प्रयागराज में दलित बच्चियों का धर्म बदलकर आतंकवादी बनाने की साजिश का बड़ा खुलासा

Big disclosure of conspiracy to convert Dalit girls into terrorists in Prayagraj

संजय सक्सेना

उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जो एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध शहर है,उसमें हाल ही में एक सनसनीखेज और चिंताजनक घटना के कारण सुर्खियों में आया है। पुलिस ने एक खतरनाक साजिश का पर्दाफाश किया है, जिसमें दलित नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका धर्म परिवर्तन कराने और उन्हें आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने की योजना थी। इस मामले ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है, बल्कि पूरे देश में सामाजिक और धार्मिक संवेदनशीलता पर सवाल उठाए हैं।

यह सनसनीखेज मामला तब सामने आया जब प्रयागराज पुलिस को सूचना मिली कि फूलपुर इलाके में एक दलित नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसे पहले दिल्ली और फिर केरल ले जाया गया। जांच में पता चला कि इस अपहरण के पीछे एक सुनियोजित साजिश थी, जिसका उद्देश्य नाबालिग लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करना और उन्हें आतंकवादी संगठनों में भर्ती करना था। पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और लड़की को सुरक्षित बरामद कर उसके परिजनों को सौंप दिया।

आरोपियों ने कथित तौर पर लड़की को बहला-फुसलाकर पहले दिल्ली ले गए, जहां उसे मानसिक रूप से प्रभावित करने की कोशिश की गई। इसके बाद उसे केरल ले जाया गया, जहां उसका जबरन धर्म परिवर्तन कराने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने की योजना थी। इस साजिश में शामिल लोगों ने नाबालिगों को निशाना बनाया, क्योंकि उन्हें लगता था कि कम उम्र की लड़कियां आसानी से प्रभावित हो सकती हैं।

जांच से पता चला कि यह गिरोह विशेष रूप से दलित समुदाय की नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाता था। इन लड़कियों को पहले लालच देकर या भावनात्मक रूप से प्रभावित करके अपने जाल में फंसाया जाता था। इसके बाद, उन्हें उनके परिवारों से दूर ले जाकर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला जाता था। इस साजिश का अंतिम लक्ष्य इन लड़कियों को आतंकवादी संगठनों के लिए तैयार करना था, ताकि वे जिहादी गतिविधियों में शामिल हो सकें। यह खुलासा न केवल सामाजिक दृष्टिकोण से गंभीर है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी एक बड़ा खतरा है।

प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की। सूचना मिलने पर पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और अपहरण के कुछ ही समय बाद लड़की को केरल से बरामद कर लिया। इस ऑपरेशन में शामिल पुलिसकर्मियों ने अपनी सूझबूझ और तत्परता से एक बड़े खतरे को टाल दिया। गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों से पूछताछ जारी है, और पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इस साजिश में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। पुलिस का मानना है कि यह एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा हो सकता है, जिसके तार देश के विभिन्न हिस्सों से जुड़े हो सकते हैं।

इस घटना ने सामाजिक और धार्मिक स्तर पर कई सवाल खड़े किए हैं। दलित समुदाय, जो पहले से ही सामाजिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है, अब इस तरह की साजिशों का शिकार बन रहा है। यह घटना समाज में विश्वास की कमी को और गहरा सकती है। साथ ही, धर्म परिवर्तन जैसे संवेदनशील मुद्दे पर यह मामला एक नई बहस को जन्म दे सकता है। कई संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा की है और सरकार से ऐसी साजिशों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है।अब देखना यह है हर समय ओबीसी और पीडीए का राग अलापने वाले नेता इस मसले पर कुछ बोलते हैं या फिर तुष्टिकरण की सियासत के चलते पहले की तरह इस समय भी मुंह बंद रखेंगे।