भारत को पीओके की पुकार: पाकिस्तान के अत्याचारों से मुक्ति

PoK's call to India: Freedom from Pakistan's atrocities

दिलीप कुमार पाठक

धर्म के नाम पर पाकिस्तान की स्थापना हुई थी, यही कारण है कि आजतक पाकिस्तान राजनीतिक रूप से स्थायी नहीं है, कोई न कोई बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम होता ही रहता है l बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान के अलगाव के बाद पीओके यानि पाक अधिकृत कश्मीर में हमेशा पाकिस्तान से अलग होने की आवाजें बुलन्द होती रहती हैं l अभी कुछ महीनों पहले अपनी आवाज़ दुनिया तक पहुंचाने के लिए वहाँ के विद्रोही लोगों ने ट्रेन हाईजैक कर लिया था, खासी मुठभेड़ के बाद पाकिस्तान की सेना ने वहाँ की विरोधी आवाजों का दमन कर दिया था l पाकिस्तानी सेना ने अब तब पीओके पर दमनपूर्वक जबरन क़ब्ज़ा कर रखा है, अन्यथा वहाँ कई बार भारत में विलय एवं जनमत संग्रह की मांगें उठती रहती हैं l अब देखना यह है कि पाकिस्तानी सेना कब तक इन आवाजों को दबा पाती है l अभी हाल फ़िलहाल पीओके में विरोध प्रदर्शन मुख्य रूप से बिजली संकट, महंगे बिल, इंटरनेट ब्लैकआउट, मानवाधिकार उल्लंघन, और आर्थिक उपेक्षा के खिलाफ शुरू हुआ है l जॉइंट अवामी एक्शन कमिटी इन प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रही है l पाकिस्तानी नेतृत्व पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में जनता की बुनियादी जरूरतों को भी पूरा करने में फेल साबित हो रहा है l पाक अधिकृत कश्मीर में स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तानी सेना का अत्याचार अब संयुक्त राष्ट्र तक तक पहुंच गया है l वैसे भी पीओके पर ज़ुल्म इतना बढ़ गया है कि वहाँ की चीखें पूरी दुनिया में सुनाई देने लगी हैं, वो तो भारत सरकार की नीतियों की विफलता है अन्यथा अब तक पीओके भारत का हिस्सा बन चुका होता l देश ज़मीन के टुकड़ों पर नहीं बनता बल्कि देश में रहने वाले लोगों के कारण देश बनता है, जहां पाकिस्तान मानवीय मूल्यों को ताक पर रखकर ज़बरदस्ती लोगों पर राज करना चाहता है, हालांकि अब बड़ा कठिन सा प्रतीत हो रहा है l पीओके के राजनीति दलों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से मांग की है कि UN तुरंत यहां दखल दे और यहां की जनता को पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से बचाए l 29 सितंबर से चल रहे नागरिकों के प्रदर्शन में अब तक 12 लोग मारे जा चुके हैं l एक जान की भी कीमत होती है, पाकिस्तान की सेना को इसका खामियाज़ा ज़रूर भुगतना होगा l

स्विटजरलैंड के जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद 60वें सेशन के दौरान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की पार्टी (UKPNP-यूनाइटेड कश्मीर पीपुल नेशनल पार्टी) ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान को कश्मीरियों को मारने, हमारी जमीन और हमारे संसाधनों पर कब्जा करने, हमारे लोगों पर अत्याचार करने और उन्हें खत्म करने का कोई हक नहीं है l पीओके के स्थानीय नेता इस मुद्दे को पूरी दुनिया के सामने लेकर आए हैं, हालांकि उन्होंने कितना शोषण, दमन झेला है, इसकी कल्पना करना भी असहनीय पीड़ा को सहन करने जैसा है l UKPNP के प्रवक्ता सरदार नासिर अजीज खान ने जिनेवा में कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर में कई लोग गायब हो गए हैं, परंतु हाल ही में कश्मीर’ में जो हो रहा है, उससे लोग अपनी जान को लेकर चिंतित हैं क्योंकि 29 सितंबर से अब तक 12 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है l नासिर ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान यहां के लोगों पर क्रूर बल प्रयोग कर रहा है और प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां चला रहा है जिससे लोग मारे जा रहे हैं l सैकड़ों लोग जेल में हैं और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है l उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में इस अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के जमावड़े के माध्यम से हम आग्रह करते हैं कि संयुक्त राष्ट्र उन कश्मीरियों की जान बचाने के लिए हस्तक्षेप करे जो पाकिस्तानी कब्जे में रह रहे हैं l कश्मीरियों के साथ बहुत बुरा व्यवहार किया जा रहा है l इसके बाद उन्होंने इस्लामाबाद प्रेस क्लब में इस मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस के एक्शन की निंदा की l पीओके पर पाक सेना को कश्मीरियों को मारने, जमीन और संसाधनों पर कब्जा करने और उन लोगों पर अत्याचार करने और उन्हें खत्म करने का कोई हक नहीं है l निरन्तर विरोधी आवाजें गूँज रही हैं l 2 अक्टूबर 2025 पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के जॉइंट अवामी एक्शन कमिटी के सदस्य इस्लामाबाद प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे इस दौरान पुलिस प्रेस क्लब में घुस गई, पुलिस ने प्रदर्शन बल पूर्वक कुचलने के लिए क्लब के अंदर घुसकर पत्रकारों और स्टाफ पर लाठीचार्ज किया, कैफेटेरिया को तोड़ा-फोड़ा, कैमरे और मोबाइल फोन तोड़े और कुछ लोगों को गिरफ्तार किया l वीडियो फुटेज में पुलिस को पत्रकारों को घसीटते और पीटते हुए दिखाया गया है l यह घटना PoK में चल रहे पांचवें दिन के विरोध प्रदर्शनों के बीच हुई, जहां बाजार बंद हैं और इंटरनेट कटा हुआ है l इस मुद्दे पर भारत को दख़ल देते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश देना चाहिए कि पीओके पर ज़ुल्म खत्म हो, भारत सरकार को बांग्लादेश की तरह इसका हल निकालना होगा, पूरी दुनिया पीओके की स्थिति से वाकिफ़ है, हालांकि यूएनओ कुछ नहीं कर पाएगा, अब तो भारत को ही इसका हल निकालना होगा l पीओके की जनता भारत के साथ विलय चाहती है l पाकिस्तान को सबक सिखाने का भरपूर मौका है, जो भारत को गंवाना नहीं चाहिए l