आतंकियों का लश्कर बनने से पहले ही नेस्तनाबूद

Destroyed before the terrorists could form a force

इंद्र वशिष्ठ

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने झारखंड, तेलंगाना, बेंगलुरु, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की पुलिस/एटीएस के साथ एक संयुक्त अभियान में पाकिस्तानी आका/हैंडलर समर्थित एक आतंकी गिरोह/मॉड्यूल को सिर उठाने से पहले ही कुचल दिया। संदिग्ध आतंकियों को लश्कर बनाने और कोई आतंकी हमला करने से पहले ही पुलिस ने नेस्तनाबूद कर दिया।

इस मामले में अशर दानिश (23) निवासी बोकारो, झारखंड, आफ़ताब कुरैशी (25) निवासी कल्याण, मुंबई, सूफ़ियान अबुबकर खान (20) निवासी मुंब्रा, महाराष्ट्र, मोहम्मद हुज़ैफ़ यमन (20) निवासी नरसापुर, तेलंगाना और कामरान कुरैशी उर्फ ​​समर खान (26) निवासी राजगढ़, मध्य प्रदेश को गिरफ्तार किया गया।

गज़वा-ए-हिंद-
स्पेशल सेल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि इनका इरादा सबसे पहले गज़वा-ए-हिंद के लिए किसी जमीन पर कब्जा करके उसे खिलाफत/स्वतंत्र घोषित करना। इसके बाद आतंकी जेहाद के लिए लश्कर बनाने का था। इस गिरोह का सरगना अशर दानिश उर्फ सीईओ उर्फ प्रोफेसर है। उसने अपनी आईडी गजवा लीडर के नाम से बनाई हुई है। सीईओ के नाम से वह इस तरीके से काम कर रहा था जैसे कि पेशेवर कंपनी या एनजीओ चला रहा हो।

6 राज्यों में छापे- स्पेशल सेल के डीसीपी अमित कौशिक की देखरेख में एसीपी हृदय भूषण, एसीपी राहुल विक्रम, इंस्पेक्टर विनय पाल, इंस्पेक्टर मनोज कुमार के नेतृत्व में सहयोगी एजेंसियों के समन्वय से, दिल्ली, रांची, ठाणे (महाराष्ट्र), बेंगलुरु, निज़ामाबाद (तेलंगाना) और राजगढ़ (मध्य प्रदेश) में कई स्थानों पर एक साथ छापे मारे गए। पाकिस्तानी आका द्वारा संचालित किए जा रहे अखिल भारतीय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ।

दिल्ली से 2 गिरफ्तार-
स्पेशल सेल के एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद सिंह कुशवाहा ने बताया कि दिल्ली के हज़रत निज़ामुद्दीन रेलवे स्टेशन से सटे थीम पार्क के पास से 9 सितंबर को आफ़ताब नासिर कुरैशी और सूफ़ियान अबुबकर खान को दो पिस्तौल और 15 कारतूस के साथ पकड़ा गया। इसके बाद दस सितंबर को रांची, ठाणे, बेंगलुरु, निज़ामाबाद और राजगढ़ में संयुक्त छापे मारे गए।

पाकिस्तानी कनेक्शन-
अशर दानिश को रांची से गिरफ्तार किया गया। उसके किराए के कमरे से आईईडी/बम बनाने के उपकरण और केमिकल बरामद किए गए। उसने आतंकी तरीकों से खिलाफत स्थापित करने की आपराधिक साजिश के तहत हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक खरीदे थे। उसने खुलासा किया कि उसे पाकिस्तान स्थित एक आका से निर्देश मिल रहे थे।

आतंकी आका- पुलिस के अनुसार पाकिस्तानी आका किसी आतंकी तंजीम का ही हो सकता है। जो अपनी पहचान छिपाने की कोशिश कर रहा है।

कट्टरपंथियों पर निरंतर निगरानी-
एडिशनल पुलिस कमिश्नर प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि स्पेशल सेल सोशल मीडिया पर सक्रिय कट्टरपंथी युवाओं सहित संभावित आतंकवादी गुर्गों की पहचान के लिए निरंतर निगरानी कर रहा है।

विश्वसनीय स्रोतों से सुराग प्राप्त करते हुए, दिल्ली, रांची, ठाणे, निज़ामाबाद और राजगढ़ में सक्रिय एक आतंकवादी मॉड्यूल की पहचान की गई। इसके सदस्यों को बारूद तैयार करने और आईईडी/बम बनाने की महत्वपूर्ण जानकारी थी।

जान कुर्बान करने को तैयार-
उनमें से कुछ ने गज़वा-ए-हिंद की अवधारणा के तहत भारत में खिलाफत स्थापित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने की इच्छा व्यक्त की। यह भी पता चला कि रांची निवासी अशर दानिश, दिल्ली/एनसीआर से हथियार और कृषि-रसायन की दुकानों व ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म से रासायनिक पदार्थ ख़रीदने की कोशिश कर रहा था।

पुलिस की कहानी –
अशर दानिश रांची के सिल्ली कॉलेज से अंग्रेजी (ऑनर्स) में स्नातकोत्तर है। जनवरी 2024 में वह रांची के न्यू तबारक लॉज में रहने चला गया, जहां उसने डॉ. इसरार अहमद के भाषण सुनने शुरू किए और धीरे-धीरे कट्टरपंथी विचारों को अपना लिया। इंस्टाग्राम पर उसकी मुलाकात आफ़ताब कुरैशी और इज़हार-उल-हक जैसे लोगों से हुई, जिनकी विचारधाराएं उससे मिलती-जुलती थी।

खिलाफत- उसने इंस्टाग्राम पर एक ग्रुप बनाया और लगभग 40 लोगों को जोड़ा, जहां खिलाफत की स्थापना पर चर्चा होती थी। उसने खुद को कंपनी का सीईओ, प्रोफेसर या एनजीओ संचालक बताते हुए कई सोशल मीडिया आईडी वाले कई ग्रुप भी बनाए ताकि उन पर और उनकी गतिविधियों पर किसी भी तरह की निगरानी को छुपाया जा सके। केमिकल की खरीद के लिए धन इकट्ठा किया और बारूद बनाने के लिए सल्फर खरीदा। अगस्त 2025 में, उसने कारतूस बनाने के लिए ताम्रपत्र खरीदे। उसने हथियार बनाने के प्रोटोटाइप के रूप में अध्ययन करने के लिए बोकारो से एक गोली और एक देसी पिस्तौल भी ली।

लश्कर बनाओ- आफ़ताब नासिर कुरैशी ने दसवीं तक पढ़ाई की है वह विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अशर दानिश से जुड़ा।

मोहम्मद हुज़ैफ़ यमन, बी.फ़ार्मेसी के तृतीय वर्ष का छात्र है उसका संपर्क 3-4 साल पहले ओमेगल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए अशर दानिश से हुआ। बाद में वे व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम के ज़रिए जुड़े। दानिश ने भारत में मुसलमानों पर हो रहे कथित अत्याचारों पर चर्चा की और सशस्त्र जिहाद के ज़रिए जवाबी कार्रवाई के लिए “लश्कर” बनाने का प्रस्ताव रखा। दानिश ने उसे जिहादी उद्देश्यों के लिए हथियार निर्माण सीखने की ज़िम्मेदारी सौंपी।

मेवात से हथियार- सूफ़ियान अबु बकर ख़ान ने पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की और वेल्डर का काम करता हैं। वह सह-आरोपी आफ़ताब कुरैशी को पिछले पाँच सालों से जानता हैं। आफ़ताब नियमित रूप से उनके साथ कट्टरपंथी वीडियो शेयर करता था और उन्हें कट्टरपंथी सोशल मीडिया ग्रुप्स में जोड़ता था। 08/09/2025 को, आफ़ताब ने उसे मेवात के एक सप्लायर जमील से हथियार लेने के लिए दिल्ली चलने को कहा।

धन दिया- कामरान कुरैशी उर्फ ​​समर खान, अशर दानिश के संपर्क में एक व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से आया था, जो गज़वा-ए-हिंद के लिए कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देता था। उसने दानिश को धन मुहैया कराया और उसे और सदस्य बनाने का निर्देश दिया गया। वह और दानिश खिलाफत से संबंधित प्रशिक्षण गतिविधियों को शुरू करने के लिए ज़मीन खरीदने की भी योजना बना रहे थे।

हथियार, बम का सामान बरामद-
एक देसी बंदूक, दो अर्ध-स्वचालित पिस्तौल, 16 कारतूस, एक एयर गन, तांबे के पतरें, स्टील के खोखले पाइप, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, सोडियम बाइकार्बोनेट, सल्फर पाउडर,पीएच मान जांचने वाला उपकरण, बॉल बेयरिंग, चार चाकू,10,500 नकद, वजन तौलने की मशीन,बीकर सेट, सुरक्षा दस्ताने, मास्क, प्लास्टिक का डिब्बा जिसमें स्ट्रिप वायर, सर्किट बोर्ड, डायोड, मदरबोर्ड, दो लैपटॉप और मोबाइल फ़ोन बरामद हुआ है।