
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
मरुधरा प्रदेश राजस्थान में अब मानसूनी बारिश आफत बनने लगी है। मानसूनी सीजन में इस बार औसत से 109 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।अजमेर शहर जलमग्न हो गया है। यहां बारिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए है। आनासागर ओवरफ्लो हो गया और सड़कों पर ‘जल प्रलय’ देखी जा रही है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी शुक्रवार को ही अजमेर पहुंच गए और शनिवार को उन्होंने अजमेर के अतिवृष्टि प्रभावित इलाकों के जाकर स्थित का मौका मुआवना किया है और जिला प्रशाशन के अधिकारियों को राहत और बचाव के सभी प्रबंध सुनिश्चित करने की हिदायत दी है।
अतिवृष्टि से प्रदेश के कई गांवों का संपर्क कट गया है। वहीं घरों में पानी भर गया है।अजमेर, पुष्कर, टोंक ,बूंदी, सवाई माधोपुर, पाली समेत कई शहरों में हालात बिगड़े है. लगातार बारिश से कई नदी, नाले, बांध ओवरफ्लो हो गए है।भारी बारिश के चलते आज कोटा, बारां, झालावाड़, अजमेर, बूंदी, राजसमंद में स्कूल नहीं खुले है., नागौर-पाली में प्राइवेट स्कूल बंद रहे. सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर से मायापुर डूंगरी, टापरी गुजरान और भाई-भाई की ढाणी का संपर्क कट गया है।जोधपुर के बालेसर में बालेसर के अमृतनगर स्थित जलंधर नगर का बांध टूट गया है. बांध का पानी अखेजीरों की ढाणियों एवं खेतों में घुस गया है. ढाणियों के लोग और मवेशी पानी में घिरे है. एक बार तो बाढ़ जैसे हालात बने. ऐसे में प्रशासन को सूचना मिलने पर तुरंत पुलिस एवं प्रशासनिक जाब्ता मौके पर पहुंचा। बांध टूटने से वहां पर फंसे लोगों को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
राजस्थान के बांधों में कुल भराव क्षमता का 66.04 प्रतिशत पानी आ गया है।प्रदेश की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध छलकने को बेताब है. बांध में पिछले 8 घंटे में 8 सेमी. पानी आया है बांध का जल स्तर बढ़कर 314.59 मीटर हो गया है। बांध की पूर्ण भराव क्षमता 315.50 मीटर है।बांध से जयपुर,अजमेर और टोंक की एक करोड़ की आबादी की प्यास बुझती है. बांध तक पानी लाने वाली त्रिवेणी नदी 3.60 मीटर के उफान पर बह रही है। पिछली 19 जुलाई से बांधों में 30.34 प्रतिशत पानी अधिक आ गया है. इस मानसून अब तक बांधों में आया 22.7 प्रतिशत पानी आया है. पिछले 14 घंटे के दौरान 276.18 एमक्यूएम पानी की आवक हुई है. इस मानसून अब तक 150 बांध लबालब हो चुके है. पिछले 24 घंटे के दौरान 35 बांध लबालब हुए है।जिसमें जयपुर संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 67.93 प्रतिशत पानी, भरतपुर संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 52.28 प्रतिशत पानी, जोधपुर संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 33.12 प्रतिशत पानी, कोटा संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 84.73 प्रतिशत पानी, बांसवाड़ा संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 64.48 प्रतिशत पानी, उदयपुर संभाग के बांधों में कुल भराव क्षमता का 41.76 प्रतिशत पानी आ गया है।
मानसून की झमाझम बारिश ने अजमेर में कहर बरपा दिया है। बीते 32 घंटे में करीब 200 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जिससे पूरा शहर पानी-पानी हो गया. लगातार रुक-रुक कर होती बारिश ने आमजन के जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. शहर की गलियों, मुख्य सड़कों, कॉलोनियों से लेकर अस्पतालों तक में पानी भर गया है. जिला प्रशासन और नगर निगम की टीमें राहत कार्यों में जुटी हैं, वहीं एस डी आर एफ की टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है।
शहर की अधिकांश सड़कें जलमग्न हो गई हैं।सबसे अधिक असर आनासागर झील के ओवरफ्लो के कारण हुआ है. आनासागर लिंक रोड, शिवाजी पार्क, बजरंगगढ़ से फव्वारा चौक तक के मार्गों पर पानी भर गया है. देर रात आनासागर झील से पानी निकासी के लिए चैनल गेट खोले गए, लेकिन झील का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण आसपास के क्षेत्र जलभराव की चपेट में आ गए.बजरंगगढ़ से फव्वारा चौराहा तक ट्रैफिक रोक दिया गया है. वहीं, मित्तल चौराहे से पहले बांडी नदी के नजदीक मार्ग को डायवर्ट किया गया है.वरुण सागर झील भी अब ओवरफ्लो की स्थिति में पहुंच गई है।
