ट्रांस-हिंडन जोन में थानों पर गठित साइबर सेल द्वारा 27 लाख रुपये की रिकवरी कर पीड़ितों को लौटाए

Cyber cell formed at police stations in Trans-Hind zone recovered Rs 27 lakh and returned it to the victims

मनीष कुमार त्यागी 

गाजियाबाद। पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद में पुलिस आयुक्त जे. रविंदर गौड के निर्देशानुसार साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी के खिलाफ चल रहे अभियान में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कमिश्नरेट गाज़ियाबाद के ट्रांस-हिंडन जोन में थानों पर गठित साइबर सेल ने पिछले दो महीनों में कुल ₹ 27,00,000/-की राशि रिकवर कर साइबर अपराध पीड़ितों को वापस लौटा दी है।

जिन लोगों की राशि वापस की गई, वे विभिन्न प्रकार की ऑनलाइन ठगी जैसे यूपीआई फ्रॉड, फेक कस्टमर केयर हेल्पलाइन, फर्जी निवेश योजनाएं, और ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड के शिकार हुए थे। यह राशि पीड़ितों की समय पर शिकायत, साइबर टीमों की त्वरित जांच, और बैंकों व पेमेंट गेटवे के साथ प्रभावी समन्वय के माध्यम से बरामद की गई।

रिकवरी की प्रमुख प्रक्रिया :-

शिकायत पर त्वरित कार्रवाई: हेल्पलाइन नंबर, थानों और ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर ‘गोल्डन ऑवर्स’ के भीतर तुरंत कार्रवाई की गई, जिससे धोखाधड़ी वाले लेनदेन को ट्रैक और फ्रीज़ किया जा सका।

वित्तीय संस्थानों से समन्वयः बैंकों, पेमेंट गेटवे और नोडल अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाकर संदिग्ध खातों को तुरंत फ्रीज़ कराया गया।

साइबर टूल्स का इस्तेमालः उन्नत साइबर फोरेंसिक टूल्स की मदद से लेनदेन की राह, म्यूल अकाउंट्स और धोखेबाज़ों के अकाउंट्स का पता लगाया गया।

इस अवसर पर लाभार्थियों ने गाजियाबाद पुलिस के त्वरित और सहयोगात्मक रवैये की सराहना की। डीसीपी ट्रांस-हिंडन जोन निमिष पाटील ने कहा, “जनता का सहयोग पुलिस कार्रवाई जितना ही महत्वपूर्ण है। समय पर रिपोर्ट करने से हमारी रिकवरी की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। हम नागरिकों से अपील करते हैं कि संदिग्ध लिंक, अज्ञात कॉल या अत्यधिक आकर्षक ऑफ़रों से सतर्क रहें।”

नागरिकों के लिए सावधानी के सुझावः-

1. अपना ओटीपी, पिन या बैंक पासवर्ड किसी से साझा न करें।

2. किसी निवेश योजना या ऑनलाइन विक्रेता को भुगतान करने से पहले उसकी प्रामाणिकता अवश्य जांचें।

3. केवल आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए ग्राहक सेवा नंबर का ही उपयोग करें।

4. किसी भी संदिग्ध लेनदेन की तुरंत सूचना 1930 हेल्पलाइन या www.cybercrime.gov.in पर दें।

गाजियाबाद पुलिस नागरिकों की सुरक्षा के लिए भौतिक और डिजिटल, दोनों क्षेत्रों में पूरी तरह प्रतिबद्ध है और साइबर अपराधों से निपटने के लिए अपनी जांच क्षमताओं को लगातार मजबूत करती रहेगी।