
-ऋषभ पंत का पहली पारी में रनआउट तीसरे टेस्ट का निर्णायक क्षण था
-हमारी टीम के निचले क्रम ने संघर्ष क्षमता दिखाई उस पर मुझे गर्व है
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : रवींद्र जडेजा के दूसरी पारी में जड़े शानदार अविजित शतक के बावजूद भारत मेजबान इंग्लैंड से सोमवार रात लॉडर्स में पांच टेस्ट की एंडरसन तेंडुलकर ट्रॉफी का तीसरा बेहद रोमांचक क्रिकेट टेस्ट अंतिम दिन आखिर सत्र तक संघर्ष करने के बावजूद 22 रन से हार कर सीरीज में 1-2 से पिछड़ गया। भारत के कप्तान शुभमन गिल ने कहा कि जिस तरह हमारी टीम के निचले क्रम ने संघर्ष क्षमता दिखाई उस पर मुझे गर्व है। शुभमन गिल ने कहा, ‘मुझे बेहद गर्व है कि तीसरा टेस्ट बेहद करीबी रहा। इस टेस्ट में पांच दिन तक बेहद संघर्षपूर्ण क्रिकेट खेली गई और इसका फैसला आखिरी सत्र में अंतिम विकेट के साथ हुआ। मेरा मानना है कि ऋषभ पंत का पहली पारी में रनआउट तीसरे टेस्ट का निर्णायक क्षण था। एक समय मैंने सोचा कि यदि हम 80-100 रन की बढ़त ले लेते तो अहम होती। हम यह जानते थे कि पांचवें दिन की पिच पर 150-200 रन के लक्ष्य का पीछा करना आसान नहीं होगा। हमने यदि 80-100 रन की बढ़त हासिल की होती तो अच्छा होता। जहां तक रवींद्र जडेजा के 181 गेंद खेल 61 रन बना आखिरी तक अविजित रहने के साथ उनकी पारी की खास बात यह रही कि उन्होंने निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ भारत की दूसरी पारी आगे बढ़ाई। रवींद्र जडेजा बेहद अनुभवी खिलाड़ी हैं और हम उन्हें बाहर से कोई संदेश नहीं देना चाहते थे। रवींद्र जडेजा ने अपने साथी पुच्छल्ले बल्लेबाजों के साथ शानदार बल्लेबाजी की। हम चाहते कि जडेजा हमारे पुच्छल्ले बल्लेबाज जितना मुमकिन हो सके उतनी देर तक बल्लेबाजी करे। हमने चौथे दिन के आखिरी आधे घंटे -करुण नायर, मेरा खुद का और आकाशदीप- के रूप में तीन विकेट जल्दी गंवा कर टेस्ट को अपनी गिरफ्त से निकल जाने दिया। हमने दूसरी पारी में एक विकेट पर 42 रन बनाने के बाद चार विकेट 58 रन पर गंवा दिया। मेरा मानना है कि हमारे शीर्ष क्रम में यदि एक अर्द्धशतकीय भागीदारी हुई होती तो हम जीत के लिए 193 रन के लक्ष्य को हासिल कर सकते थे। चौथे दिन खेल के आखिरी आधे घंटे में मुझे लगता है कि हम और एकाग्र हो बल्लेबाजी कर सकते थे खासतौर पर मुझ सहित जो अंतिम विकेट गिरे , वह नहीं गिरने चाहिए थे। यहा तक पांचवें व अंतिम दिन सुबह हमने जो योजना बनाई हम एक अर्द्धशतकीय भागीदारी की आस कर रहे थे और हमारे शीर्ष क्रम में यदि ऐसी भागीदारी हुई होती तो हमारे लिए आसान होता।।’
जब शुभमन गिल से पूछा गया क्या उन्हें ऋषभ पंत, केएल राहुल और वाशिंगटन सुंदर के सोमवार को अंतिम दिन आधे घंटे में ही आउट होने के बाद भी कोई उम्मीद थी तो उन्होंने कहा, ‘जब तक हमारी बल्लेबाजी है तब तक उम्मीद बनी रहेगी। हमें एक अर्द्धशतकीय भागीदारी की जरूरत थी। जीत के लिए कोई बहुत बड़ा लक्ष्य नहीं था एक 50-60रन की भागीदारी हो गई होती तो तो हम टेस्ट मैच में वापसी कर सकते थे। जब बुमराह भाई और जड्डू भाई बल्लेबाजी कर रहे हम जो हर पांच छह रन बना रहे थे तो हम यह देख रहे थे कि तो इंग्लैंड पर दबाव बन रहाथे। जब तक जडेजा के साथ सिराज बल्लेबाजी कर रहे तो भी हम बहुत आशान्वित थे। यदि ये दोनो इंग्लैंड के दूसरी गेंद लेने तक बल्लेबाजी कर लेते तो और हमें जीत के लिए 12-15 रन ही बनाने होत तो कुछ भी मुमकिन था॥ कुछ चौके छक्के लग जाते तो हम शीर्ष पर वापस आ जाते । जब बुमराह भाई और जड्डू भाई बल्लेबाजी कर रहे हम जो हर पांच छह रन बना रहे थे तो हम यह देख रहे थे कि तो इंग्लैंड पर दबाव बन रहाथे। जब तक जडेजा के साथ सिराज बल्लेबाजी कर रहे तो भी हम बहुत आशान्वित थे। यदि ये दोनो इंग्लैंड के दूसरी गेंद लेने तक बल्लेबाजी कर लेते तो और हमें जीत के लिए 12-15 रन ही बनाने होत तो कुछ भी मुमकिन था॥ कुछ चौके छक्के लग जाते तो हम शीर्ष पर वापस आ जाते।‘
गिल ने अपने प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड के कप्तान की गेंदबाजी की सराहना करते हुए कहा, ‘आपको कप्तान स्टोक्स और इंग्लैंड की टीम के प्रयासों की भी तारीफ कारनी होगी। खासतौर पद स्टोक्स के स्पैल जिसमें उन्होंने लगातार 11 ओवर फेंके, जो कि कतई आसान नहीं था। हमने भी पूरी कोशिश लेकिन इंग्लैंड की टीम सोमवार को हमसे बेहतर साबित हुई।