हॉकी इंडिया ने ओलंपिक कांस्य पदक विजेता डॉ.वेस पेस के निधन पर शोक जताया

Hockey India condoles the demise of Olympic bronze medallist Dr Vece Paes

सत्येंद्र पाल सिंह

नई दिल्ली : अपने जमाने के मध्यपंक्ति के बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी 1972 के म्युनिख ओलंपिक में कांसा जीतने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम के सदस्य रहे डॉ.वेस पेस का 80 बरस की उम्र में बृहस्पतिवार को निधन हो गया। डॉ. वेस पेस भारत के महान टेनिस खिलाड़ी और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लिएंडर पेस के पिता थे। डॉ. वेस पेस के निधन पर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष पूर्व हॉकी ओलंपियन दिलीप तिर्की और हॉकी इंडिया के महासचिव भोलानाथ सिंह ने शोक जताया है।

हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की ने कहा, ‘हॉकी इंडिया के लिए यह बड़े दुख का दिन है।डॉ वेस पेस के निधन हॉकी के एक महान युग का अंत हो गया। म्युनिख ओलंपिक में भारत को कांसा जिताना डॉ. वेस पेस के जीवट और संकल्प का प्रमाण है। मुझे कई बार मुझे उनसे मिलने का सौभाग्य मिला। मैं हमेशा से ही खेलों के प्रति उनके जुनून से प्रेरित रहा । वह देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के बड़े समर्थक थे। हॉकी इंडिया की ओर से हम उनकी पत्नी जेनिफर, बेटे ओलंपियन लिएंडर पेस और उनके पूरे परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। दुख की इस घड़ी में हम उनके परिवार के साथ हैं।’

हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने भी डॉ. वेस पेस के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा,‘हॉकी इंडिया की ओर से हम लिएंडर, उनकी मां और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। खेल और खेल विज्ञान में डॉ. पेस की उपलब्धियों को हमेशा याद रखा जाएगा और उनकी विरासत हमेशा अमर रहेगी।’

1 अप्रैल, 1945 को जन्में डॉ.वेस पेस खेल और शिक्षा, दोनों में बेजोड़ थे। खिलाड़ी होने के साथ ही डॉ.वेस पेस स्पोटर्स मेडिसन के डॉक्टर थे वह कलकत्ता क्रिकेट एंड फुटबॉल क्लब के भी अध्यक्ष रहे। डॉ. वेस पेस के बेटे भारत के महान टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस अक्सर अपने खेल करियर को दिशा देने में अपने पिता के प्रभाव और प्रेरणा के बारे में बात करते थे, खासतौर पर ओलंपिक में भारत की नुमाइंदगी के अपने जुनून के बारे में।

रग्बी के प्रति उनके प्रेम ने उन्हें 1996 से 2002 तक भारतीय रग्बी फुटबॉल संघ का अध्यक्ष बना दिया