जिसने अपना माना नईं, उसके नाज़ उठाना नईं : दीक्षित दनकौरी

I cannot take pride in the person who does not accept me as my own: Dixit Dankauri

दीपक कुमार त्यागी

दिग्गज कवियों ने काव्यपाठ करके धूमधाम से मनाया देश-दुनिया में प्रख्यात शायर दीक्षित दनकौरी जन्मोत्सव

नई दिल्ली : प्रख्यात शायर दीक्षित दनकौरी के जन्म दिवस पर हिंदी अकादमी दिल्ली और उर्दू अकादमी दिल्ली के सौजन्य से जश्ने अदब द्वारा हिंदी भवन नई दिल्ली में एक भव्य कवि सम्मेलन/ मुशायरा आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता लखनऊ से पधारे वरिष्ठ शायर भूपेंद्र सिंह ‘होश’ ने की। मुख्य अतिथि सुकवि अश्विनी कुमार ‘चांद’ IPS और विशिष्ट अतिथि के रूप में शैलेन्द्र जैन ‘अप्रिय’- समूह संपादक अमर भारती, संध्या दीक्षित – पूर्व पार्षद दिल्ली नगर निगम, और काव्य प्रेमी वरिष्ठ सी ए शशि गर्ग उपस्थित रहे।

अनस फ़ैज़ी और पूनम माटिया के संयुक्त संचालन में दिल्ली एन सी आर और देशभर से पधारे लगभग 30 कवि / कवयित्रियों ने शानदार काव्यपाठ से हॉल में उपस्थित सैकड़ों सुधी श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

समारोह में उपस्थित मंचस्थ अतिथियों, कवियों और सभी काव्य प्रेमी श्रोताओं ने दीक्षित दनकौरी को जन्मदिवस की बधाई एवं तोहफ़े भेंट किए।

दीक्षित दनकौरी ने भी अपने पुरकशिश तरन्नुम में ग़ज़ल पाठ करके श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। उन्होंने कहा,

जिसने अपना माना नईं उसके नाज़ उठाना नईं। हाल तो उसने पूछ लिया, लेकिन वो पहचाना नईं।

अपने उद्बोधन में दीक्षित दनकौरी ने जश्न ए अदब, हिंदी अकादमी दिल्ली, उर्दू अकादमी दिल्ली और सहयोगी संस्थाएं, अमर भारती, काव्यलोक (गाजियाबाद), अंजुमन फ़रोग़ ए उर्दू का आभार एवं उपस्थित श्रोताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया।