पहलगाम नरसंहार – न आतंक बचेगा, न मददगार…. आतंकियों के आकाओं पर होगा जोरदार प्रहार

Pahalgam massacre - Neither terror nor its helpers will be spared…. Strong attack will be made on the masters of terrorists

दीपक कुमार त्यागी

दुनिया के स्वर्ग कश्मीर में एक बार फिर से इंसानियत का लहू सरेआम आतंकियों के द्वारा बहा दिया गया। पर्यटकों में से हिंदू को चिन्हित करके निर्ममता से हत्या कर देना, आतंकियों की जिहादी सोच और बेहद खतरनाक मंसूबों को दर्शाने का कार्य करता है। लेकिन अब वह समय आ गया है जब जम्मू-कश्मीर राज्य में नब्बे के दशक से शुरू हुए आतंकवाद का पूरी तरह से सफ़ाया कर देना चाहिए। केंद्र व राज्य सरकार को अब राजनैतिक नफा-नुकसान के गुणा-भाग से ऊपर उठ इजराइल की तरह पाकिस्तान के प्रयोजित आतंकवाद के खिलाफ धरातल पर ऐसी ठोस सख्त कार्रवाई करनी चाहिए की इन आतंकियों व उनके आकाओं की रूह तक कंपा जाए।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसारन घाटी में घूमने के लिए आये हुए पर्यटकों से मंगलवार की दोपहर करीब 1 से 2 बजे के बीच धर्म पूछ कर हिंदू पर्यटकों की गोलीमार कर के निर्ममता से हत्या कर दी गयी। आतंकियों की गोलीबारी में अब तब 26 निर्दोष लोगों की मौत हो गई है और दो दर्जन से अधिक लोग घायल है। जिसके बाद से ही देश व दुनिया में भारत के अगले कदम के बारे में सोचकर के हड़कंप मचा हुआ है। इस घटना के बाद विदेश दौरे पर गये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपना दौरा बीच में छोड़कर के भारत वापस आ गये हैं। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने खुद घटना स्थल पर जाकर दौर किया है। राजधानी दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक देश के शीर्ष नेतृत्व की हाईलेवल बैठकों का दौर जारी है। इस जघन्य घटना को अंजाम देने के ढंग पर ध्यान दें तो आतंकियों ने एक बार फिर से भारत की भूमि पर इजराइल हमले की व आईएसआईएस के हमलों की दर्दनाक यादों को दोहराने का काम किया है। सूत्रों के अनुसार इस जघन्य आतंकी घटना में मरने वाले लोगों में से दो स्थानीय, दो विदेशी के अलावा बाकी नागरिक देश के विभिन्न राज्यों के रहने वाले हैं, जिनके घरों में इस जघन्य घटना के बाद से ही कोहराम मचा हुआ है।

जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल मंगलवार की दोपहर को अपने आकाओं के नापाक मंसूबों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान परस्त देशी व विदेशी आतंकियों के एक समूह ने निहत्थे-निर्दोष पर्यटकों से उनका धर्म पूछ करके हिंदू होने पर उन लोगों की बेहद निर्ममता से हत्या की है, वह पाकिस्तान के इन भाड़े के पिट्ठूओं की इंसानियत को शर्मसार करने वाली बेहद ही कायराना व धूर्तता पूर्ण हरकत है। आतंकियों के द्वारा पर्यटकों से धर्म पूछना और हिंदू होने पर उन पर निर्दयता से गोली चलाना जघन्य नरसंहार के साथ-साथ बेहद ही संवेदनशील विषय है। नियम-कायदे कानून पसंद लोगों को लगता है कि यह सब आतंकियों की इस घटना के बाद देश में धार्मिक दंगा फ़साद करवाने की एक बहुत बड़ी गहरी सोची-समझी साज़िश भी हो सकती है। इसलिए देश व समाज हित में हम सभी लोगों को धार्मिक उन्माद के माहौल से बचना होगा।

हमें हमेशा याद रखना होगा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, लेकिन उसके बावजूद भी इस क्षेत्र में पिछले कई दशकों से पाकिस्तान आतंकवाद फैलाने का काम निरंतर कर रहा है। इस आतंकवाद के चलते भारतीय लोगों के लहू से बार-बार कश्मीर घाटी की धरती से लाल होती रहती है। घाटी के इस क्षेत्र से आतंकवाद समाप्त करना आज भी भारत सरकार के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती बना हुआ है। लेकिन अब वह समय आ गया है जब कश्मीर घाटी से आतंकियों की पूरी तरह से कमर तोड़ कर उसको समाप्त कर देना चाहिए। इसके लिए आतंकवाद के खिलाफ इस निर्णायक युद्ध में भारत सरकार को कश्मीर घाटी में अब बेहद सख्त कदम उठाने चाहिए। सरकार को आतंकियों की मज़हब के आधार पर मदद करने व पनाह देने वाले जिहादी और देशद्रोही लोगों के खिलाफ “योगी मॉडल” की तरह सख्त कार्रवाई करते हुए उनको जेल की सलाखों के पीछे भेज देना चाहिए। वहीं आतंकियों के आका पाकिस्तान को इजराइल की तरह सख्त जवाब देना चाहिए, तब ही देश में पाक परस्त आतंक पर आने वाले समय में लगाम लग सकती है।

वैसे देखा जाए तो यह हमला एक बेहद ही सोची-समझी साज़िश है, क्योंकि जिस वक्त भारत में अमेरिकी के उप राष्ट्रपति जेडी वेंस परिवार के साथ आये हुए हों और वहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी विदेशी दौरे पर गये हुए हों, ऐसी स्थिति में निहत्थे लोगों से धर्म पूछ-पूछ कर के हिन्दू पर्यटकों को चिन्हित करके उनकी गोली मारकर हत्या कर देना, झकझोर देने वाला एक बहुत ही बड़ा कायराना हमला है। यह हमला सनातन धर्मावलंबियों के साथ-साथ देश की एकता और अखंडता पर प्रहार करके उसको खंड-खंड करने का एक बहुत ख़तरनाक दुस्साहस है। हालांकि हमारे नीति-निर्माताओं को आतंकियों के खात्मे के लिए देश से उनके स्लीपर सेल व उनको पनाह देने वाले लोगों को चिन्हित करके उनको खत्म करना ही होगा, तब ही देश में हम व हमारी आने वाली पीढ़ी अमचैन से रह सकती है।

दुनिया में मिनी स्वीटजरलैंड के नाम से प्रसिद्ध कश्मीर घाटी में जिस तरह से धर्म पूछ-पूछ कर हिंदुओं की टारगेट किलिंग आये दिन होती रहती है, यह क्षेत्र की डेमोग्राफी में बदलाव करने की बहुत बड़ी साज़िश है, जिसका प्रभाव स्पष्ट रूप से अब वहां के धरातल पर नज़र भी आता है, यह क्षेत्र अब लगभग हिंदू विहीन हो चुका है। धारा 370 हटने के बाद इस क्षेत्र में हालात बेहतर होने के बाद भी भय के चलते ही कश्मीर घाटी के हिंदू अपने घरों में वापस आने के लिए तैयार नहीं हैं। सरकार के निरंतर प्रयासों के बावजूद भी इस क्षेत्र के हिंदू परिवार घाटी में वापस आकर रहने के लिए तैयार नहीं है और उनकी शंकाओं पर आये दिन हिंदुओं की टारगेट किलिंग की घटनाएं मौहर लगाने का काम करती हैं। हालांकि देश में मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र में सरकार व सिस्टम की कार्यशैली में बड़ा बदलाव आया है, मोदी सरकार में आतंकियों के विरुद्ध स्वतंत्रतापूर्वक कार्रवाई करने का सकारात्मक बदलाव स्पष्ट रूप से नज़र आता है। लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं मोदी सरकार के मंसूबों को घाटी में आशा के अनुरूप अभी तक सफलता नहीं मिली है, क्योंकि इस क्षेत्र के कुछ लोगों की जहरीली जिहादी सोच उसमें बहुत बड़ी बाधक है। आज भी उस जहरीली जिहादी सोच के चलते ही भारत व इंसानियत के सबसे बड़े दुश्मन आतंकियों को कश्मीर घाटी के कुछ घरों में पनाह मिल जाती है, हालांकि भारत सरकार इस स्थिति पर निरंतर पैनी नज़र रखें हुए हैं। लेकिन देश व समाज हित में अब वह समय आ गया है कि जब जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में भी निवास करने वाले हर देशभक्त नागरिकों का कर्तव्य है कि वह मानवता के लिए बेहद घातक ऐसी जहरीली जेहादी मानसिकता की समय रहते हुए पहचान करके उनका डटकर के मुकाबला करें और स्थाई इलाज़ करें, आतंकवाद के मुद्दे पर हम सभी लोगों को एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के एकजुट होना ही होगा। समय रहते इन जहरीले जेहादियों को सबक सिखाना पड़ेगा। वैसे भी हमें समय रहते विचार करना होगा जो व्यक्ति देश का नहीं हुआ, तो वह हम सभी सनातन धर्म के अनुयायियों का क्या होगा। मानवता की रक्षा के इस गंभीर विषय पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी को आतंकवाद के इस गंभीर समस्या का अब स्थाई समाधान करना चाहिए। मैं जघन्य नरसंहार में आतंकियों का निशाना बने लोगों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान देकर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।