शहर के शिवाजी पार्क के पास एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया।आनासागर लिंक रोड पर पानी भर जाने के कारण एक बस विद्युत लाइन की चपेट में आ गई. तेज स्पार्किंग के कारण यात्रियों में हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि मौके पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने तत्परता दिखाते हुए यात्रियों को बस से सुरक्षित उतार लिया. बिजली विभाग (टाटा पावर) को तुरंत सूचना दी गई और समय रहते विद्युत आपूर्ति बंद की गई, जिससे बड़ा हादसा टल गया। बारिश के कहर से संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल जवाहरलाल नेहरू भी अछूता नहीं रहा. अस्पताल के ऑर्थोपेडिक वार्ड में पानी भर गया, जिसके कारण मरीजों को अन्य वार्डों में शिफ्ट करना पड़ा। अस्पताल प्रशासन ने जलनिकासी के प्रयास शुरू कर दिए हैं, लेकिन निरंतर हो रही बारिश के कारण समस्या गंभीर बनी हुई है. वार्ड में गंदे पानी और बदबू के कारण मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।
आनासागर झील के नजदीक स्थित कॉलोनियों, जैसे वन विहार, सागर विहार, केशव नगर और आसपास की कच्ची बस्तियों में पानी भर गया है. घरों में घुटनों तक पानी पहुंच गया है. कई जगहों पर घरों में रखा सामान खराब हो गया और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. जिला प्रशासन ने एस डी आर एफ की टीमों को सक्रिय कर दिया है। राहत व बचाव कार्य जारी हैं।लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. केशव नगर में रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है, जहां पीड़ितों के लिए भोजन, जल, प्राथमिक उपचार और विश्राम की व्यवस्था की गई है।
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के साथ अजमेर जिला कलेक्टर निगम आयुक्त बारिश के बीच स्वयं फील्ड में उतर आए है। देवनानी के साथ अधिकारियों ने अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर जलभराव की स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों के निर्देश दिए. प्रशासन की ओर से सभी सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. कलेक्टर ने आमजन से अपील की है कि अनावश्यक रूप से जलभराव वाले क्षेत्रों में न जाएं और प्रशासन द्वारा बताए गए मार्गों का ही उपयोग करें. अजमेर नगर निगम और अन्य विभागों की टीमें लगातार जलनिकासी के प्रयासों में जुटी हुई हैं।
हालांकि शहर में भारी बारिश से हालात चिंताजनक हो गए हैं, लेकिन प्रशासन की सक्रियता और लगातार प्रयासों के चलते स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है. जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम, बिजली विभाग, स्वास्थ्य विभाग और एस डी आर एफ की टीमें मिलकर आपदा प्रबंधन कार्य को अंजाम दे रही हैं।
शहर में अति भारी वर्षा के तुरंत बाद स्वयं फील्ड में उतरे विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने शनिवार को जिला कलक्टर निगम एवं एडीए के अफसरों के साथ शहर का दौरा किया। वे सभी संबंधित विभागों के साथ भारी वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया, स्वयं पानी में उतरे, लोगों से मिले और उनकी समस्याएं जानकर प्रशासन को राहत के निर्देश दिए। देवनानी ने जलभराव वाले क्षेत्रों से आमजन को निकाल कर रेस्क्यू सेन्टर तक पहुंचाने, उन्हें दूध, पेयजल व फूड पैकेट देने के निर्देश दिए। नालों व सड़कों पर पानी निकासी में बाधाओं को समाप्त करने तथा 24 घंटे मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन से कहा गया कि जब तक बारिश का अलर्ट है, सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें तैनात रहें।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव की स्थिति पर तुरंत नियंत्रण पाने के लिए नालों की साफ सफाई, पंपिंग सेट्स की मदद से पानी की त्वरित निकासी, तथा कॉलोनियों में मिट्टी के कट्टों के जरिए जल प्रवाह की दिशा नियंत्रित करने जैसे सभी आवश्यक उपाय तत्काल प्रभाव से किए जाएं।देवनानी ने कहा कि यदि किसी क्षेत्र में प्रशासनिक लापरवाही अथवा समन्वय की कमी से आमजन को असुविधा हुई तो संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
मानसून के अभी करीब दो महीने शेष है और मरुधरा पानी से लबालब हो गई है। ऐसे में मानसून के शेष दो महीने में अतिवृष्टि में बाढ़ नियंत्रण और बचाव एवं राहत के कार्य का प्रबंधन राजस्थान की भजन लाल सरकार के लिए खासी चुनौती वाले रहने वाले है।