
गोपेन्द्र नाथ भट्ट
रेगिस्तान प्रधान राजस्थान में मानसून के मिजाजइस बार निराले ही रहे है और जुलाई महीने के समाप्त होते होते ही प्रदेश सभी ओर वर्षा से तरबतर हो गया है और कई जिलों में वर्षा के पुराने रिकॉर्ड टूट गए है। प्रदेश के अधिकांश बांध पानी से लबालब हो गए है और नदी नाले उफान पर है। राज्य की सड़कों और अन्य संपतियों को नुकसान पहुंचा है यहाँ तक कि राष्ट्रीय राज मार्ग भी क्षतिग्रस्त होने से नहीं बचे है। परिणाम स्वरूप मध्य प्रदेश और अन्य प्रदेशों से राज्य के सड़क संपर्क टूट गया है।अभी भी अनेक जिलों में लगातार भारी बारिश हो रही है तथा आने वाले दिनों में भी सर्वत्र अच्छी बारिश की संभावनाएं बताई जा रही है। यदि प्रदेश में अतिवृष्टि के यही हालात अगस्त सितावर महीनों तक भी बने रहे तो खरीफ की फसलों को भारी नुकसान होने का अंदेशा है। हालाँकि इससे आम लोगों के सामने आगामी गर्मियों में पेयजल मवेशियों के लिए पीने के पानी और चारा तथा रबी की फसलों के लिए सिंचाई के पानी के माकूल इंतजामात हो जायेंगे।
रेगिस्तान प्रधान राजस्थान में मानसून के मिजाज को संभालने और माकूल प्रबंधों को सुनिश्चित करने मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा,उनके मंत्री परिषद के मंत्र वीसी नेताओं एवं अधिकारी कर्मचारियों ने दिखाई सक्रियता है। लोकसभा अध्यक्ष अपने संसदीय क्षेत्र कोटा, विधानसभाध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अपने विधानसभा क्षेत्र अजमेर,केन्द्रीय मंत्रियों गजेन्द्र सिंह शेखावत, भूपेन्द्र यादव,अर्जुन राम मेघवाल ,भागीरथ चौधरी अश्विनी वैष्णव आदि के साथ प्रदेश के सांसदों,विधायकों और अन्य जन प्रतिनिधियों ने अपने क्षेत्रों के जाकर बाढ़ नियंत्रण एवं राहत के उपायों को देखा है।
फिलहाल रेतीले राजस्थान में बाढ़ और अतिवृष्टि से जुड़ी समस्याओं के समाधान के प्रयासों के अन्तर्गत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को ‘अलर्ट मोड’ पर रहने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा है कि अधिकारी सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ बचाव एवं राहत कार्यों में तेजी लाएं। मुख्यमंत्री शर्मा ने बुधवार को आपदा राहत प्रबंधन की बैठक ली और अधिकारियों से कहा कि राज्य में हो रही निरंतर बारिश के चलते सावधान रहें और प्रशासन अत्यधिक बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में पूरी मुस्तैदी के साथ काम करते हुए राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव वाले स्थानों पर सतर्कता और संवेदनशीलता के साथ काम करें जिससे किसी भी प्रकार की जनहानि को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि लगातार बारिश के कारण अधिकतर बांध, तालाब और जलाशय लबालब भर चुके हैं, ऐसे में अधिकारी इनके जल स्तर संबंधी जानकारी लेते रहें। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अधिकारी निचले एवं बाढ़ संभावित इलाकों को सूचीबद्ध करके कर्मचारी नियुक्त करें तथा उन क्षेत्रों की विशेष निगरानी रखें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नागरिक सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए प्रशासन पूरी सक्रियता से काम करे। जिला आपदा प्रबंधन समितियों को सक्रिय करने के लिए भी इस बार विशेषज्ञ प्रायः किए जा रहे है,।इसके साथ ही शर्मा ने लोगों से अपील की कि बारिश के मौसम में विशेष सावधानी बरतें। उल्लेखनीय है कि राज्य के अनेक जिलों में लगातार बारिश होने से निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है।
झालावाड़ के जर्जर भवन की छत गिरने से सात बच्चों की मृत्यु और कई बच्चों के घायल होने की दुर्घटना होने के बाद किसी अन्य हादसे को टालने की दृष्टि से राजस्थान के सभी जिलों में जीर्ण शीर्ण भवनों का सर्वे तथा उनकी मरम्मत के लिए उचित कार्यवाही किए जाने को लेकर तत्परता बरती जा रही है।
देखना है इस बार मानसून आने वाले समय में राजस्थान में वर्षा की मेहर को किन कीर्तिमानों तक पहुंचाती है।