
आधिकारिक रूप से सरकार की ओर से अभी कोई सूचना नहीं मिली: भोलानाथ सिंह
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारत सरकार ने पाकिस्तान की पुरुष हॉकी टीम को राजगीर (बिहार) में अगस्त-सितंबर में होने वाले एशिया कप और जूनियर पुरुष टीम को नवंबर दिसंबर में चेन्नै और मदुरै में होने वाले एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में खेलने भारत आने के लिए मंजूरी दे दी है। यह जानकारी खेल मंत्रालय के सूत्रों ने दी। हालांकि आथिकारिक रूप से इस पर अभी कुछ नहीं कहा गया है। 27 अगस्त से 7 सितबर तक राजगीर (बिहार) में होने वाला एशिया कप एफआईएच हॉकी विश्व कप का क्वॉलिफायर है और भारत की नजर इसमें जीत के साथ विश्व कप के लिए क्वॉलिफाई करने पर लगी हैं। वहीं 28 नवंबर से 10 दिसंबर तक चेन्नै में होने वाले जूनियर एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप में भारत और पाकिस्तान एक ही पूल बी में हैं। भारत ने पहलगाम में आतंकी घटना के बाद पाकिस्तान को इसके लिए जिम्मेदार बताते हुए इसके खिलाञ ऑपरेशन सिंदूर कर वह आतंकियों के अड्डों को नष्ट काने के बाद उससे सभी तरह के राजनयिक और राजनैतिक रिश्ते तोड़ दिए और इसी के चलते पाकिस्तान के भारत की मेजबानी में होने वाले टूर्नामेंट में शिरकत करना अधर मे लटका लग रहा था।
सूत्रों ने साफ कहा, ‘भारत अपने पड़ोसी पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय टूर्नामेंट में नहीं खेलेगा। हम पाकिस्तान को भारत की मेजबानी में होने वाले किसी भी बहु राष्ट्रीय टूर्नामेंट में शिरकत करने से नहीं रोकेंगे। सरहद पर विवाद के चलते किसी भी मुल्क को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शिरकत करने से रोकना ओलंपिक चार्टर का उल्लंघन है और भारत की अच्छी नुमाइंदगी नहीं है। हम बस मानक नियम का पालन कर रहे हैं।’ भारत की निगाहें 2036 के ओलंपिक की मेजबानी पर लगी हैं।
भारत यदि पाकिस्तान की टीमों को इन दोनों हॉकी टूर्नामेंट में आने की मंजूरी नहीं देता तो भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) पर अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता था। भारत और पाकिस्तान हालांकि क्रिकेट में द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेलते हैं जबकि दोनों मुल्कों द्वारा आयोजित किए जाने वाले आईसीसी क्रिकेट टूर्नामेंट में दोनों टीमें हाईब्रिड मॉडल के तहत तटस्थ देश में खेलती हैं। ओलंपिक चार्टर खेल को शांति और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का माध्यम है। किसी देश को वैश्विक या महाद्वीपीय प्रतियोगिता में भाग लेने से मना करना अंतर्राष्ट्रीय संघों की गंभीर जांच का विषय बन सकता है। भारत और पाकिस्तान बीते करीब दो दशकों से कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेले हैं और और यहां तक कि कड़वे सियासी रिश्तों के चलते बहुपक्षीय मुकाबले भी दबाव में ही खेले गए।
मीडिया से ही इस बाबत पता चला: भोलानाथ सिंह
हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ सिंह ने इस बाबत पूछे जाने पर कहा, ‘हमें भी मीडिया के माध्यम से ही पाकिस्तान की टीमों को भारत सरकार द्वारा एशिया कप और जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में शिरकत करने की इजाजत दिए जाने की बाबत मालूम पड़ा है। हमें हालांकि अभी आधिकारिक रूप से भी सरकार की ओर से इस बाबत कोई सूचना नहीं मिली है। हमारा इस बाबत शुरू से यही रुख रहा है कि सरकार जो भी फैसला लेगी उसका हम पालन करेंगे।’
पीएचएफ व पीसीबी के अधिकारी बोले,पाक सरकार से मंजूरी मिलनी अभी बाकी
पाकिस्तान हॉकी फेडरेशन (पीएचएफ) और पाकिस्तान स्पोटर्स बोर्ड (पीएसबी) के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा उन्हें अभी पाकिस्तान सरकार से भारत में अगले महीने राजगीर(बिहार) में होने वाले पुरुष हॉकी एशिया कप और चेन्नै और मदुरे में होने वाले एफआईएच जूनियर पुरुष हॉकी विश्व कप में हिस्सा लेने की मंजूरी मिलनी अभी भी बाकी है।पीएचएफ के महासचिव राणा मुजाहिद ने पीएसबी से अपनी पुरुष हॉकी और जूनियर पुरुष हॉकी टीमों को शिरकत करने भेजने के लिए जानकारी मांगी है। बताया जाता है कि पीएसबी ने पीएचएफ द्वारा मांगी आधिकारिक जानकारी संबद्ध मंत्रालयों में भेज दिया है लेकिन उनका जवाब आना अभी बाकी है।
पीएसबी के प्रवक्ता खुर्रम शाहजाद ने इस बाबत स्पष्ट किया, ‘अभी तक पाकिस्तान का भारत मे होने वाले दोनों हॉकी टूर्नामेट में शिरकत करना तब तक तय नहीं है। पाकिस्तान सरकार इन दोनों पाकिस्तानी हॉकी टीमों को भारत में किसी भी टूर्नामेट में भेजने की बाबत नीति की बाबत नहीं बताती है। पीएचएफ का अनुरोध पीएसबी को मिला जरूर है और उसने इसे अंतर प्रातीय समन्वय मंत्रालय को भेज दिया है जिसने की इसे इंटीरियर मिनिस्ट्री व विदेश मंत्रालय को अंतिम फैसले के लिए भेज दिया है, जिसके जवाब का अभी इंतजार है।