
रविवार दिल्ली नेटवर्क
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के सेंटर फॉर टीचिंग, लर्निंग एंड डवलपमेंट- सीटीएलडी की ओर से एकेडमिक सिस्टम्स एंड प्रोसेसेज मॉडयूल पर हुई फैकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम- एफडीपी में रोल एंड रेस्पॉसिबिलिटीज़ फॉर टीचर्स, बीआईसी और आईआईसी इन्नोवेशन और संस्थागत नवाचार प्रकोष्ठ की उपयोगिता, प्रोफेसनल एंड इफेक्टिव कम्युनिकेशन इन एकेडमिया, प्रोजेक्ट्स/इंटर्नशिप/प्रैक्टिकल्स सुपरविजन सरीखे विषयों पर मंथन हुआ। इनके अलावा 10 दिनी इस एफडीपी में एनईपी-2020 और क्रेडिट बेस्ड सिस्टम- सीबीसीएस, रैंकिंग एंड एक्रिकेडिटेशन सिस्टम्स इन इंडिया एंड नैक क्राइटेरिया- एआईआई-7 प्रणाली, क्रिटिकल थिंकिंग एंड डिसीजन-मेकिंग इन एकेडमिया, रिसर्च इंसेंटिव्स/ सीड मनी, डिजिटल माध्यमों द्वारा संस्थान की ब्रांडिंग, लर्निंग रिसोर्सेंज़ एंड देयर यूज आदि टॉपिक्स भी व्याख्यान हुए। टीएमयू के कुलपति प्रो. वीके जैन ने रोल एंड रेस्पॉसिबिलिटीज़ फॉर टीचर्स पर बोलते हुए कहा, शिक्षकों में नैतिक, आचारिक और मार्गदर्शी उत्तरदायित्व जरूरी हैं। साथ ही प्रो. जैन बोले, शिक्षकों को स्वयं को सुविधादाता, आदर्श और आजीवन शिक्षार्थी के रूप में देखना चाहिए। डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने शिक्षकों को संस्थागत नवाचार इकोसिस्टम का परिचय देते हुए, अकादमिक क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सीड फंडिंग, युक्ति और स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन सरीखी राष्ट्रीय नवाचार योजनाओं पर चर्चा की। सीटीएलडी के निदेशक, प्रो. पंकज कुमार सिंह ने रचनात्मक संवाद के लिए आई फील- वेन- बिकॉज- आई नीड फ्रेमवर्क से भी अवगत कराया।
एफडीपी में एफओई के डीन प्रो. आरके द्विवेदी ने प्री-लैब, इन-लैब और पोस्ट-लैब चरणों की चर्चा करते हुए निरंतर मूल्यांकन के महत्व को भी रेखांकित किया। एसोसिएट डीन, एकेडमिक्स प्रो. अमित कंसल ने एनईपी- 2020 में दिए गए सुधारों- लचीलेपन और बहु-विषयक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया। आईक्यूएसी के निदेशक, प्रो. निशीथ कुमार मिश्रा ने नैक मान्यता प्रक्रिया, एनआईआरएफ और क्यूएस रैंकिंग एवं सतत गुणवत्ता सुधार पर विस्तार से चर्चा की। रिसर्च इंसेंटिव्स/ सीड मनी के एसोसिएट डीन प्रो. पीयूष मित्तल ने टीएमयू में शोध इकोसिस्टम, उपलब्ध प्रोत्साहन, परामर्श अवसर, आईपीआर सहायता, पीएचडी फेलोशिप और फंडिंग योजनाओं पर जानकारी दी। डिजिटल मार्केटिंग के हेड श्री नितेश जायसवाल ने इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, यूट्यूब आदि की संस्थान की ब्रांडिंग में योगदान पर गहनता से चर्चा की। विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्षा डॉ. विनीता जैन ने टीएमयू के डिजिटल लर्निंग इंफ्रास्ट्रक्चर का परिचय कराते हुए एनडीएलआई, शोधगंगा, ई-शोधसिंधु, ई-बुक्स, जर्नल्स और डेटाबेस के उपयोग के लिए मार्गदर्शन दिया। संचालन श्री चंद्र भूषण कुमार सिन्हा ने किया।