आरसीबी की निगाहें रिटर्न मैच मे भी सीएसके को हरा प्ले ऑफ की दावेदारी मजबूत करने पर

RCB is eyeing to strengthen its claim for the playoffs by defeating CSK in the return match as well

-फिसड्डी सीएसके खिलाफ आरसीबी की उम्मीदें विराट व हेजलवुड पर
-विराट सहित आरसीबी के शीर्ष क्रम को चेन्ने के नूर व खलील से चौकस रहना होगा
-सीएसके लिए जी का जंजाल बने बुढ़ाते धोनी

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : विराट कोहली के अपने अंदाज में सही समय पर गियर बदल कर मौजूदा 2025 आईपीएल में पिछले लगातार तीन मैचों में तीन और कुल छह अर्द्धशतकों सहित दस मैचों मे कुल 443 रन की बदौलत अपने घर बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में शुरू के तीन मैच हारने के बाद नौवें मे राजस्थान रॉयल्स पर 11 रन से जीत सहित सात जीत की बदौलत मुंबई की तरह 14 अंको के बावजूद उससे अपनी कमतर नेट रन रेट के चलते रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) ने एक पैर प्ले ऑफ मे रख लिया है। विराट के बल्ले से दमदार प्रदर्शन और 10 मैचों में सबसे ज्यादा कुल 18 विकेट के साथ पर्पल कैप पर कब्जा जमाने वाले अपने ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड की रफ्तार के साथ धार की बदौलत आरसीबी अब फिसड्डी और दस मैचो में मात्र दो जीत और लगातार तीसरी कुल आठ हार के साथ चार अंको से लगातार दूसरे सीजन में प्ले ऑफ की होड़ से बाहर हो चुकी सीएसके को अब शनिवार को अपने बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम के घरेलू रिटर्न मैच में भी हरा कर प्ले ऑफ के लिए अपनी दावेदारी और मजबूत करने उतरेगी। 43 बरस के महेंद्र सिंह धोनी बेशक सीएसके के आईपीएल के इतिहास के सबसे बड़े अहम खिलाड़ी रहे हैं लेकिन अब वह अपनी बढ़ती उम्र के चलते उसके लिए जी का जंजाल बन गए हैं क्योंकि अपने बुढ़ाते घुटनों के चलते वह शीर्ष क्रम में बल्लेबाजी नहीं कर सकते हैं। सीएसके और खुद धोनी दीवार पर लिखी इस इबारत को पढ़ नहीं पा रहे है कि उनका बतौर खिलाड़ी अब खत्म हो चुका है। आरसीबी ने सीएसके से अपने अंतिम पांच मे पिछले लगातार दो सहित तीन मैच जीते हैं और शनिवार को भी अपनी जीत के सिलसिले को आगे बढ़ाने के मकसद से उतरेगी।

आरसीबी ने सीएसके को उसके घरेलू चेन्नै के मैदान पर दूसरे मैच में 50 रन से हराया था। चेन्नै सुपर किंग्स अपने घर में पंजाब किंग्स से दो गेंदों के बाकी रहते सैम करेन की 88 रन की पारी के बावजूद लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की हैट्रिक सहित चार विकेट के चलते चार विकेट से हार गई थी। आरसीबी ने अपने पिछले मैच में विराट कोहली और क्रुणाल पांडया के अर्द्धशतकों की बदौलत नौ गेंदो के बाकी रहते छह विकेट से हरा कर दस मैचों में सातवीं जीत हासिल की थी। फिलहाल सात टीमें लीग चरण का समापन 16 या इससे ज्यादा अंकों और पांच टीमें 18 या इससे ज्यादा अंकों के साथ कर सकती हैं। आरसीबी को प्ले ऑफ में स्थान एकदम पक्का करने के लिए अब सीएसके सहित अपने बाकी एलएसजी के खिलाफ घर से बाहर और एसआरएच व केकेआर से घर पर कुल चार में से तीन मैच जीतने जरूरी होगे। आरसीबी को प्ले ऑफ में स्थान एकदम पक्का करने के लिए 20 अंक चाहिए। यदि बाकी मैचों के नतीजे आरसीबी के हक में रहे तो वह 14 अंकों के साथ भी प्ले ऑफ में स्थान पक्का कर सकती है। आरसीबी को अपने अंतिम चार मे से दो मैच एकदम फिसड्डी सीएसके और एसआरएच के खिलाफ खेलने हैं। आरसीबी को अपने अंतिम चार में से तीन मैच अपने घर में खेलने हैं जबकि उसने अपने घर में चार में से मौजूदा सीजन में अब तक मात्र एक और घर से बाहर सभी छह के छह मैच जीते हैं।

आरसीबी के लिए अच्छी बात यह है कि उसके शीर्ष क्रम में विराट कोहली तीन बार अविजित रह दस मैचों में छह अर्द्धशतक, दो -दो अर्द्धशतक जड़ने वाले फिल साल्ट (9 मैच, 239 रन), देवदत्त पड्डीकल (9 मैच 230 रन), कप्तान रजत पाटीदार (10 मैच, 228 रन), टिम डेविड (10 मेच, 5 अविजति एक अर्द्धशतक , 184रन) सभी रंग मे है। बावजूद इसके विराट सहित आरसीबी के शीर्ष क्रम को सीएसके के बाएं हाथ के स्पिनर नूर अहमद(10 मैच, 15 विकेट) व बाएं हाथ के तेज गेंबाज खलील अहमद (10 मैच, 14 विकेट) से खासतौर पर चौकस रहने की जरूरत है। सीएसके पास आखिर के ओवर के लिए स्लिंजर मतीशा पथिराना (8 मैच, 9 विकेट)के साथ बाए हाथ के स्पिनर रवींद्र जडेजा (10 मैच, 7 विकेट), रविचंद्रन अश्विन (7 मैच, 5 विकेट) व रचिन रवींद्र हैं।

