सनातन धर्म की रक्षा किए बिना मानवता की रक्षा की कल्पना असंभव – महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज

It is impossible to imagine the protection of humanity without protecting Sanatan Dharma - Mahamandaleshwar Yeti Narasimhanand Giri Maharaj

दीपक कुमार त्यागी

  • पंजाब की पवित्रभूमि पर हिन्दुओं की रक्षा हेतु होगा मां बगलामुखी महायज्ञ
  • गीता महाकुंभ में जुटेंगे देशभर के गीता मनीषी

लुधियाना : प्राचीन शिव शक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर एवं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने आज पंजाब के लुधियाना में दीपेश जैन के आवास पर अश्वनी हिन्दू की अध्यक्षता में बैठक में हिंदू संगठनों के प्रमुख कार्यकर्ताओं के साथ विचार विमर्श किया, बैठक में यह तय किया कि आगामी मकरसंक्रांति 14 जनवरी से से 18 जनवरी 2026 तक पंजाब की पवित्र भूमि पर मां बगलामुखी महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यह 5 दिवसीय महायज्ञ सनातन धर्म की रक्षा और सनातन धर्म के मानने वालों के परिवार सहित अस्तित्व की रक्षा के लिए आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन लुधियाना की प्रमुख आध्यात्मिक हस्ती गुरुदेव आनंद अत्री के संरक्षण और मार्गदर्शन में उनके आश्रम कष्ट निवारण महादेव मंदिर में होगा। यह आयोजन अश्वनी हिन्दू और दीपेश जैन के पुरुषार्थ और पंडित आनंद अत्री के संरक्षण और मार्गदर्शन में आयोजित किया जाएगा।

“बैठक में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि जब तक सनातन धर्म की रक्षा नहीं होगी, तब तक मानवता की रक्षा की कोई कल्पना नहीं की जा सकती। सनातन की रक्षा से ही मानवता की रक्षा का रास्ता निकलेगा।”

बैठक में यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि महायज्ञ के साथ ही 17 और 18 जनवरी 2026 को दो दिवसीय गीता महाकुंभ का आयोजन होगा। यह सभी आयोजन गुरुदेव आनंद अत्री की अध्यक्षता में संपन्न होगा। इस महाकुंभ में देश-विदेश से संत-महात्मा, गीता मनीषी एवं धर्माचार्य भाग लेंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य भगवद् गीता के वास्तविक अर्थ को जन-जन तक पहुंचाकर संपूर्ण विश्व को मानवता की रक्षा और सनातन धर्म की पुन:स्थापना की प्रेरणा देना है।

बैठक को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि इस समय सनातन धर्म का संपूर्ण अस्तित्व खतरे में है। हर तरफ से सनातन धर्म और सनातन धर्म के मानने वालों पर आक्रमण किया जा रहा है और हमें मिटाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। जैसे-जैसे महाविनाश के षड्यंत्र गहन होते जा रहे हैं और शत्रु प्रबल होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे ही बुद्धि भ्रष्ट होती जा रही है। हम एकता की ओर चलने के स्थान पर तेजी से एक दूसरे के विरुद्ध षड्यंत्र रचने में लग गए हैं। आज स्थिति ये है कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए संघर्ष करने को हमारे पास ना तो कोई धर्मगुरु है, ना ही कोई नेता है और ना ही कोई संगठन है। आज लुटेरों और ठगो के संगठित गिरोहों के समक्ष हिन्दू समाज बिल्कुल निरीह बकरे की तरह कटने को तैयार खड़ा है। अब तो केवल मां और महादेव ही हमे बचा सकते हैं अन्यथा अब सम्पूर्ण विनाश बिल्कुल सामने खड़ा हो गया है।
उन्होंने कहा कि मां बगलामुखी सनातन धर्म में शत्रु विनाश और सद्बुद्धि की सबसे प्रचंड शक्ति है। अब हम सब उन्हीं की शरण में चलकर उनसे सनातन धर्म और हमारे परिवार सहित अस्तित्व की रक्षा और हमारे धर्म के शत्रुओं के विनाश की प्रार्थना करेंगे। हम मां बगलामुखी की सुप्त शक्तियों के जागरण हेतु सम्पूर्ण विश्व में इस प्रकार के आयोजन करेंगे और धर्म को बचा कर रहेंगे। उन्होंने पंजाब की धर्मपरायण जनता से इस महायज्ञ में तन,मन,धन से सहयोग करने का आह्वान किया।

बैठक में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज के साथ विश्व धर्म संसद की मुख्य संयोजिका डॉ उदिता त्यागी,यति अभयानंद, यति धर्मानंद, डॉ योगेंद्र योगी, बृजमोहन सिंह तथा अन्य भक्तगण भी बैठक में उपस्थित थे।