
रविवार दिल्ली नेटवर्क
मुंबई : शिया मौलाना हसनअली राजाणी ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के लिए अपने दोनों शिया संगठनों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि क्या मुंबई स्थित नजफी हाउस नामक शिया संगठन और दिल्ली स्थित ईरान कल्चर हाउस नामक शिया संगठन पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार नहीं हैं? मौलाना हसनअली राजाणी ने कहा कि दो दिन पहले मैं बांद्रा में 200 से 250 पुलिस अफसरों से मिला और सभी पुलिस अफसरों ने मुझसे मुलाकात की और खूब सेल्फी ली गईं, लेकिन हिंदुस्तान के किसी न्यूज चैनल ने इसे नहीं दिखाया और नहीं तो किसी न्यूज पेपर मे आया। ऐसा क्यूँ होता है? केवल इसी कारण से, हमारे राष्ट्र में सभी प्रकार के आतंकवादी हैं, इसलिए ऐसे आतंकवादी को पकड़ना चाहिए जो हमारी खबरों को छिपाते हैं और उनकी जगह झूठी खबरें फैलाते हैं, क्योंकि हमारे कुछ शिया आतंकवादी शिया भाइयों ने हमारे देश भारत में वर्ल्ड इस्लामिक नेटवर्क के नाम से एक सैटेलाइट चैनल बनाया हुआ है, जो इसी कारण से लेबनान द्वारा वित्त पोषित है। दुनिया में कई लोगों के बीच झूठी खबरें फैलाई जाती हैं और कहा जाता है कि दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी मुसलमानों का दूसरा खलीफा हज़रते उमर था, जिसने पैगंबर मुहम्मद की बेटी फातिमा ज़हरा का घर जला दिया था और उन्हें अठारह साल की उम्र में हज़रत उमर ने शहीद कर दिया था। उसके बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आतंकवादी सुन्नी मुस्लमानो के खलीफा थे जिस की औलाद ने पैगंबर के नवासे इमाम हुसैन को कर्बला के मैदान में शहीद कर दिया। इसलिए दुनिया के सभी शिया भाइयों को ईरान का समर्थन करना चाहिए, जिसने चालीस साल में 15 मिलियन मुसलमानों का नरसंहार किया और जन्नत में रहने वाले इमाम हुसैन और उनके साथियों और जन्नत में रहने वाली पैगंबर मुहम्मद (एएस) की बेटी फातिमा को खुश किया। हमारे शियाओं ने इस दुनिया में यजीदियों से बदला लें लिया।