नियमित कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ के चोट के चलते भले ही सीएसके धोनी की कप्तानी की कायल हो लेकिन उसकी टीम में एक चैंपियन टीम के लिए जो संतुलन जरूरी है वह न तो उसकी बल्लेबाजी में है न ही गेंदबाजी मे। आज के जमाने की बदली पहली ही गेंद से दे दनादन के अंदाज की बल्लेबाजी की टी 20 क्रिकेट में सीएसके की शुरू में संभल कर बल्लेबाजी की सोच पुरानी पड़ गई है। सीएसके शीर्ष चार रचिन रवींद्र डेवॉन कॉनवे, राहुल त्रिपाठी व अब चोट के चलते बाहर ऋतुराज गायकवाड़ में एक भी पहली ही गेंद से दे दनादन करने की सोच से नहीं खेलता है। अब सीएसके पास दीपक हुड्डा, सैम करेन और रविचंद्रन अश्विन अब टी 20 क्रिकेट के मिजाज से खेल ही नहीं पा रहे। अब शेख रशीद व आयुष म्हात्रे व डिवाल्ड ब्रेविज जैसे नौजवान को मजबूरी जब तक सीएसके ने टीम में शामिल किया तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सीएसके के लिए मध्यक्रम के बल्लेबाज शिवम दुबे एक अर्द्धशतक सहित सबसे ज्यादा 248 रन, रचिन रवींद्र (8 मैच, एक अर्द्धशतक 191 रन), रवींद्र जडेजा(10 मैच, एक अर्द्धशतक, 183 रन), धोनी (10 मैच, 151 रन), कॉनवे( तीन मैच, एक अर्द्धशतक , 94 रन), ब्रेविज (2 मैच, 74 रन), रशीद (4 मैच, 57 रन) कोई भी लगातार अच्छी बल्लेबाजी करने में ज्यादातर नाकाम ही रहा है। आरसीबी के तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड(10 मैच, 18 विकेट), बाएं हाथ के स्पिनर क्रुणाल पांडया(10 मच, 13 विकेट), स्विंग गेदबाज भुवनेश्वर कुमार (9 मैच, 12 विकेट), बाएं हाथ के तज गेदबाज यश दयाल (10 मषच, 9 विकेट), लेग स्पिनर सुयश शर्मा (9 मैच, 4 विकेट) के रूप मे एक बेहतरीन गेंदबाजी इकाई के चलते सीएसके के बल्लेबाजों के लिए रन बनाना एक मुश्किल चुनौती साबित होने वाला है।

‘हमें अपने कैच लपकने होंगे‘
’ हमने पंजाब किंग्स के खिलाफ बेशक पर्याप्त रन बनाए लेकिन फिर भी हमने कुछ कम रन बनाए। हमें अपने बल्लेबाजो से और ज्यादा रनो की दरकार है। सैम करेन व डिवाल्ड ब्रेविज की भागीदारी शानदार रही। मुझे लगता है कि हमें अपने कैच लपकने होंगे। करेन योद्धा हैं और हमने जब भी उन्हें खेलने का मौका दिया पिच रही लेकिन पंजाब के खिलाफ मैच में चेन्नै की पिच सबसे बढ़िया रही। ब्रेविज ने मध्यक्रम में लय दी और वह बेहतरीन फील्डर भी हं और साथ ही बड़ी ताकत से स्ट्रोक लगाते और अच्छी गेंदों पर पर भी चौके छक्के लगा सकते हैं।हम ऐसे ही ताजा हवा के झोंके की जरूरत थी। ¬-महेंद्र सिंह धोनी, सीएसके, कप्तान

’ध्यान मैदान नहीं बढ़िया क्रिकेट खेलने पर‘
’दिल्ली के खिलाफ हमें पूरे टीम प्रयास से जीत मिली।खासतौर पर हमारे गेंदबाजों ने दिल्ली की पिच पर योजना को अमली जामा पहनाया। हमारा ध्यान किसी मैदान और स्थान विशेष को देखने की बजाय बढ़िया क्रिकेट खेलने पर था।जब आप लक्ष्य का पीछा करते हैं तो पिच की बाबत आपकी सोच साफ होती है और हमने उसी के मुताबिक योजना बनाई। दिल्ली की अरुण जेटली स्टेडियम की पिच पर दिल्ली कैपिटल्स का 160 रन का स्कोर पार करने लायक था । दिल्ली को 160 रन पर रोक आसान नहीं था लेकिन इसका श्रेय सभी गेंदबाजों को जाता है। रनों के लक्ष्य का पीछा करने को ले हमारी सोच साफ थी। हमारी आर)सीबी की टीम में कई महान खिलाड़ी हैं और ऐसी टीम की कप्तानी करना फख्र की बात है। मेरे लिए यह महान खिलाड़ियों से सीखने का भी मौका है। रजत पाटीदार, आरसीबी , कप्तान