भारत की निगाहें ऑस्ट्रेलिया से तीसरा व मैच भी जीत वन डे सीरीज अपने नाम करने पर

India are eyeing to win the third and final ODI against Australia and seal the ODI series

  • भारत को स्मृति मंधाना से एक और बड़ी पारी व क्रांति से गेंद से कमाल की उम्मीद
  • भारत को सीरीज जीतनी है तो तीसरे व आखिरी वन डे में हर कैच लपकना होगा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : उपकप्तान स्मृति मंधाना के 12 वें वन डे अंतर्राष्ट्रीय शतक की बदौलत भारत ने ऑस्ट्रेलिया को दूसरे मैच में न्यू चंडीगढ़ में 102 रन के बड़े अंतर से हरा उससे पहले मैच में मिली आठ विकेट से बड़ी शिकस्त के बाद एक एक की बराबरी हासिल की। भारत की निगाहें अब ऑस्ट्रेलिया से यहां शनिवार को तीसरा और निर्णायक मैच भी जीत कर तीन वन डे मैचों की क्रिकेट सीरीज 2-1 से अपने नाम करने पर लगी हैं। एक अर्द्धशतक और एक शतक सहित 175 रन बना रन बनाने मे सबसे आगे चल रही स्मृति मंधाना से भारत शनिवार को एक और बड़ी पारी और दो मैचों में चार विकेट सबसे ज्यादा चार विकेट चटकाने वाली नवोदित तेज गेंदबाज क्रांति गौड़ से गेंद से कमाल की बदौलत तीसरा व अंतिम वन डे भी जीत सीरीज अपने नाम कर इसी महीने अंत में होने वाले आईसीसी महिला वन डे क्रिकेट विश्व कप में बुलंद हौसलों के साथ उतरना चाहेगा। बेशक ऑस्ट्रेलिया ने भारत से पिछले पांच में मौजूदा सीरीज के दूसरे मैच को छोड़ कर लगातार चार वन डे मैच जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया ने भारत में उससे पिछले 12 में से 11 मैच जीते हैं और वह इस सिलसिले को यहां और आगे बढ़ाने के मकसद से उतरेगा। भारत ने अब तक ऑस्ट्रेलिया से कभी द्विपक्षीय वन डे क्रिकेट सीरीज नहीं जीती है। भारत ने शुरू के दो वन डे मैचों में कुल दस बेहद आसान कैच टपकाए हैं। भारत तीसरे व आखिरी वन डे जीत सीरीज जीतनी है तो में हर कैच लपकना होगा।

भारत ने पिछले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ न्यू चंडीगढ़ में शतक वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 12 शतक जड़ने के टॉमी ब्यूमोंट के रिकॉर्ड की बराबरी की थी। अब स्मृति वन डे अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक जड़ने में ऑस्ट्रेलिया की मेग लेनिंग (15 शतक) और सूजी बेटस (13 शतक) के बाद टॉमी ब्यूमोंट(12 शतक) के साथ संयुक्त रूप से तीसरे नंबर है। स्मृति मंधाना ने अब तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में तीनों फॉर्मेट में (12 वन डे अंतर्राष्ट्रीय शतक, दो टेस्ट शतक, एक टी 20 अंतर्राष्ट्रीय शतक) में कुल मिला कर 15 शतक जड़े हैं और वह अब ऑस्ट्रेलिया की मेग लेनिंग के तीनों फॉर्मेट में कुल मिला कर 17 शतक जड़ने के बाद दूसरे नंबर पर हैं।

दरअसल शैफाली वर्मा के अब भारत की वन डे क्रिकेट टीम से बाहर होने पर तेजी से रन बनाने की जिम्मेदारी खुद स्मृति मंधाना ने सभाल ली है। दरअसल शैफाली के टीम से बाहर होने के बार उनकी सलामी जोड़ीदार के रूप में दिल्ली की प्रतीका रावल ने जोश के साथ होश दिखा कर भारत की पारी को बराबर कामयाबी से तेजी से आगे बढ़ाया है। स्मृति तेज गेंदबाजों को बढ़िया ढंग से खेलने में माहिर हैं वह स्पिनरों के खिलाफ पैरों का शानदार ढंग से इस्तेमाल कर सीमा के बाहर पहुंचाने में नहीं हिचकती हैं। स्मृति ने इसकी बानगी ऑस्ट्रेलिया की स्पिनर जॉर्जिया वरेहम के दूसरे वन डे में शुरू के दो ओवर मे दो छक्के और तीन चौकों की मदद से 29 रन बनाकर दिखाई। स्मृति के क्रीज पर 33ओवर तक मौजूद रहने का नतीजा था ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी एलिसा हीली ने अपनी अनुभवी लेग स्पिनर एलाना किंग को 34 वें ओवर में मोर्चे पर लगाया। स्मृति को छोड़ कर भारत की हरलीन देयोल, प्रतीका रावल और दीप्ति शर्मा को तेजी से रन बनाने के लिए जूझना पड़ा था। स्मृति मंधाना की तीसरे और आखिरी वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैच में भूमिका कितनी अहम रहने वाली है।

