्वरूप पर चर्चा करेंगे।

शिवशक्ति महोत्सव में श्रीमद्भागवत के प्रथम दिवस यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने बताया कि शिवशक्ति महोत्सव का एकमात्र उद्देश्य भटके हुए हिंदुओं को सनातन धर्म के मूल तक ले जाना है ताकि मानवता की रक्षा का मार्ग सुगम हो सके। सनातन के मूल पर लौटने के लिए हिंदुओ को शिव और शक्ति की ओर लौटना पड़ेगा। हर हिन्दू को समझना चाहिए कि हमारा धर्म कहता है कि जिस मार्ग पर हमारे महान पूर्वज चले हैं, हमें उसे ही चलने योग्य मार्ग मानना चाहिए। हमारे महान पूर्वजों में सबसे प्रमुख मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, योगेश्वर श्रीकृष्ण और भगवान परशुराम हैं। हम इस कथा में इन तीनों के गुणों और जीवन वृत्त पर चर्चा करेंगे। इन तीनों श्रीहरि विष्णुजी के अवतारों में सबसे पहला गुण यही था कि ये तीनों ही देवाधिदेव भगवान महादेव शिव व जगदजननी मां जगदम्बा के अनन्य उपासक थे। इनका अनुसरण करते हुए हम सभी हिंदुओं को मां और महादेव की शरण में चलना चाहिए। मां और महादेव की कृपा से ही हमे सद्बुद्धि प्राप्त हो सकती है और हमारा कल्याण हो सकता है।

उन्होंने यह भी बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम,भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण और भगवान परशुराम जी के दिखाए हुए मार्ग पर चलते हुए हम सनातन धर्म और हमारे अस्तित्व के शत्रुओं के समूल विनाश हेतु मां बगलामुखी महायज्ञ किया जा रहा है और सनातन धर्म के मानने वालों की चहुमुखी उन्नति के लिए श्रीचंडी महायज्ञ किया जा रहा है। आज के शिवशक्ति महोत्सव के मुख्य यजमान गंगाशरण शर्मा व उनकी धर्मपत्नी शशि शर्मा रही और श्रीमद्भागवत कथा के यजमान अर्जुन सैनी और उनकी धर्मपत्नी रही।