
अशोक भाटिया
खालिस्तान समर्थकों ने एक बार फिर से हिंदू मंदिर को निशाना बनाया है। कनाडा में वैंकूवर के गुरुद्वारे की बेअदबी के कुछ ही समय बाद, ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर को निशाना बनाया गया. मंदिर की दीवारों पर स्प्रे पेंट से लिखे गए भारत विरोधी नारों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे पूरे देश में आक्रोश की लहर दौड़ गई है.भारतीय मूल के कनाडाई सांसद चंद्र आर्य के अनुसार ये हमला हिंदू मंदिरों पर हो रहे सुनियोजित और लगातार हमलों की एक कड़ी है, जिससे हिंदू समुदाय को डराने और चुप कराने की कोशिश की जा रही है.लक्ष्मी नारायण मंदिर की दीवारों पर ‘खालिस्तान ज़िंदाबाद’ जैसे उग्रवादी नारे लिखे की घटना से हिंदू समुदाय में असुरक्षा की भावना को और गहरा दिया है. घटना की निंदा करते हुए सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि हिंदू मंदिरों पर हमले जो कुछ साल पहले शुरू हुए थे, वे आज भी बिना किसी रोक-टोक के जारी हैं. ये ताजा हमला खालिस्तानी उग्रवाद के बढ़ते प्रभाव की एक और भयावह याद है.
इस घटना से कुछ समय पहले वैंकूवर में स्थित रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारे की दीवारों पर भी ‘खालिस्तान ज़िंदाबाद’ और ‘मुर्दाबाद’ जैसे नारों के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए धमकी भरे संदेश लिखे गए थे. वैंकूवर पुलिस विभाग ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है. इस पर टिप्पणी करते हुए चंद्र आर्य ने कहा कि इन खालिस्तानी उग्रवादियों ने रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारे (खालसा दीवान सोसायटी) को भी निशाना बनाया है, जहां दीवारों पर उकसाने वाले नारे और धमकियां लिखी गई हैं.खालसा दीवान सोसायटी ने बयान जारी कर इसकी कड़ी निंदा की. साथ ही कहा कि ये उग्रवादी ताकतों की एक सुनियोजित साजिश है जो कनाडाई सिख समुदाय में भय और फूट डालना चाहती है. सोसायटी ने कहा कि हम सभी कनाडाई नागरिकों, सिखों और सद्भाव की भावना रखने वाले लोगों से अपील करते हैं कि वे एकजुट होकर इस उग्रवाद का विरोध करें. ये हमला हम सभी पर है- उस एकता पर जो कनाडा को मजबूत बनाती है.
वैसे ये कोई पहला मौका नहीं है जब विदेशी सरजमी पर हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया हो । अमेरिका के कैलिफोर्निया के नेवार्क में खालिस्तान समर्थकों ने हिंदू मंदिर की बाहरी दीवारों पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थन में नारे लिखे हैं साथ ही उन्हें क्षतिग्रस्त भी किया है। ये मंदिर स्वामीनारायण मंदिर है। जिसकी दीवारों पर काले रंग से आपत्तिजनक बातें लिखी गई हैं। घटना की जानकारी मिलते ही नेवार्क पुलिस मामले की तफ्तीश में जुट गई।अमेरिका के हिंदू-अमेरिकन फाउंडेशन ने सोशल मीडिया पर मंदिर की कुछ तस्वीरों को शेयर किया गया है। इसके साथ ही फाउंडेशन ने कैप्शन में लिखा कि स्वामीनारायण मंदिर वासना संस्था को खालिस्तान समर्थकों ने निशाना बनाकर शकी दीवारों पर खालिस्तानी नारे लिखे हैं, साथ ही उसे क्षतिग्रस्त भी किया है । फाउंडेशन ने इस मामले की जानकारी पुलिस के साथ ही न्याय विभाग के नागरिक अधिकारों को भी दी है। फाउंडेशन का कहना है कि वो चाहती है कि इस घटना की जांच पुलिस इसे हेट क्राइम मानकर करे।
वहीं खालिस्तान आतंकवादी भिंडरावाले का जिक्र करते हुए बताया जा रहा है कि उसने हत्या के लिए हिंदुओं को निशाना बनाया है अब मंदिर को निशाना बनाया जा रहा है ताकि लोगों खौफ पैदा हो सके। फाउंडेशन का कहना है कि इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि पुलिस इसे घृणा अपराध मानकर जांच करे।वहीं इस मामले पर सैन फ्रांसिस्को में मौजूद भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कड़ी आपत्ति जताई है। दूतावास ने स्वामीनारायण मंदिर पर भारत विरोधी नारे लिखे जाने की कड़ी निंदा करते हुए बयान दिया है कि इस घटना से भारतीय समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।
इससे पहले भी कई इस तरह के मामले सामने आए हैं। ऑस्ट्रेलिया में भी खालिस्तानियों ने मंदिरों को निशाना बनाया है। इस तरह की घटनाओं पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए सरकार ने कई राजनयिक मंचों पर इस मुद्दे को उठाता रहा है।
ज्ञात हो कि इसी साल अगस्त में खालिस्तानी समर्थकों ने कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया शहर में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की थी। साथ ही मंदिर के दरवाजे पर खालिस्तानी पोस्टर चिपका दिए थे। ये सारी घटना परिसर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई थी। वहीं ऑस्ट्रेलियाके मेलबर्न में भी इसी साल जनवरी में ऐसा ही मामला सामने आया था। यहां स्वामीनारायण मंदिर पर भी खालिस्तान समर्थकों ने भारत विरोधी नारे लिखे थे। वहीं एक दूसरे मंदिर इस्कॉन टेम्पल में भी हिंदुस्तान मुर्दाबाद और खालिस्तान जिंदाबाद जैसे नारे लिखे गए थे।
