पंजाब की लोक संस्कृति से रूबरू हुआ बंगाल

Bengal got acquainted with the folk culture of Punjab

रविवार दिल्ली नेटवर्क

कोलकाता : महिलाओं के सर्वांगीण विकास को समर्पित संस्था- कोलकाता सिख नारी मंच ने अपने स्थापना दिवस की रजत जयंती पर भारतीय भाषा परिषद के सभागार में एक बहुरंगी कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें भाषा परिषद की अध्यक्ष और लेखिका कुसुम खेमानी विशेष रूप से उपस्थित थीं । सरदार रशवीर सिंह के कुशल संचालन में हुए इस कार्यक्रम में सबसे पहले संस्था के प्रतिष्ठाता भूतपूर्व सैनिक सरदार नरेन्दर सिंह ने स्वागत वक्तव्य देते हुए संस्था के जन्म काल से लेकर उसके विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।

इस मौके पर जहां पंजाब के लोकगीत, गिद्धा तथा पंजाबी सभ्याचार से जुड़ी रचनाएं प्रस्तुत की गईं वहीं सरदार नरेन्दर सिंह द्वारा लिखित एवं निर्देशित एकांकी – विरसे दी संभाल का मंचन भी किया गया।

वरिष्ठ कवि तथा पश्चिमबंग हिंदी अकादमी के सदस्य रावेल पुष्प ने नारी मंच की उपलब्धियां सहित इसके प्रतिष्ठाता के योगदान को रेखांकित करती कविता प्रस्तुत की, जिसे श्रोताओं की भरपूर सराहना मिली।

इस अवसर पर 25 वर्षों से अनवरत समाज सेवा में विशेष योगदान के लिए सुनीता कौर को जहां सम्मानित किया गया, वहीं बांग्ला फिल्म को राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में श्रेष्ठ बांग्ला फीचर फिल्म का पुरस्कार मिलने पर उसके निर्माता सरदार सुरेंदर सिंह को “सिख एक्सलेंस अवार्ड” से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की विशिष्ट उपस्थिति एवं प्रस्तुति देने वालों में शामिल थे- रामगढ़िया सेवक सभा के अध्यक्ष सरदार सुरजीत सिंह, अमरिंदर सिंह, रवीन्दर दुआ, बलजीत कौर भाटिया,नीलम कौर, जपेश्वर कौर,जशनप्रीत कौर,सुखदीप कौर, गुरलीन कौर, जसकिरन मल्होत्रा, जसलीन कौर, रूपेश्वर सिंह, हरेश्वर सिंह, बलराज सिंह, हरजीत कौर अमितेश्वर कौर तथा अन्य।

कार्यक्रम के दौरान ऐसा लगा जैसे पंजाब की लोक संस्कृति से सीधे-सीधे रुबरू हो रहा है बंगाल!