स्मृति मंधाना के साथ उनकी मुंबई की जेमिमा रॉड्रिग्ज के बुखार के चलते बाहर होने पर भारत ने तेजल हसनबीस को सीरीज के आखिरी दो वन डे मैचों के लिए अपनी 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया लेकिन दूसरे वन डे अंतर्राष्ट्रीय में खेलने का मौका नहीं दिया था। विस्फोटक शैफाली वर्मा को टीम से बाहर किए जाने के बाद स्मृति मंधाना की सलामी जोड़ीदार के रूप में दिल्ली की प्रतीका रावल ने बराबर अच्छी पारियां खेल कर खुद को उनकी कायमाब जोड़ीदार सबित किया है। भारत के लिए मौजूदा वन डे सीरीज मे स्मृति मंधाना के साथ प्रतीका रावल ने दो मैचों में एक अर्द्धशतक सहित 95 और हरलीन देयोल ने पहले वन डे में एक अर्द्बशतक सहित 64 रन बनाए हैं। भारत के लिए फिलहाल चिंता का सबब कप्तान हरमनप्रीत सिंह का रनो के लिए जूझना है। मध्यक्रम में भारत हरमनप्रीत कौर, ऋचा घोष और दीप्ति शर्मा से तीसरे और निर्णायक मैच में बड़ी पारी की आस करेगा।

वहीं ऑस्ट्रेलिया मौजूदा वन डे सीरीज के शुरू के दो मैचों में एक एक अर्द्ध शतक जड़ चुकी अनाबेल सदरलैंड(कुल 99 रन), बेथ मूनी(कुल 95 रन) और ओपनर फॉबी लिचफील्ड (कुल 88 रन) से तीसरे और निर्णायक वन डे मे बड़ी पारियों की आस करेगा। भारत अपनी सबसे कामयाब तेज गेदबाज क्रांति गौड़ , अनुभवी रेणुका सिंह और अरुधंति रेड्डी तथा अनुभवी ऑफ स्पिनर दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा और बाएं हाथ की स्पिनर राधा यादव की त्रिमूर्ति के साथ मिल कर ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष और मध्यक्रम पर लगाम लगाने की कोशिश करेगा।

‘मैं और प्रतीका बढ़िया ढंग से कदमताल करते हैं’
‘मैंने इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो पिछले दो शतक जड़े उसमें हमारी भारतीय टीम को हार झेलनी पड़ी। मै दूसरे वन डे में शतक कर इसीलिए खुश हूं कि इसमें मैं अपनी भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत दिलाने में कामयाब रही। हमारी योजना पॉवरप्ले का लाभ उठा कर फिर अपनी पारी को आगे बढ़ाने की थी। आप ऑस्ट्रेलियाई टीम को जानते ही हैं आपको अपने गेंदबाजों को और मौका देने के लिए 280-290 रन के करीब का स्कोर बनाना जरूरी था। पिच एकदम सपाट थी और हमें इसीलिए आक्रामक बल्लेबाजी करनी थी। जहां तक मेरी अपनी सलामी जोड़ीदार प्रतीका रावल के साथ भागीदारी का सवाल है हम एक दूसरे के साथ बढ़िया ढंग से कदमताल करते हैं। प्रतीका शांत और धैर्य से बल्लेबाजी करती है और मेरा भी अंदाज कुछ उन जैसा ही है। हम मैदान पर उतर कर चीजों को मुश्किल नहीं बनाते। मेरी और प्रतीका की जुगलबंदी अच्छी चल रही है और उम्मीद है कि आगे भी ऐसे ही चलेगी। -स्मृति मंधाना, भारत की ओपनर

‘हर किसी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और योगदान किया’
‘हमारी कोशिश अपनी योजना पर काबिज रह उसे बार बार अमली जामा पहनाने की है। मुझे खुशी है कि हमने दूसरे वन डे अंतर्राष्ट्रीय मैच में अच्छी क्रिकेट खेली। हमने चीजों को सामान्य और सहज रखा और इससे ही हमें दूसरे वन डे में सही वक्त पर विकेट मिले। हमारे लिए स्मृति ने रन बना और उन्हें छोड़ हममे से कोई रन नहीं बना सका लेकिन इसके बावजूद हम 300 रन के करीब पहुंचे। हमारी बल्लेबाजी में दम है। हमने पहले वन डे की तरह दूसरे वन डे में कुछ कैच टपकाए लेकिन हमारी गेंदबाजों ने बराबर हमारे लिए मौके बना हमें जीत दिलाई। मौजूदा सीरीज मे हम हर किसी को मौका देना चाहते थे। हमारे जेहन में कुछ संयोजनों को आजमाने की बात थी और खुशी है कि हमने इन संयोजनों को आजमाया। खुशी है कि हर किसी ने अपनी जिम्मेदारी निभाई और योगदान किया। – हरमनप्रीत कौर, भारत की कप्तान

‘करो व मरो के वन डे विश्व कप में उतरने से पहले यह अच्छा मौका’
‘हमारे लिए यह सीजन वन डे विश्व कप की अच्छी तैयारी है। हर समय हमें चुनने का मौका नहीं मिलता। भारत ने दूसरे वन डे में हर विभाग में बेहतर प्रदर्शन कर हमें पीछे छोड़ दिया।भारत की गेंदबाजों ने नई गेंद से वाकई बढ़िया गेंदबाजी की और हम अच्छा आगाज नहीं कर पाए। भारत की तेज गेंदबाजों ने सीधी गेंद फेंकी और अपनी गति में बदलाव किया। हमने इस मैच से बहुत कुछ सीखा। हमारे लिए करो व मरो के वन डे विश्व कप में उतरने से पहले यह अच्छा मौका है।-एलिसा हीली,ऑस्ट्रेलिया की कप्तान
मैच का समय : दोपहर डेढ़ बजे से।sss