
- मड पंप 24 घंटे चलेंगे, प्रभावित लोगों को दूध, पानी और फूड पैकेट
- पिछले साल से दोगुनी बारिश, युद्धस्तर पर जुटा प्रशासन
- 32 घंटे में 200 एमएम बारिश, कैचमेंट से पानी की आवक, निरंतर जुटे रहे अफसर
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
जयपुर/अजमेर : शहर में अति भारी वर्षा के तुरंत बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी शनिवार को स्वयं फील्ड में उतरे। उन्होंने जिला कलक्टर सहित सभी संबंधित विभागों के साथ भारी वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, स्वयं पानी में उतरे, लोगों से मिले और उनकी समस्याएं जानकर प्रशासन को राहत के निर्देश दिए। श्री देवनानी ने जलभराव वाले क्षेत्रों से आमजन को निकाल कर रेस्क्यू सेन्टर तक पहुंचाने, उन्हें दूध, पेयजल व फूड पैकेट देने के निर्देश दिए। नालों व सड़कों पर पानी निकासी में बाधाओं को समाप्त करने तथा 24 घंटे मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन से कहा गया कि जब तक बारिश का अलर्ट है, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें तैनात रहें।
वासुदेव देवनानी ने शनिवार को जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु, निगम व एडीए के अफसरों के साथ शहर का दौरा किया। वे स्वयं जल भराव वाले क्षेत्रों में गए और जलभराव से प्रभावित लोगों से मुलाकात की।
श्री देवनानी ने आनासागर एस्केप चैनल से जल निकासी का मौका मुआयना किया। इसके आसपास की कॉलोनी में जल भराव से बचाव के लिए निवासियों को रेस्क्यू केंद्र पर शिफ्ट करने एवं मिट्टी के कट्टे लगाकर पानी के प्रवाह को दिशा देकर नालों से होकर खानपुरा तालाब पहुंचने के पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश दिए।
देवनानी ने इसके पश्चात सागर विहार, बधिर विद्यालय के पीछे आनासागर चौपाटी के समीप स्थित रिहायशी क्षेत्र में जलभराव की स्थिति का जायजा लिया। जल निकासी के लिए पंप द्वारा पानी निकासी की व्यवस्था देखी। बस्ती में रह रहे लोगों को अन्यत्र स्थान पर शिफ्ट करने के दिए निर्देश। स्थानीय निवासियों से बात कर समस्याएं सुनी।
उन्होंने इसके पश्चात चौधरी कॉलोनी जलभराव के समाधान के लिए नाले की सफाई के निर्देश नगर निगम के अधिकारियों को दिए। चौरसियावास, वरुण सागर से इनफ्लो कम हुआ है। आनासागर से लगातार अतिरिक्त जल की निकासी की जा रही है। इससे आनासागर के समीप रिहायशी क्षेत्रों में पानी नहीं भरेगा।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव की स्थिति पर तुरंत नियंत्रण पाने के लिए नालों की साफ सफाई, पंपिंग सेट्स की मदद से पानी की त्वरित निकासी, तथा कॉलोनियों में मिट्टी के कट्टों के जरिए जल प्रवाह की दिशा नियंत्रित करने जैसे सभी आवश्यक उपाय तत्काल प्रभाव से किए जाएं।
देवनानी ने कहा कि यदि किसी क्षेत्र में प्रशासनिक लापरवाही अथवा समन्वय की कमी से आमजन को असुविधा हुई तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जिन कॉलोनियों में जलभराव के कारण जनजीवन बाधित हुआ है वहां प्रभावित परिवारों को आवश्यकतानुसार सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए।
उन्होंने वरूण सागर पहुंचकर झील में जल आवक की वस्तुस्थिति का अवलोकन किया। इस दौरान सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में वरुण सागर झील की जलधारण क्षमता 27 फीट है। इससे अधिक पानी की आवक हुई है। इस कारण जल की चादर चल रही है। इस पर श्री देवनानी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि झील का कैचमेंट एरिया बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष झील में वर्षा पूर्व नियमित सिल्टिंग की जाए। इससे भविष्य में अधिक जलभराव की स्थिति से बचा जा सकेगा। श्री देवनानी ने बोराज ग्राम पहुंचकर वहां स्थित तालाब की पाल की स्थिति का जायजा लिया और पाल की मरम्मत एवं सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है। एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, नगर निगम, विद्युत वितरण कंपनियों सहित सभी विभागों की टीमें फील्ड पर लगातार मौजूद हैं। प्रशासन द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों में 8 से अधिक पंप लगाए गए हैं। इनके माध्यम से लगातार जल निकासी की जा रही है। ऎसे क्षेत्र जहां जलभराव के कारण आमजन बाहर निकलने में असमर्थ है वहां भोजन एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध करवाई जा रही है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए दूध, बिस्किट, आटा एवं आवश्यक सामग्री के एक हजार से अधिक पैकेट विभिन्न कॉलोनियों में वितरित किए जा चुके हैं। शहर के 7 केन्द्रों को राहत शिविरों के रूप में सक्रिय किया गया है।
उन्होंने बताया कि ड्रेनेज सिस्टम की दीर्घकालिक समस्या के समाधान के लिए एक विस्तृत कार्य योजना सरकार को भेजी गई है। सरकार से वित्तीय स्वीकृति मिलने के पश्चात कार्य चरणबद्ध ढंग से प्रारंभ किया जाएगा।
देवनानी ने आमजन से अपील की कि प्रशासन के साथ सहयोग करें और जल निकासी के रास्तों से स्वयं अतिक्रमण हटाएं। उन्होंने चेताया कि यदि स्वयं ऎसा नहीं किया गया तो प्रशासन सख्ती से कार्यवाही करेगा। उन्होंने टाटा पावर के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव के बावजूद विद्युत आपूर्ति निर्बाध बनी रहे। इसके लिए आवश्यक सावधानियां एवं वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने आश्वस्त किया कि प्रशासन द्वारा हर स्तर पर समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं और आमजन को राहत पहुंचाना सर्वोच्च प्राथमिकता है।