
संजय सक्सेना
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम के नेता और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने हाल ही में ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद के दौरान अब पैगंबर को लेकर यह बयान दिया कि कौन है जो पत्नियों पर हाथ उठाते हैं, पैगंबर तो घर का काम खुद करते थे. ओवैसी के कहने का मकसद समाज में महिलाओं के प्रति हिंसक व्यवहार की आलोचना और पैगंबर मोहम्मद की आदर्श जीवन शैली की मिसाल देना है। ओवैसी ने कहा कि कई शादीशुदा लोग अपनी पत्नियों पर हाथ उठाते हैं, लेकिन पैगंबर मोहम्मद ने कभी किसी महिला पर उंगली तक नहीं उठाई थी। उन्होंने यह भी बताया कि पैगंबर अपने घर के काम स्वयं करते थे, जबकि आज सामान्य पुरुष घर पहुंचते ही चाय-पानी के आदेश देने लगते हैं। उनका उद्देश्य था कि पैगंबर से सिर्फ नारा या प्रदर्शन नहीं, बल्कि व्यवहार में भी सीखना चाहिए.घर के काम, महिलाओं के सम्मान और हिंसा से दूर रहने की संस्कृति अपनानी चाहिए।
ओवैसी के मुताबिक, पैगंबर मोहम्मद के काल में महिलाओं को पढ़ने-लिखने और समाज में योगदान देने की पूरी स्वतंत्रता थी, और उन पर कोई रोक नहीं थी। उन्होंने हजरत आयशा सिद्दीका का उदाहरण दिया कि उनकी तालीम का महत्व कितना था, और पैगंबर ने घर के काम में भी हिस्सा लेकर लैंगिक समानता का उदाहरण दिया। ओवैसी ने कहा कि ‘आई लव मोहम्मद’ का पोस्टर सिर्फ प्रदर्शन का जरिया नहीं, उस संदेश पर अमल भी जरूरी है.किसी भी रूप में घरेलू हिंसा न करें, महिलाओं के अधिकार और सम्मान का पालन करें, और अपने घर के कार्यों में खुद सहयोग दें।इस तरह ओवैसी का बयान धार्मिक आदर्शों के बहाने सामाजिक सुधार और घरेलू हिंसा के विरोध का संदेश है, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के जीवन को रोल मॉडल बताया गया है।