
अध्यक्ष पद की घोषणा की निरस्त
रविवार दिल्ली नेटवर्क
गाज़ियाबाद : संजय नगर स्थित श्री आदर्श धार्मिक रामलीला समिति (पंजीकृत) में लंबे समय से चल रहे विवाद का अंत हो गया है। निवर्तमान अध्यक्ष वीरेंद्र बाबू वर्मा की आपत्ति पर डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स, सोसाइटीज़ एवं चिट्स, गाज़ियाबाद ने सोमवार को अपना अंतिम आदेश जारी करते हुए पूर्व में पारित सभी पत्रों व निर्देशों को निरस्त कर दिया।
नए आदेश के अनुसार, समिति में किसी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई है। इसके स्थान पर छह सदस्यीय संयोजक समिति गठित की गई है, जो समान अधिकारों के साथ आपसी सौहार्द और सहयोग से आगामी रामलीला का संचालन करेगी।
संयोजक समिति में प्रदीप चौधरी, कपिल वशिष्ठ, मोनू त्यागी, उमेश पप्पू नागर, अनुज राघव और हरेंद्र यादव शामिल किए गए हैं। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि धार्मिक आयोजन निर्विघ्न एवं भव्य रूप से सम्पन्न हो, इसके लिए समिति फिलहाल पूरी जिम्मेदारी उठाएगी।
ज्ञात हो कि एक वर्ग द्वारा आनन फानन में घोषित अध्यक्ष पर विवाद और बार-बार बदलते आदेशों के चलते मामला लम्बे समय तक उलझा रहा। जनप्रतिनिधियों (सांसद अतुल गर्ग एवं विधायक अजीत पाल त्यागी, विधायक संजीव शर्मा) आदि की मध्यस्ता के उपरांत उमेश पप्पू नागर द्वारा अध्यक्ष पद से इस्तीफा कराते हुए समाधान निकाला गया। उमेश पप्पू नागर के इस कदम की दोनों पक्षों ने सराहना की और एक मंच पर आकर संपूर्ण रामलीला के भव्य आयोजन का आश्वासन दिया।
वरिष्ठ संरक्षक मंडल एवं पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र बाबू वर्मा ने सुझाव दिया कि भविष्य में समिति को रजिस्ट्रार के आदेशानुसार चुनाव अधिकारी की देखरेख में विधिवत चुनाव कराना चाहिए, ताकि विवाद की परिपाटी समाप्त हो और संगठन सौहार्द एवं समरसता के साथ आगे बढ़ सके। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग को आगामी सत्र से पहले समयबद्ध चुनाव संपन्न कराने में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।