पंजाब जल प्रलय : दुनिया के मददगारों को आज मदद की दरकार

Punjab floods: The world's helpers need help today

तनवीर जाफ़री

भारत का “अन्न भंडार” कहा जाने वाला देश की खाद्य आपूर्ति के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य पंजाब इन दिनों जल प्रलय जैसे अति गंभीर संकट से जूझ रहा है। कुछ स्रोतों के अनुसार राष्ट्रीय खाद्य भंडार में पंजाब लगभग 45% अनाज का योगदान करता है। इसमें देश के गेहूं उत्पादन में लगभग 22% और चावल उत्पादन में लगभग 12% का योगदान शामिल है। इसीलिए पंजाब देश की खाद्य आपूर्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। इसके अलावा इसी पंजाब का किसान भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में ज़रूरतमंदों की हर तरह की मदद करने के लिये पहली पंक्ति में खड़ा नज़र आता है। चाहे वह युद्ध की विभीषिका से जूझने वाले लोग हों या भूकंप,सुनामी अथवा बाढ़ से प्रभावित लोग,शरणर्थियों की मदद करनी हो या कोरोना जैसे विश्वस्तरीय संकटकाल में लोगों को मुफ़्त भोजन व अन्य सुविधायें उपलब्ध कराना हो, पंजाब की यह क़ौम हमेशा सबसे आगे खड़ी नज़र आई है। न यह धर्म देखते हैं न देश, न सीमा न जाति या भाषा। इन्हें प्रत्येक मानव की पीड़ा अपनी पीड़ा महसूस होती है और यह क़ौम तन मन धन से एकजुट होकर मदद करने को खड़ी हो जाती है। आज पूरे देश में न जाने कितने गुरुद्वारे दिन रत ज़रूरतमंदों को लंगर उपलब्ध कराते हैं। देश बार में स्वास्थ्य सम्बन्धी दर्जनों प्रयोगशालाएं व अस्पताल इनके सौजन्य से संचालित हो रहे हैं।

दुर्भाग्यवश आज हमारे देश का यही पंजाब प्राकृतिक प्रकोप से जूझ रहा है। इन दिनों जम्मू कश्मीर,हिमाचल प्रदेश व उत्तरांचल सहित केवल पंजाब में आई भीषण बाढ़ से राज्य के सभी 23 ज़िले प्रभावित हैं। राज्य में अब तक दर्जनों लोगों की मौत या उनके लापता होने के समाचार हैं। इस जल प्रलय से पंजाब के लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। क़रीब 2000 गांव जलमग्न हो गए हैं। अनुमान के अनुसार बाढ़ ने लगभग 18 लाख हेक्टेयर खेतों की फ़सलें बर्बाद कर दी हैं। बासमती फ़सल को तो भारी नुक़्सान हुआ है। अभी तक 600 करोड़ से अधिक के नुक़सान का अनुमान लगाया जा रहा है। सरकारी व अनेक ग़ैर सरकारी स्वयंसेवी संगठनों द्वारा राहत और बचाव कार्य तेज़ी से चलाया जा रह है। हज़ारों बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित जगहों पर या राहत शिविरों में पहुँचाया जा चुका है।

इसी दौरान शौर्य समर्पण व बलिदान की इस धरती से बड़े ही ह्रदय विदारक दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हज़ारों गायें भैंसें तेज़ बहाव में बहकर लापता हो गई हैं। पूरी पूरी डेयरियां जल प्रलय का शिकार हो गयी हैं। लोगों के खेतों में वर्तमान फ़सल तो बर्बाद हुई ही है परन्तु ऐसी संभावना भी है कि खेतों में रेत की मोटी परत बैठ जाने के चलते अनिश्चितकाल के लिये इन खेतों की अपनी उर्वरक क्षमता भी समाप्त हो जाएगी। गोया इस जल प्रलय के चलते आने वाले वर्षों में देश की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होने की संभावना है।

