नई शिक्षा नीति के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में मातृ भाषा में पढ़ाई की व्यवस्था को लागू किया जा सकता है : अर्जुन राम मेघवाल

As per the guidelines of the new education policy, the system of studying in mother tongue can be implemented in the primary schools of the state: Arjun Ram Meghwal

नीति गोपेन्द्र भट्ट

नई दिल्ली : केन्द्रीय कानून राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में मातृ भाषा में पढ़ाई की व्यवस्था को लागू किया जा सकता है। यह मामला राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र और विवेकाधीन है ।

केंद्रीय मन्त्री मेघवाल ने यह बात राजस्थानी भाषा मान्यता समिति के अध्यक्ष और देश के जाने माने संस्कृति पुरुष केसरी चंद मालू द्वारा राजस्थानी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसुची में शामिल कराने सम्बंधी चर्चा के दौरान कही। के सी मालू ने संसद भवन में केंद्रीय मन्त्री मेघवाल से भेंट कर उनसे राजस्थानी भाषा, कला-संस्कृति और साहित्य के विकास सहित अन्य कई सामाजिक हित के मुद्दों पर विस्तार में चर्चा की। मालू ने मेघवाल को राजस्थानी पहचान और संस्कृति का पर्याय बताया ।

इस अवसर पर केन्द्रीय मन्त्री मेघवाल ने बताया कि राजस्थानी,भोजपुरी और भोती आदि को संविधान की 8वीं अनुसुची में मान्यता दिलाने का मसला अभी विचाराधीन है। पूर्व में भी कई माननीय सांसदों द्वारा संसद में राजस्थानी, भोजपुरी और भोती आदि भाषाओं को संवैधानिक मान्यता देने का आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के दिशा-निर्देशों के अनुरूप राजस्थान के प्राथमिक स्कूलों में भी मातृ भाषा राजस्थानी (जिसमें प्रदेश के सभी अंचलों की भाषाएं शामिल है) में पढ़ाई की व्यवस्था को लागू किया जा सकता है।

के सी मालू ने केन्द्रीय मन्त्री मेघवाल को भारतीय संगीत को समर्पित सुर संगम संस्था द्वारा पिछले पच्चास वर्षों से आयोजित किए जा रहें राष्ट्रीय वार्षिक युवा महोत्सव की जानकारी भी दी तथा आगामी 1 और 2 अक्टूबर को जयपुर के जवाहर कला केन्द्र में आयोजित किए जा रहें 36 वें राष्ट्रीय वार्षिक युवा समारोह के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का आमन्त्रण दिया।