महात्मा विदुर की तपोस्थली-गंगा एक्सप्रेस-वे के बीच मां-बेटे सरीखा रिश्ता: अनिल पांडेय

The relationship between Mahatma Vidur's Taposthali and Ganga Expressway is like that of a mother and son: Anil Pandey

प्रो. श्याम सुंदर भाटिया

हिंदी, हिंदुस्तान और हिंदुत्व के प्रबल पैरोकार एवम् श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति अभियान के राष्ट्रीय संयोजक श्री अनिल पांडेय अब गंगा एक्सप्रेस-वे को लेकर मुखर हैं। श्री पांडेय मानते हैं, महात्मा विदुर की तपोस्थली और गंगा एक्सप्रेस-वे में मां-बेटे का रिश्ता है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से लेकर बजरंग दल में गहरी पैठ रखने वाले बकौल श्री पांडेय गंगा एक्सप्रेस-वे बिजनौर के लिए लाइफ लाइन की मानिंद है। वह यूपी के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे को लेकर विनम्र अनुरोध करते हैं, साथ ही करीब 50 लाख बाशिंदों की भावनाओं का जिक्र करते हुए जनान्दोलन के लिए चेताते भी हैं। साफ-साफ मानते हैं, गंगा एक्सप्रेस-वे में बिजनौर जनपद को शामिल किए बिना विकसित भारत का लक्ष्य अधूरा है। वह करीब आधे घंटे के संवाद में धरतीपुत्रों से लेकर कारोबार, शिक्षा, स्वास्थ्य, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का तार्किक जिक्र करते हैं। गंगा के उद्गम से लेकर लंबाई तक, गंगा किनारे बसे जनपदों, धार्मिक मेले, डैम आदि श्री पांडेय के टिप्स पर हैं। उल्लेखनीय है, प्रस्तावित गंगा एक्सप्रेस-वे को लेकर सियासी यह चर्चा है, इसकी परिधि से बिजनौर जिले को बाहर रखने की योजना है। अपने तल्ख़ तेवरों के लिए माने जाने वाले श्री पांडेय यह स्मरण कराना नहीं भूलते हैं, यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने विदुर कुटी भ्रमण के दौरान ऐलान किया था, गंगा एक्सप्रेस-वे महात्मा विदुर की तपोस्थली से होकर गुजरेगा।

श्री पांडेय मां गंगा के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं, गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक करीब 2500 किलोमीटर में मां गंगा का अविरल प्रवाह है। भारत मां के आंगन को अपना आशीर्वाद प्रदान करती है। अपनी सतत यात्रा में मां गंगा पांच प्रदेश के लगभग 45 जिलों को पतित करती है। मां गंगा की यात्रा में सबसे ज्यादा 04 प्रतिशत यानी 89 किमी की हिस्सेदारी बिजनौर की है। बिजनौर की दक्षिण दिशा को मां भागीरथी को संपूर्ण स्नेह मिलता है। बिजनौर में पतित पावनी गंगा के पांच तटों पर कार्तिक पूर्णिमा पर भव्य और दिव्य मेलों का आयोजन होता है। ये मेले बिजनौर के नांगल सोती से लेकर बालावाली, गंगा बैराज, महात्मा विदुर की तपोस्थली-विदुर कुटी और नारनौर में लगते हैं। इस दृष्टि से गंगा एक्सप्रेस-वे पर सबसे पहला अधिकार बिजनौर जिले का है। इनके अलावा मुजफ्फरनगर में शुक्रताल, मेरठ में हस्तिनापुर और मखदूमपुर, हापुड़ में ब्रजघाट आदि में भी गंगा स्नान के समय मेले लगते हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति अभियान के राष्ट्रीय संयोजक श्री अनिल पांडेय कहते हैं, मुख्यमंत्री के बार-बार ऐलान के बाद भी जनपद के लाखों बाशिंदे इन सूचनाओं से भ्रमित हैं, गंगा एक्सप्रेस-वे की परिधि में बिजनौर जिले को शामिल करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। योगी जी से विनम्र अनुरोध है, गंगा एक्सप्रेस-वे में बिजनौर को उसका हिस्से मिलना ही चाहिए। मुख्यमंत्री जी, मेरठ और मुजफ्फरनगर से होकर पहले से ही एक्सप्रेस-वे गुजर रहे हैं, जबकि बिजनौर से गुजरने वाला गंगा एक्सप्रेस-वे पहला होगा। यदि ऐसा होता है तो बिजनौर जनपद मुख्यमंत्री का आजीवन ऋणी रहेगा।

श्री पांडेय शासन को यह भी स्मरण कराना नहीं भूलते हैं, महात्मा विदुर की तपोस्थली-विदुर कुटी में भगवान श्रीकृष्ण का भी मंगल आगमन हुआ था। बिजनौर की माटी से महान साधु-संतों, महान तपस्वियों, महान क्रांतिकारियों का सरोकार रहा है। हिंदुत्व के प्रबल पैरोकार श्री पांडेय को धरतीपुत्रों का दर्द टीस जाता है। कहते हैं, गंगा किनारे बसे सैकड़ों गांव बाढ़ के समय अपनी सैकड़ों एकड़ फसलें और पशु गवां देते हैं। अमूमन हर साल सरकार करोड़ों-करोड़ रुपया काश्तकारों को बतौर मुआवजे में देती है। मुख्यमंत्री का धरतीपुत्रों से लेकर और गौवंश प्रेम जगजाहिर है। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण करके सरकार इस बड़े आर्थिक बोझ से भी बच जाएगी। श्री पांडेय के दिमाग में प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे का ब्लू प्रिंट भी साफ है। कहते हैं, सरकार यदि यह एक्सप्रेस-वे हरिद्वार से लेकर नांगल सोती, बालावाली, बैराज और विदुर कुटी होते हुए नीचे नारनौर, बागीपुर, बसंतपुर से होते हुए ब्रजघाट तक बनाया जाए तो लाखों काश्तकारों के संग-संग इस क्षेत्र का चहुमुखी विकास होगा। इन क्षेत्रों के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे किसी वरदान से कम साबित नहीं होगा, इन इलाकों के लिए यह एक्सप्रेस-वे तटबंध का काम भी करेगा। मेरठ में हस्तिनापुर के सामने पुल, जबकि मुजफ्फरनगर में गंगा बैराज पहले से ही अस्तित्व में हैं। वह सुझाव देते हैं, गढ़वाल-दिल्ली नेशनल हाइवे से ही मेरठ और मुजफ्फरनगर को गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ा जा सकता है। मेरठ में हस्तिनापुर से मुजफ्फरनगर में गंगा बैराज से समान्तर सड़क बनाकर गंगा एक्सप्रेस-वे पर जा सकेंगे। अंत में वह गंगा एक्सप्रेस-वे की परिधि में बिजनौर के गंगा तटों को शामिल करने के लिए सभी जनपद वासियों से संवैधानिक तरीके से लामबंद होने का अनुरोध करते हैं।