डॉक्टर : इंसान के वेश में भगवान

पिंकी सिंघल

हम सभी ने कभी भगवान को साक्षात नहीं देखा किंतु इंसान के वेश में भगवान को जरूर देखा है।जी हां ,आज के इस आलेख में हम बात कर रहे हैं इंसान रूपी उस भगवान की जो अपनी जान की परवाह ना करते हुए हमारी जान बचाते हैं ,अपने सुख चैन और आराम का परित्याग करके दिन रात उन लोगों की सेवा करते हैं जो तकलीफ में होते हैं दूसरों के दुखों को ,बीमारियों को तकलीफों को ,कष्टों को दूर करने का प्रण लेने वाले डॉक्टर की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है ।निस्वार्थ भाव से जन सेवा करने की शपथ लेने वाले सभी डॉक्टर्स सबसे पहले मानवता का फर्ज निभाते हैं ,बिना किसी लालच और स्वार्थ के लोगों की सेवा करते हैं और उन्हें उनके दुखों से बाहर भी निकालते हैं ।कभी-कभी ऐसी स्थिति आन पड़ती है कि व्यक्ति मृत्यु के मुंह में स्वयं को महसूस करता है ।उस घातक स्थिति में भी सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर्स ही होते हैं जो अपने अथक प्रयासों से उन्हें उस स्थिति से बाहर निकालने के लिए जी जान लगा देते हैं ।

कई वर्षों की कड़ी मेहनत और पढ़ाई करने के बाद डॉक्टर जब इस पेशे में आते हैं तो वे शपथ लेते हैं कि वे बिना किसी स्वार्थ के लोगों की सेवा करेंगे और वे ऐसा करते भी हैं। अपवाद तो हर महकमे, हर व्यवसाय,हर जगह पाए जाते हैं। इसलिए कुछ एक लोगों की संकीर्ण सोच और घटिया मानसिकता का गलत प्रभाव भारी संख्या में निस्वार्थ भाव से कार्य कर रहे इंसान रूपी भगवान पर नहीं आने देना चाहिए।

डॉक्टर के प्रति अपना आभार व्यक्त करने के लिए भारत में प्रतिवर्ष जुलाई 1 को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है।भारत हर साल 1 जुलाई को महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ बिधान चंद्र रॉय (Dr. Bidhan Chandra Roy) की जयंती और पुण्यतिथि के सम्मान में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस (National Doctor’s Day 2021) मनाता है। डॉक्टर के महत्वपूर्ण योगदान को सराहने के लिए वैसे तो कोई एक दिन निश्चित नहीं होता क्योंकि डॉक्टर तमाम उम्र हमारे लिए सेवारत रहते हैं किंतु विधिवत रूप से यदि भारत में 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है तो हमें भी इस दिन विशेष रूप से डॉक्टर्स के योगदान को सराहना चाहिए।हम सबका दायित्व बनता है कि हम उन्हें आभार व्यक्त करें ,उनका अभिवादन करें और समाज में उनकी छवि निखारने में सहायता करें ।

वर्तमान युग में कुछ लोगों द्वारा किए गए गलत कार्यों की वजह से आज डॉक्टर्स की छवि पर प्रश्न चिन्ह लग गया है ,ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उनकी छवि को सुधारने में अपना योगदान दें और लोगों के मन से यह भावना दूर कर दें कि सभी डॉक्टर्स पैसे के भूखे होते हैं और मरीजों से भारी भरकम फीस वसूलते हैं। निजी अस्पतालों की यदि बात की जाए तो काफी हद तक यह बात सही है कि वे मरीजों से भारी भरकम फीस वसूलते हैं बिना यह सोचे कि प्रत्येक मरीज का आर्थिक स्तर एक जैसा नहीं होता, परंतु सबकी जान की कीमत एक जैसी ही होती है ।ऐसे में यदि सरकार थोड़ी सख्ती बरतें और निजी अस्पतालों के लिए कुछ मानदंड निर्धारित कर दे तो निजी अस्पताल अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे और सभी वर्ग के लोगों को समुचित इलाज मिल सकेगा।