बहरहाल आज पीड़ा की इस घड़ी में पंजाब के किसानों के साथ पूरा देश खड़ा दिखाई दे रहा है। अक्षय कुमार,दिलजीत दोसांझ,रणदीप हुड्डा,सोनू सूद,प्रीटी जिंटा,करीना कपूर,विक्की कौशल,एमी विर्क,राज कुंद्रा,गुरु रंधावा,गिप्पी ग्रेवाल,करण औजला,सुनंदा शर्मा,शाहरुख़ ख़ान , आलिया भट्ट, करण जौहर,हरभजन सिंह,मनकीरत औलख,बब्बू मान, रणजीत बावा,सोनम बाजवा ,संजय दत्त,अजय देवगन, कपिल शर्मा, बादशाह, सिद्धार्थ मल्होत्रा व अनन्या पांडे जैसे अनेक फ़िल्म व कला जगत से जुड़े लोगों ने बढ़चढ़कर या तो भारी भरकम रक़म दान की है या पीड़ितों के लिये राहत शिविर स्थापित किये हैं,एम्बुलेंस दान की हैं अथवा उनके साथ अपना समर्थन व्यक्त किया है। इसी तरह मदरसा ज़ीनत उलूम,नारायणगढ़ मदरसा जमीयतुल उलूम, मेवात के मुस्लिम समुदाय के लोग व दर्जनों मस्जिदों से राहत भरे ट्रक पंजाब की ओर भेजे जा रहे हैं। ईरान ने भी भारत के पंजाब में आई भीषण बाढ़ पर गहरा दुख व्यक्त किया है। ईरान के भारत स्थित दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर जारी एक संदेश में कहा कि पंजाब में आई बाढ़ से हुए व्यापक नुक़्सान और दर्द को देखकर मन दुखी है। दूतावास ने प्रभावित लोगों और राहत कार्यों में लगे सभी के लिए प्रार्थनाएं कीं तथा भगवान से सभी की रक्षा और आशीर्वाद की कामना की। ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामनेई की ओर से भी पंजाब के बाढ़ पीड़ितों की हिफ़ाज़त और सलामती के लिए दुआएं भेजी गई हैं। ईरान के इस बयान की सोशल मीडिया पर काफ़ी सराहना की गयी है।

आज पूरे देश के हर वर्ग व हर धर्म का व्यक्ति पंजाब के इन किसानों के साथ इसीलिये खड़ा है क्योंकि गुरुनानक देव जी महाराज द्वारा किये गये ‘सच्चा सौदा ‘ के संस्कारों में परवरिश पाने वाला पंजाब का यह किसान भी बुरे वक़्त में पूरी दुनिया के साथ दुर्गम से दुर्गम परिस्थितियों में भी हमेशा खड़ा दिखाई दिया है। जहां कहीं धर्म देश या जाति देखकर लोगों की सहायता करने वाले संकीर्ण सोच के लोग मुसीबत में खड़े नहीं होते वहीँ पंजाब का यह समुदाय केवल मानवता को मद्देनज़र रखकर हमेशा हर जगह हर एक पीड़ित के साथ खड़ा दिखाई दिया है। संकट की इस घड़ी में देश के कारपोरेट घरानों व उद्योगपतियों को भी खुलकर सामने आना चाहिये। देश के उन बड़े बड़े मठों व धर्मस्थलों को भी मदद के हाथ पंजाब के जल प्रलय प्रभावित लोगों की ओर बढ़ाना चाहिये जिनके भण्डार अकूत सोने चांदी व धन सम्पदा से भरे पड़े हैं। देश के धनाढ्य कथावाचकों व धर्माधिकारियों को भी खुलकर सामने आना चाहिये। देश की बड़ी दरगाहों व जमाअतों को भी संकट में पंजाब के साथ खड़े होना चाहिये। बेशक प्रकृतिक प्रकोप के चलते दुनिया के इन मददगारों को भी आज वक़्ती तौर पर मदद की दरकार ज़रूर है परन्तु विश्वास है कि मानवता व भाईचारे की मिसाल पेश करने व संकट में सबके साथ खड़ी नज़र आने वाली यह क़ौम जल्द ही इस संकट से भी उबार जाएगी।