
रविवार दिल्ली नेटवर्क
कोलकाता : ग्लोबल बुद्धिस्ट मैनेजमेंट एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर के तत्वावधान में जापानी बौद्ध केंद्र के ध्यान कक्ष में सम्यक ज्ञान पर एक परिचर्चा आयोजित की गई, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे- डॉ. सुदीप्त प्रसाद बरुआ।
रिसर्च सेंटर के सचिव एवं वरिष्ठ साहित्यकार रावेल पुष्प के संचालन में हुई इस परिचर्चा में भाग लेते हुए मुख्य अतिथि ने बुद्ध के संदेश अप्प दीपो भव: यानि अपना प्रकाश खुद बनो का विश्लेषण करते हुए कहा कि समाज सेवा के लिए अपने गृहस्थ जीवन में सभी कार्य करते हुए भी उचित समय निकालने पर जोर दिया । संस्था के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. जसबीर चावला ने जातक अट्ठकथा कथा और बुद्धकीय प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि पाली साहित्य में अट्ठ कथाओं की परंपरा है और बात समझाने के लिए कई तरह के मुहावरों और लोकोक्तियों का प्रयोग किया जाता है,भले ही प्रत्यक्ष में थोड़ा अटपटा लगे,लेकिन उसके पीछे की भावना का पता चलने पर बड़ा ही सटीक और प्रभावी लगने लगता है।
इस मौके पर डॉ. जसबीर चावला की सद्य: प्रकाशित पुस्तक “सम्यक द्वारा निब्बान” का लोकार्पण भी हुआ । उसके पश्चात उस पुस्तक पर डॉ. उर्मिला साव कामना ने अपने विचार व्यक्त करते हुए एकांश का पाठ भी किया। इसके अलावा संचालन के दौरान रावेल पुष्प ने जीवन के हर क्षेत्र में सम्यक का निर्वाह करना आवश्यक बताया, ताकि घर,परिवार, देश, दुनिया में प्रेम की भावना बरकरार रह सके और इसी संदर्भ में उन्होंने एक कविता का पाठ भी किया। कार्यक्रम के दौरान डॉ . सुदीप्त प्रसाद बरुआ को उनकी निःशुल्क मेडिकल सेवाओं के लिए तथा वरिष्ठ कवि रामनारायण झा को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
आखिर में संस्था की ओर से कन्हाई बारूई ने सभी को धन्यवाद दिया।
कार्यक्रम के पश्चात उपस्थित श्रोता एक नई चेतना से भर गये.