
सुभाष सेठिया
कृति- कल्याण पथ प्रदर्शक : तीर्थंकर महावीर
लेखक- अभिनन्दन गोइल
समीक्षक- सुभाष सेठिया
शतरंग प्रकाशन, लखनऊ से प्रकाशित वरिष्ठ साहित्यिकार श्री अभिनंदन गोइल जी की पुस्तक “कल्याण पथ प्रदर्शक : तीर्थंकर महावीर” एक अनुपम कृति है।
वर्तमान समय में भाव विशुद्धि जैसे पुरुषार्थ सिद्ध कार्य पर लेखक ने गहनता से प्रकाश डाला है। भगवान महावीर के जन्म से निर्वाण तक के जीवन को आचार्य के संदर्भों और वैज्ञानिक विश्लेषण के साथ प्रस्तुत करना, निःसंदेह कृतिकार की विद्वत्ता और गहन शोध को दर्शाता है।
इस पुस्तक में श्री रामधारी सिंह दिनकर, आचार्य श्री विद्यानंद जी, श्री धर्मानंद कौशम्बी जी, डॉ. एस. एम.पहाड़िया जी, मुनि श्री प्रमाण सागर जी, आचार्यश्री महाप्रज्ञ जैसे श्रेष्ठ जनों के संदर्भों का समावेश, इसकी प्रामाणिकता और विश्वसनीयता को और भी बढ़ा देता है
जिनागम के सिद्धांतों, धर्म के दस लक्षणों, छह द्रव्यों के वैज्ञानिक विश्लेषण, सात तत्वों के विवेचन, आठ कर्मों के क्षय, रत्नत्रय (निश्चय और व्यवहार सहित) और मोक्ष मार्ग का विस्तृत वर्णन अत्यंत सराहनीय है। पुस्तक में विशेष रूप से, अनेकांत के सिद्धांत को जिस प्रकार जैन धर्म से जोड़कर प्रस्तुत किया है, वह वास्तव में अद्वितीय है। कर्म निर्जरा के लिए ध्यान की श्रेष्ठता पर बल, आध्यात्मिक पथ पर अग्रसर होने वाले जीवों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक है।
यह आशा ही नहीं, अपितु पूर्ण विश्वास है कि यह मंगलकारी कृति अनेक भव्य जीवों को संयम और सम्यकत्व की ओर अग्रसर करने में सहायक सिद्ध होगी। इस लेखन से निश्चित रूप से समाज में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का संवर्धन होगा। इस अद्भुत साहित्यिक प्रयास के लिए लेखक और प्रकाशक को हार्दिक बधाई।