क्या चाणक्य बचा पाएंगे ज्ञानेश गुप्ता की कुर्सी?

Will Chanakya be able to save Gyanesh Gupta's chair?

के पी मलिक

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश गुप्ता पर घिरता तूफ़ान अब सिर्फ़ एक प्रशासनिक विवाद नहीं, बल्कि सत्ता और विपक्ष की प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। अमित शाह के बेहद क़रीबी माने जाने वाले गुप्ता को शाह ने पहले गृह मंत्रालय में तरजीह दी और फिर नए बने सहकारिता मंत्रालय के सचिव की कुर्सी पर बिठाया था। यही नज़दीकी अब उनके लिए ढाल भी है और तलवार भी।

राहुल गांधी के “वोट की चोरी” वाले धमाकेदार खुलासे ने सीधे चुनाव आयोग की साख को कटघरे में खड़ा कर दिया है। विपक्ष खुलकर कह रहा है कि चुनाव आयोग अब ‘स्वतंत्र’ नहीं, बल्कि सत्ता की कठपुतली बन चुका है और इसकी सबसे बड़ी वजह हैं पहले ज्ञानेश गुप्ता।

इसलिए विपक्ष संसद में गुप्ता के ख़िलाफ़ महाभियोग की तैयारी में है। ठीक उसी तरह जैसे महाभियोग लाकर सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के जज हटाए जाते हैं, वैसे ही मुख्य चुनाव आयुक्त को भी संसद ही हटा सकती है। बड़ा सवाल है कि क्या मोदी-शाह की ताक़त ज्ञानेश गुप्ता की कश्ती को इस तूफ़ान से बचा पाएगी?

एक तरफ़ पूरा विपक्ष उन्हें हटाने पर आमादा है, दूसरी तरफ़ सत्ता पक्ष हर हाल में उन्हें बचाने की जुगत में है। नतीजा चाहे जो भी हो, लेकिन दांव पर सिर्फ़ गुप्ता की कुर्सी नहीं, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की विश्वसनीयता भी लगी हुई है।