आज 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे के शुभ अवसर पर विश्व भर के सभी चिकित्सकों को हमें अपना धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए जिनकी वजह से हम एक स्वस्थ जीवन जी रहे हैं और हमारे मन में एक गजब का विश्वास है कि किसी भी दुख और परेशानी आने पर हमें हमारे डॉक्टर ही हमें बचा सकते हैं।डॉक्टर के प्रति हमारी अपार श्रद्धा और विश्वास होना चाहिए क्योंकि दवाइयों के साथ-साथ हमारी श्रद्धा और विश्वास भी हमें काफी हद तक बीमारियों से बाहर निकालने में सहायक सिद्ध होते हैं ।नेशनल डॉक्टर्स डे के दिन देश भर में धन्यवाद देने हेतु कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं और डॉक्टर के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की जाती है।

डॉक्टर के समर्पण के उदाहरण हम सभी के सामने हैं ।पिछले वर्षों कोरोना की जानलेवा दस्तक ने हम सभी को हिला कर रख दिया। उस माहौल में, उस परिस्थिति में केवल और केवल डॉक्टर ही थे जो बिना किसी भेदभाव के अपनी जान की परवाह किए बिना दिन-रात मरीजों की सेवा में जुटे हुए थे ।जहां एक तरफ उनकी जान को खतरा था वहीं दूसरी ओर भारी मात्रा में मरीजों की भर्ती का प्रेशर ,परंतु ऐसी स्थिति में भी डॉक्टर ने संतुलन बनाए रखा और सभी का तसल्ली बक्श इलाज किया और अपने पूरे प्रयासों से लोगों की जानें बचाई ।इसलिए हम सब का भी दायित्व बनता है कि हम उनके समर्पण ,त्याग, सहनशीलता और निस्वार्थ भाव द्वारा की गई सेवा के बदले में उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करें ।

जिस प्रकार भगवान के उपकारों का हम कभी बदला नहीं चुका सकते ,उसी प्रकार डॉक्टरों के एहसानों का, उनके सेवा भाव का भी कोई मोल नहीं लगाया जा सकता। किंतु उनकी सेवा को सम्मान देकर ,उनके प्रयासों को सराहा कर हम उनके प्रति अपना छोटा सा कर्तव्य तो निभा ही सकते हैं ।डॉक्टर के प्रति विश्वास बना कर, उन पर भरोसा रख कर और उन पर लगे गलत आरोपों को दूर कर कर उनकी छवि को एक नया रूप देने के लिए हम सभी को आगे आना चाहिए और मुट्ठी भर लोगों के गलत इरादों की वजह से हमें डॉक्टर की प्रतिष्ठा पर आंच नहीं आने देना चाहिए ।

कल्पना कीजिए ,यदि डॉक्टर ना होते तो क्या होता? शायद हम सबके लिए इस स्थिति की कल्पना करना भी अत्यंत भयावह होगा.. इसलिए भगवान के रूप में डॉक्टर के मान सम्मान का हमें पूरा ध्यान रखना चाहिए और समय-समय पर उनके एहसानों, उनके समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की भूरी भूरी प्रशंसा भी करनी चाहिए ।आखिर डॉक्टर्स का भी हक बनता है कि उनके प्रयासों को विश्व में एक नई पहचान मिले, उनके कार्य को सराहा जाए और उनके समर्पण भाव को समाज में शब्द मिलें। जि स प्रकार हम भगवान की पूजा करते हुए अन्य कुछ बात दिमाग में नहीं लाते, उसी प्रकार डॉक्टर के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए भी हमें अन्य कोई विचार अपने मस्तिष्क में नहीं लाना चाहिए और पूरी ईमानदारी से डॉक्टर के मान सम्मान और प्रतिष्ठा को आगे ही आगे बढ़ावा देने के लिए कृत संकल्प होना चाहिए।