वरुण के जोश में होश खोने से भारत के हाथ से फिसली जीत, इंग्लैंड ने बराबरी पर रोका

भारत को वेल्स और कनाडा के खिलाफ जोश के साथ होश रख जीतना होगा

सत्येन्द्र पाल सिंह

नई दिल्ली : अनुभवी स्ट्राइकर मनदीप सिंह, ललित उपाध्याय और आकाशदीप सिंह के साथ उदीयमान अभिषेक ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष हॉकी स्पद्र्धा के पूल बी मैच में सोमवार रात हॉकी कलाकारी और योजना को अमली जामा पहना मेजबान इंग्लैंड के किले को दनादन हमले बोल पहले हाफ में बिखेर भारत को 3-0 की बढ़त दिला आसान जीत की आस बंधाई। मनदीप सिंह ने शुरू के दो हाफ दो बेहतरीन मैदानी गोल तथा ललित उपाध्याय के पहले और हरमनप्रीत सिंह के आखिरी क्वॉर्टर के शुरू में पेनल्टी कॉर्नर पर दागे गोल से भारत ने 4-1 की बढ़त ले ली। तब मैच पूरी तरह भारत की गिरफ्त में लगा। फुलबैक वरुण कुमार के जोश में होश खोकर तीसरे क्वार्टर के शुरू में और मैच में दूसरी बार पीले कार्ड लेने और अंपायर द्वारा साफ टेकलिंग के बावजूद आखिरी क्वॉर्टर में गुरजंत सिंह को पीला कार्ड दिखाकर दस मिनट के लिए बाहर कर देने से भारत के हाथ आई जीत फिसल गई । इंग्लैंड ने निकोलस बाउंड्रेक के मैच के आखिर क्वॉर्टर में दो तथा फिलिप रोपर के एक तथा तीसरे क्वॉर्टर के आखरी में दागे एकर्-एक लाभ उठा बाजी पलट रोमांचक मैच 4-4 की बराबरी पर समाप्त करा अंक बांटे। भारत के दूसरे नंबर के गोलरक्षक कृष्ण पाठक ने आखिरी क्वॉर्टर में ज्यादा मुस्तैदी दिखा तीन गोल न खाए होते तो जीत भारत के हिस्से आती।

भारत ने पहले मैच में केन्या को 11-0 से हराया और अब वह दो मैचों से चार अंक लेकर पूल बी में दूसरे और इंग्लैंड तीन मैचों में सात अंक के साथ शीर्ष पर है। इंग्लैंड ने भारत को ड्रॉ पर मजबूर करने से पहले केन्या को 6-0 से और वेल्स को 4-2 से हराया और उसका अंतिम पूल मैच कनाडा से होगा। भारत के लिए इंग्लैंड के खिलाफ हाथ आई एक लगभग निश्चित जीत के फिसल जाने का सबक यह है कि उसे अब बाकी बुधवार को कनाडा और बृहस्पतिवार को वेल्स के खिलाफ जोश के साथ होश से खेल जीत हासिल करनी होगी। भारत और इंग्लैंड फिलहाल पूल बी में शीर्ष दो पर रहकर सेमीफाइनल में स्थान बनाने के मजबूत दावेदार है।

भारत के स्ट्राइकर ललित उपाध्याय, मनदीप सिंह, आकाशदीप सिंह, और अभिषेषक को मध्यपंक्ति में सेंटर हाफ विवेक सागर प्रसाद, कप्तान मनप्रीत सिंह और नीलकांत शर्मा का अच्छा साथ मिला बदकिस्मत से हार्दिक सिंह के लिए इंग्लैंड के खिलाफ मैच अच्छा नहीं रहा उन्होंने कई गलत पास दिए। भारतीय हॉकी टीम की रणनीति और कलाकारी के सामने इंग्लैंड पस्त हो गया था लेकिन वरुण कुमार के अति उत्साह में और गुरजंत को बेवजह और वह भी दस मिनट के लिए पीला कार्ड दिखा बाहर किए जाने से इंग्लैंड को मैच में वापसी करने का मौका मिल गया। भारत को तीसरे मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत सिंह के ड्रैग फ्लिक पर इंग्लैंड के गोलरक्षक के पैड से लग कर लौटती गेंद को वहीं डी में खड़े ललित उपाध्याय ने गोल में डाल कर भारत का खाता खोला। नीलकांत शर्मा के बढिय़ा पास डी में मनदीप सिंह ने गेंद को संभाला अचूक तेज शॉट जमा गोल कर भारत को पहला क्वार्टर खत्म होने से ठीक पहले गोल कर 2-0 से आगे कर दिया। मनदीप सिंह ने विवेक सागर प्रसाद से डी में बाएं गेंद संभाली और अचूक निशाना जमा मैच के 22 वें मिनट मे अपना दूसरा गोल कर भारत को 3-0से आगे कर दिया। इंग्लैंड ने दूसरे हाफ में गोल उतारने की कोशिश पर भारत के गोल पर दबाव बनाया लेकिन भारत की रक्षापंक्ति में खासतौर पर फुलबैक सुरेन्दर कुमार ने बहुत धैर्य से अपने किले की चौकसी की। इंग्लैंड के लियाम एंसल ने तीसरा क्वॉर्टर खत्म होने से तीन मिनट पहले भारत के कप्तान मनप्रीत सिंह को गोलरेखा पर छका गोल कर स्कोर क1-3 कर दिया। अभिषेक के प्रयास पर मिले पेनल्टी कॉर्नर पर हरमनप्रीत सिंह ने बढिय़ा ड्रैग फ्लिक से चौथे क्वार्टर के शुरू में ही गोल कर भारत को 4-1 से आगे कर दिया और यह भी तब वह जब वरुण कुमार अपना दूसरा पीला कार्ड लेकर मैदान से बाहर थे। अगले ही मिनट इंग्लैंड के निकोलस बाउंड्रक ने गोल कर स्कोर 2-4 और चार मिनट बाद फिल रोपर ने तबभारतीय टीम की एक खिलाड़ी को भुना गोल कर स्कोर 3-4 कर दिया। अगले ही मिनट जब गुरजंत को बेवजह पीला कार्ड दिखा मैदान से बाहर भेज दिया गया और मात्र नौ खिलाडिय़ों से मजबूत भारतीय टीम का सारा ध्यान बढ़ती बढ़ाने की बजाय अपने बढ़त को बनाए रखने पर लग गया। निकोलस बाउंड्रक ने मैच के 53वें मिनट में अपना दूसरा गोल कर इंग्लैंड को चार-चार की बराबरी दिला दी। इंग्लैंड ने इसके बाद दो और पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए लेकिन दस खिलाडिय़ों से खेलने के बावजूद भारत ने अपने किले की मुस्तैद से चौकसी कर इंग्लैंड की जीत की हसरत पूरी नहीं होने दी।
बुुधवार का मैच: भारत वि. वेल्स (शाम साढ़े छह बजे से)
बृहस्पतिवार का मैच :भारत वि. कनाड़ा (शाम साढ़े छह बजे से)।