काष्ठ-शिल्प सम्राट पद्मश्री अजय भंडारी ने डॉ. राजाराम त्रिपाठी को भेंट की अद्भुत गणेश कलाकृति

Woodcraft emperor Padmashri Ajay Bhandari presented a wonderful Ganesha artwork to Dr. Rajaram Tripathi

रविवार दिल्ली नेटवर्क

  • मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के मंच पर बस्तर की कला, कृषि और सेवा का अनोखा संगम
  • अनूठी कलाकृति – लकड़ी पर गणेश महामंत्र उकेर कर अद्भुत गणपति प्रतिमा डॉ राजाराम त्रिपाठी को किया भेंट
  • देश की दो दिग्गज शख्सियत एक मंच – पद्मश्री अजय मंडावी और देश के सर्वश्रेष्ठ किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी का सम्मान-संवाद
  • बस्तर की परंपरा जीवंत – शाल और प्रसिद्ध बस्तरिया शहद से सम्मान
  • युवा प्रेरणा – खेल विज्ञान, पारंपरिक चिकित्सा, बांस शिल्प और मीडिया सेवा में सक्रिय नवप्रवर्तक युवा संगम

जगदलपुर : मां दंतेश्वरी हर्बल समूह परिसर स्थित ‘बईठका-हाल’ कल एक ऐतिहासिक और भावपूर्ण क्षण का साक्षी बना। बस्तर-कांकेर के सुप्रसिद्ध काष्ठ शिल्पकार एवं पद्मश्री अजय मंडावी, जो काष्ठ कला में अपने अद्वितीय प्रयोगों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान के लिए विख्यात हैं, ने ‘ पर्यावरण योद्धा’, ‘नई हरित क्रांति’ के पुरोधा, जैविक कृषि विशेषज्ञ और देश के ‘सर्वश्रेष्ठ किसान’ का खिताब सात बार जीत चुके डॉ. राजाराम त्रिपाठी को अपनी अनूठी काष्ठ कलाकृति भेंट कर सम्मानित किया। यह अद्भुत कलाकृति लकड़ी पर इस तरह से उकेरी गई है कि गणेश जी का महामंत्र संपूर्ण रूप से एक सजीव प्रतिमा के रूप में उभरता है। दूर से देखने पर यह सुंदर गणेश प्रतिमा नज़र आती है, और पास से देखने पर पूरा महामंत्र बारीकी से अंकित मिलता है। पद्मश्री अजय मंडावी ने इसे केवल कला का नमूना नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा का माध्यम बताया। उन्होंने उम्मीद की गणपति की इस आध्यात्मिक ऊर्जा से अब मां दंतेश्वरी हर्बल समूह उत्तरोत्तर प्रगति की ओर पर अग्रसर होगा तथा बस्तर , छत्तीसगढ़ व देश की अधिकाधिक सेवा कर सकेगा।

कार्यक्रम में डॉक्टर राजाराम त्रिपाठी ने बस्तर की परंपरा के अनुरूप पद्मश्री अजय मंडावी को शाल ओढ़ाकर और बस्तर की प्रसिद्ध शहद भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने कहा‌“अजय मंडावी की कला बस्तर की आत्मा और भारत की सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत स्वर है, जिसमें परंपरा और नवाचार का अद्भुत समन्वय है।”

इस अवसर पर मां दंतेश्वरी हर्बल समूह के निर्देशक अनुराग त्रिपाठी, ‘संपदा समाजसेवी संस्थान’ की अध्यक्ष जसमती नेता, मिशन लीडर शंकर नाग, माधुरी देवांगन सहित अनेक गणमान्य मौजूद रहे।

समारोह में पद्मश्री अजय भंडारी के साथ दिल्ली और उत्तराखंड से आए युवा समाजसेवी विभूतियों का दल भी उपस्थित रहा, जिनमें प्रमुख थे, आकाश मांडवी पद्मश्री अजय मंडावी के होनहार पुत्र हैं तथा (Sports Authority of India,) पटियाला में विशेषज्ञ की हैसियत से सेवा दे रहे हैं साथ हवर्तमान में ‘आयुष दर्शन फाउंडेशन’ में नाड़ी विज्ञान का अध्ययनरत हैं। खेल- विज्ञान, कायरोपैथी ,पारंपरिक चिकित्सा और जनसेवा के अनूठे संगम पर कार्यरत हैं।,डॉ. मोहित धींगरा ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेजस्नातक, वर्तमान में PG कर रहे हैं। अंकित शाह , ‘प्राकृतिक इंडिया’ के संस्थापक हैं, बांस आधारित प्रशिक्षण, लैंडस्केपिंग और पौध संवर्धन में विशेषज्ञ हैं।

यह आयोजन बस्तर की कला, जैविक कृषि और समाज सेवा के अद्भुत त्रिवेणी संगम का प्रतीक बना, जिसने यह स्पष्ट कर दिया कि जब सृजन और सेवा साथ चलते हैं, तो समाज में प्रेरणा की एक नई धारा प्रवाहित होती है।