किडज़ानिया ने बच्चों के लिए पॉटरी और आर्ट रोल-प्ले की नई दुनिया खोली

KidZania opens up a new world of pottery and art role-play for kids

मीताकृति आर्ट स्टूडियो संग किडज़ानिया का रचनात्मक सफर

मुंबई (अनिल बेदाग): बच्चों के एडुटेनमेंट की दुनिया में अग्रणी किडज़ानिया ने स्वर्ण पदक विजेता मूर्तिकार मीता सुरैया द्वारा स्थापित मीताकृति आर्ट स्टूडियो के साथ साझेदारी करते हुए एक नई और प्रेरणादायक रोल-प्ले एक्टिविटी की शुरुआत की है। इस पहल के तहत बच्चे पॉटरी और आर्ट का अनुभव करते हुए खुद को कलाकार या कुम्हार की भूमिका में देख पाएंगे।

मीताकृति पॉटरी स्टूडियो बच्चों को मिट्टी को गढ़ने, अनोखे डिज़ाइन बनाने और कल्पनाओं को साकार करने का अवसर देता है। यह अनुभव सिर्फ खेल नहीं है—बल्कि बच्चों को यह समझने का मौका देता है कि कला और शिल्प भविष्य में एक वास्तविक करियर का रूप ले सकते हैं। चाहे वह सिरेमिक डिज़ाइन हो, मूर्तिकला हो या आर्ट थेरेपी—यह स्टूडियो बच्चों को रचनात्मकता को एक पेशेवर रास्ते के रूप में देखने की प्रेरणा देता है।

सत्रों के दौरान नन्हें कलाकार बिजली के चाक पर टेराकोटा मिट्टी को आकार देंगे और अपनी रचनाओं को रंगों से सजाएँगे। बच्चों को इस अनुभव में डुबोने के लिए एक छोटा वीडियो भी दिखाया जाएगा, जिसमें कुम्हार बनने की यात्रा और पर्यावरण-अनुकूल तरीकों का महत्व समझाया जाएगा।

किडज़ानिया इंडिया के मुख्य व्यवसाय अधिकारी तरनदीप सिंह सेखों ने कहा—
“हम मानते हैं कि शिक्षा सिर्फ कक्षा तक सीमित नहीं रहती। पॉटरी और आर्ट बच्चों को ध्यान, रचनात्मकता और कौशल का संगम सिखाते हैं। मीता सुरैया और मीताकृति आर्ट स्टूडियो के सहयोग से हम बच्चों के लिए एक ऐसा मंच बना पाए हैं जहाँ वे अपनी प्रतिभाओं को खोज सकें और समझ सकें कि शौक किस तरह पेशे का रूप ले सकता है। आने वाले महीनों में हम किडज़ानिया दिल्ली-एनसीआर में भी एक नया स्टूडियो शुरू करेंगे।”

वहीं, मीता सुरैया, संस्थापक और निदेशक, मीताकृति आर्ट स्टूडियो ने कहा—
“हर बच्चा अलग होता है और कला ही वह भाषा है जिससे वे खुद को पहचानते हैं। पॉटरी और आर्ट आत्म-अभिव्यक्ति के साथ-साथ वास्तविक करियर विकल्प भी खोलते हैं। किडज़ानिया के साथ हमारा सहयोग बच्चों को यह दिखाने का प्रयास है कि आज मिट्टी से बने छोटे-छोटे आकार भविष्य के बड़े सपनों को गढ़ सकते हैं।”