
रविवार दिल्ली नेटवर्क
क्लेनमंड: राज्य सभा के उपसभापति ने दक्षिण अफ्रीका के क्लेनमंड में चल रहे 11वें जी-20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी20) के साथ-साथ रूस, जर्मनी, इटली और मेजबान दक्षिण अफ्रीका की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकों की एक श्रृंखला आयोजित की। ये बैठक द्विपक्षीय संसदीय सहयोग को सुदृढ़ करने और व्यापार साझेदारी, प्रौद्योगिकी एवं संपोषणीय विकास पर भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने पर केंद्रित रहीं। विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ अपनी बैठकों में, उपसभापति ने हाल ही में भारतीय संसद सदस्यों वाले प्रतिनिधिमंडलों जिन्होंने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पार आतंकवाद पर भारत का रुख सामने रखने के लिए इन देशों की यात्रा की थी, उनका भी स्मरण कराया। रूस की फेडरेशन काउंसिल के डिप्यूटी स्पीकर श्री कोंस्टैंटिन कोसाचेव के साथ अपनी बैठक में उन्होंने दोनों देशों के बीच विभिन्न लाभकारी संबंधों और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में दीर्घकालिक साझेदारियों को स्मरण किया। श्री ओमिद नूरीपुर, बुंडेस्टाग(जर्मनी की संसद का लोअर हाउस) के वाईस प्रेसीडेंट के साथ अपनी बैठक में, श्री हरिवंश ने अग्रणी लोकतंत्रों के बीच आपस में मिलजुल कर और अधिक कार्य करने की संभावना और व्यापार एवं संपोषणीय विकास साझेदारी के लिए सफल रूप से सहयोग स्थापित करने पर बल दिया। उपसभापति ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता को अंतिम रूप देने में जर्मनी से भी सहयोग मांगा। दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार 50 अरब डॉलर को पार कर गया है। जर्मनी के पास एक ‘कुशल श्रम रणनीति’ भी है जो भारतीय पेशेवरों के जर्मनी जाने के मार्ग को सुगम बनाने पर केंद्रित है। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय सभा की स्पीकर सुश्रीथोको दीदिजा से भी भेंट की। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने भारत और दक्षिण अफ्रीका केबीच लंबे समय से चले आ रहे ऐतिहासिक एवं प्रगाढ़ द्विपक्षीय संबंधों का स्मरण किया। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि दोनों देशों का अंतर्राष्ट्रीयनिष्पक्षता, न्याय तथा विकासशील देशों के सामूहिक हितों की रक्षा के प्रतिसमान दृष्टिकोण है। दक्षिण अफ्रीका के प्रमुख तीन व्यापारिक साझेदारों में भारत शामिलहै। इससे पहले, उन्होंने इतालवी सीनेट की वाईस प्रसीडेंट, सुश्री लिशिया रोंज़ुली के नेतृत्व में इतालवी प्रतिनिधिमंडल के साथ द्विपक्षीय बैठक की। अपनी बैठक में, उन्होंने विशेष रूप से व्यापार और निवेश, शिक्षा, रक्षा, संस्कृति, शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों के क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा की