समाज के प्रति संवेदनशील और सेवा भाव से युक्त रहकर सजग प्रहरी बनकर उभरें प्रशिक्षु आरक्षी : जे. रविंद्र गौड़

Trainee constables should emerge as vigilant guards by being sensitive towards society and having a spirit of service: J. Ravindra Gaur

मनीष कुमार त्यागी

  • पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ ने प्रशिक्षणरत आरक्षियों से किया संवाद।
  • संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण का मूल्य समझाना, सेवा भावना को प्रोत्साहित करना, वास्तविक परिस्थितियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करना एवं अनुशासन और नैतिकता पर जोर देना था।

गाजियाबाद : पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद के पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ की पहचान एक तेजतर्रार प्रशासक के रूप में होती है, वह अपनी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव करते हुए कुछ नया करने का जज्बा रखते हैं। इसी कड़ी में पुलिस आयुक्त ने बुधवार को गाजियाबाद के नंदग्राम में स्थित क्राइस्ट यूनिवर्सिटी के ऑडोटोरियम में उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे आरक्षियों से वार्ता की। इस वार्तालाप कार्यक्रम में पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद की अतिरिक्त पुलिस आयुक्त – मुख्यालय, पुलिस उपायुक्त ट्रांस हिण्डन / लाइन्स, पुलिस उपायुक्त नगर, पुलिस उपायुक्त ग्रामीण, अपर पुलिस उपायुक्त लाइन्स, अपर पुलिस उपायुक्त प्रोटोकॉल, एवं समस्त सहायक पुलिस आयुक्त उपस्थित रहे।

प्रशिक्षणरत आरक्षियों के इस कार्यक्रम के दौरान कमिश्नरेट गाजियाबाद की पुलिसिंग प्रणाली के सम्बन्ध मे एक संक्षिप्त फिल्म का प्रसारण किया गया। कार्यक्रम में अपर पुलिस उपायुक्त लाइन्स के द्वारा प्रशिक्षणरत आरक्षियों को प्रशिक्षण सम्बन्धित दिशा-निर्देशों को पीपीटी के माध्यम से अवगत कराया गया।

इस संवाद कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण का मूल्य समझाना, सेवा भावना को प्रोत्साहित करना, वास्तविक परिस्थितियों के लिए मानसिक रूप से तैयार करना एवं अनुशासन और नैतिकता पर जोर देना था। यह वार्ता न सिर्फ प्रेरणादायक थी बल्कि उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के प्रति उन्हें और सजग भी करती है।

इस अवसर पर पुलिस आयुक्त जे. रविंद्र गौड़ ने अपने प्रेरणा दायक औजस्वी संबोधन से नवचयनित प्रशिक्षणरत आरक्षियों को अनुशासन, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी जैसे मूल्यों का महत्व समझाया। पुलिस आयुक्त के इन प्रेरणादायी वचनों का उद्देश्य है कि प्रशिक्षु आरक्षी न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखें बल्कि समाज के प्रति संवेदनशील और सेवा भाव से युक्त रहकर सजग प्रहरी बनकर उभरें। यह संवाद कार्यक्रम न केवल सिर्फ प्रशिक्षु आरक्षियों के मनोबल को बढ़ाता है बल्कि उन्हें प्रेरणा भी देता है कि वे किस प्रकार से सेवा में उत्कृष्टता हासिल कर सकते हैं।