कनाडा स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि मंदिर में तोड़फोड़ से कनाडा में स्थित भारतीय समुदाय की धार्मिक भावना आहत हुई है। अपनी चिंता जाहिर करते हुए अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन से आपराधियों के खिलाफ कड़ी काररवाई करने की मांग की है।भारतीय दूतावास ने मंगलवार को कनाडा सरकार को इस संबंध में संज्ञान लेने और मामले की जांच करने के संबंध में अपनी बात रखी है। भारतीय दूतवास ने घटना की कड़ी निंदा की है और हिन्दू धर्म के लिए पनप रही इस नफरत पर चिंता व्यक्त की है। कनाडा पुलिस ने मामले की सख्ती से जांच का आश्वासन दिया है। फिलहाल कनाडा पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और हिंदू धर्म को मानने वालों के खिलाफ जिस तरह की हिंसा भड़की वह तो सबने देखी, लेकिन अमेरिका जो खुद को लोकतंत्र की मिसाल बताता है। ऐसे देश में हिंदुओं के खिलाफ इस तरह की साजिश समझ से बाहर है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिका में हिंदू मंदिरों पर हमला उस वक्त हो रहा था , जब यूनाइटेड नेशन में दुनियाभर के नेता वहां मौजूद थे । इसके बावजूद सब चुप्पी साधे हुए रहे ।
गौरतलब है है कि अब तक के जो मामले सुर्ख़ियों में है जब हिंदू मंदिरों में हुई तोड़फोड़ हुई हो । इनमे प्रमुख है 26 सितंबर, 2024 :- का है, जब सैक्रामेंटो अमेरिका में स्वामी नारायण मंदिर। 19 सितंबर, 2024 :- न्यूयॉर्क के बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर में हमले के बाद अपमानजनक नारे जैसे ‘हिन्दुस्तान मुर्दाबाद’ तक लिखा गया। 5 जनवरी, 2024 :- कैलिफोर्निया के विजय का शेरावाली मंदिर पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा हमला किया गया। 23 दिसंबर, 2023 :- कैलिफोर्निया के एसएमवीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया। वहां कई गंदे चित्र भी उकेरे गए। यानी मंदिर की पवित्रता को खत्म करने की कोशिश की गई। 20 जनवरी, 2023 :- ब्रेज़ोस वैली में श्री ओंकारनाथ मंदिर में चोरों ने चोरी की और कीमती सामान उड़ा लिया। उन्होंने मंदिर की एक खिड़की, दान पेटी और तिजोरी तक तोड़ दी। चोर सीसीटीवी में कैद हो गए। 2 नवंबर, 2022 :- न्यूजर्सी के श्री उमिया धाम मंदिर में तोड़फोड़ की गई और ‘मुक्त फिलिस्तीन’ के नारे लिखे गए। 31 जनवरी, 2019 :- केंटकी के स्वामीनारायण मंदिर में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की, काले रंग का छिड़काव किया, खिड़कियां तोड़ दी, दीवारों पर स्प्रे के जरिए स्लोगन लिखे गए।19 जुलाई, 2015 :- कैरोलिना के विहिप मंदिर पर गोलीबारी की गई। मंदिर पर 4 जुलाई 2015 की दोपहर करीब 1 बजे भी गोलीबारी हुई, जिसमें मंदिर की दीवारों पर 60 से अधिक छेद हो गए। 20 अप्रैल, 2015 :- न्यूयॉर्क के उत्तरी टेक्सास हिंदू मंदिर के प्रतीक चिन्हों को तोड़ दिया गया।
लंदन में विदेश मंत्री एस जयशंकर पर खालिस्तान समर्थक समूह द्वारा हमले की कोशिश पर भारत सरकार ने गंभीर चिंता व्यक्त तो की है पर उसमें मंदिरों का जिक्र नहीं है पर उसमें कहा गया है कि कथित खलिस्तान के नाम पर ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका जैसे देशों में कुछ आतांकवादी समूह न केवल सक्रिय हैं बल्कि कथित मानव अधिकार के नाम पर कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठन और राजनीतिक दल के नेता भी उनका समर्थन करते हैं।
ब्रिटेन में लेबर पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रतिपक्ष में रहकर वोट बैंक के लिए या भारत को कमजोर देखने के लिए उनका समर्थन करते रहे हैं। अब लेबर पार्टी सत्ता में हैं और वह भारत के साथ अच्छे संबंधों के लिए प्रयासरत है। ऐसी स्थिति में भारत का कड़ा विरोध आवश्यक है। लेकिन भारत में भी पाकिस्तान तथा अन्य देशों के माध्यम से फन्डिंग पा रहे कथित खालिस्तानी आतंकी अथवा नक्सली अब भी कुछ इलाकों में समय समय पर हमले की कोशिश करते हैं। उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस के समूह ने हाल ही में खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल तथा पाकिस्तानी आई एस आई के सदस्य लजर मसीह को महाकुंभ में आतंकी वारदात की साजिश के सबूतों के साथ गिरफ्तार किया था ।
अशोक भाटिया, वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक, समीक्षक एवं टिप्पणीकार