साहिबाबाद औ‌द्योगिक क्षेत्र में यूपीसीडा के नागरिक अधोसंरचना कार्य तेजी से प्रगति पर

UPSIDA's civil infrastructure work in Sahibabad Industrial Area is progressing rapidly

मनीष कुमार त्यागी

यूपीसीडा गाजियाबाद स्थित साहिबाबाद औ‌द्योगिक क्षेत्र (साइट-4) का बनायेगा विश्वस्तरीय स्वरूप।

गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश राज्य औ‌द्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) राज्य को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के संकल्प को साकार करने हेतु औ‌द्योगिक अधोसंरचना को सुदृढ़ और आधुनिक बनाने की दिशा में सतत कार्य कर रहा है। इसी दिशा में यूपीसीडा राज्य को एक मजबूत औ‌द्योगिक राज्य के रूप में विकसित करने हेतु अनेक परियोजनाओं को क्रियान्वित कर रहा है।

इसी क्रम में, जनपद गाजियाबाद स्थित साहिबाबाद औ‌द्योगिक क्षेत्र (साइट-4) में विभिन्न नागरिक अधोसंरचना परियोजनाओं का कार्य तेजी से प्रगति पर है। इन परियोजनाओं में सड़कों, नालियों, पुलियों और औ‌द्योगिक प्रवेश द्वारों का निर्माण व उन्नयन शामिल है।

यहां आपको बता दें कि साहिबाबाद यूपी का एक अहम औ‌द्योगिक केंद्र है। यह 2750 एकड़ में बना हुआ है। 80 के दशक से 2025 तक इसका रखरखाव एवं कार्य नगर निगम के द्वारा कराया जा रहा था। पर अब इसका 1 अप्रैल 2025 से यूपीसीडा को इसका दायित्व सौंपा गया है। इसी क्रम में यूपीसीडा ‌द्वारा ड्रेनेज / सड़कों आदि के लिए IIT की मदद से एक कार्य योजना बनाते हुए प्लांनिग की गई है। यूपीसीडा ने डिजाइन एवं लैंडस्केप के विषेशज्ञों की मदद से इस क्षेत्र के पुनः विश्वस्तरीय बनाने हेतु व्यापक स्तर से अप्रैल 2025 के बाद कार्य आगे बढ़ाया है। इसी क्रम में अब तक 51.28 करोड़ का कार्य पूर्ण / प्रगतिरत है और 94.86 करोड़ का कार्य प्रस्तावित है। प्राथमिकता पर दिल्ली को उत्तर प्रदेश से जोड़ने वाले महत्तपूर्ण सौर उर्जा मार्ग को एक नई पहचान देने का प्रयास किया गया है। इसी क्रम में यूपीसीडा ने साहिबाबाद औ‌द्योगिक क्षेत्र (साइट-4) में विभिन्न परियोजनाओं को धरातल पर मूर्तरूप देना शुरू कर दिया है।

प्रगति पर मुख्य परियोजनाएं:

साहिबाबाद औ‌द्योगिक क्षेत्र (साइट-4) में यूपीसीडा द्वारा विभिन्न नागरिक अधोसंरचना परियोजनाएं तीव्र गति से क्रियान्वित की जा रही है। इनमें 15 करोड़ की लागत से सीमेट कंक्रीट (CC) सडकों, आरसीसी नालियों और पेवर ब्लॉक्स का निर्माण कार्य शामिल है। इसके साथ ही, ब्रिज विहार ड्रेन पर ₹10.5 करोड़ की लागत से एक पुलिया का निर्माण किया जा रहा है। औ‌द्योगिक क्षेत्र की जल निकासी व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 3 करोड़ की लागत से नालियों की सिल्ट सफाई (डीसिल्टिंग) का कार्य किया जा रहा है। विभिन्न परिसरों एवं उपखंडों में सड़क एवं जल निकासी उन्नयन कार्य ₹15 करोड के निवेश से प्रगति पर हैं। साथ ही, ₹1.2 करोड़ की लागत से दो औ‌द्योगिक प्रवेश द्वारों का निर्माण भी किया जा रहा है, जिससे औ‌द्योगिक क्षेत्र की पहचान और सुरक्षा दोर्ना को सुदृढ किया जा सके।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु विशेष पहलः

यूपीसीडा द्वारा साहिबाबाद औ‌द्योगिक क्षेत्र (साइट-4) में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management) सेवाओं के कार्यान्वयन के लिए एक ठेकेदार का चयन किया गया है। यह कार्य 6 करोड की लागत से संपन्न किया जा रहा है।

इस परियोजना के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियाँ शामिल हैं:

  • घर-घर से कचरा एकत्रीकरण,
  • कचरे का पृथक्करण, भंडारण, परिवहन,
  • प्रसंस्करण एवं निकटतम नगर निगम केंद्र में पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप निपटान।
  • यह पहल औ‌द्योगिक क्षेत्रों को स्वच्छ, टिकाऊ और पर्यावरण-सम्मत बनाने की दिशा में यूपीसीडा की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

आगामी परियोजनाएं:

  • सौर ऊर्जा मार्ग का निर्माण एवं चौड़ीकरण
  • आंतरिक एवं बाह्य जल निकासौ प्रणाली का विकास
  • इन परियोजनाओं की योजना निर्माण और क्रियान्वयन की प्रक्रिया प्रगति पर है।

औ‌द्योगिक विकास की ओर एक सशक्त कदम

यूपीसीडा ‌द्वारा साहिबाबाद में किए जा रहे इन विकास कार्यों से यह क्षेत्र एक आधुनिक, सुव्यवस्थित और निवेशक हितैषी औ‌द्योगिक केंद्र के रूप में विकसित होगा। यह नागरिक परियोजनाएं न केवल अधोसंरचना को मजबूती प्रदान करेंगी, बल्कि क्षेत्र में व्यापार करना आसान बनाएंगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेंगी।

यूपीसीड़ा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने कहाः “उत्तर प्रदेश सरकार की औ‌द्योगिक दृष्टि के अनुरूप, यूपीसीडा साहिबाबाद औ‌द्योगिक क्षेत्र में विभिन्न नागरिक अधोसंरचना परियोजनाओं को तीव्र गति से क्रियान्वित कर रहा है। हमारा उद्‌देश्य एक ऐसा औ‌द्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करना है जो सुगम, सुलभ और आधुनिक हो-जिससे निवेशकों को अनुकूल वातावरण प्राप्त हो और उत्तर प्रदेश “Ease of Doing Business’ में अग्रणी राज्य बन सके। इन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन से न केवल औ‌द्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर विकास और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।”