प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आई एन एस विक्रांत पर जवानों के साथ दिवाली मना विश्व को दिया एक बड़ा सन्देश

PM Narendra Modi celebrates Diwali with soldiers on INS Vikrant, sends a powerful message to the world

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वर्ष किसी न किसी सीमा, चौकी या सैन्य स्थल पर देश के सुरक्षाकर्मियों के साथ दिवाली मनाते हैं। इस बार उन्होंने यह परंपरा समुद्र के बीच भारतीय नौसेना के गौरव आईएनएस विक्रांत पर जाकर निभाई। यह दृश्य न केवल भावनात्मक था बल्कि राष्ट्रीय गौरव से ओतप्रोत भी था। दिवाली का पांच दिवसीय पर्व प्रकाश, एकता और आशा का प्रतीक है। जब प्रधानमंत्री इसे जवानों के साथ मनाते हैं, तो यह संदेश देता है कि भारत अपने सुरक्षा प्रहरी को भूलता नहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि त्योहारों की असली खुशी तब है जब हम उन लोगों के साथ साझा करें, जो हमारी सुरक्षा के लिए अपने घरों से दूर रहते हैं।जहाँ सीमा पर जवान जागते हैं, वहीं भारत चैन से सोता है। यही दिवाली का सच्चा प्रकाश है।

आई एन एस विक्रांत भारत में ही निर्मित पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत है। यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की जीवंत मिसाल है। कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित इस युद्धपोत को 2022 में राष्ट्र को समर्पित किया गया था। लगभग 45,000 टन वजनी यह पोत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है, जिसमें आधुनिक तकनीक से लैस मिग-29K लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और कई अत्याधुनिक हथियार तैनात हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने इसी युद्धपोत को अपनी दिवाली मनाने के लिए चुना, ताकि वे भारत की नौसैनिक शक्ति और जवानों के साहस को सम्मान दे सकें। दिवाली के अवसर पर जब प्रधानमंत्री आई एन एस विक्रांत पर पहुँचे, तो पूरा पोत रोशनी से जगमगा उठा था। नौसैनिक अधिकारी और जवान पारंपरिक परिधान में खड़े होकर प्रधानमंत्री का स्वागत कर रहे थे। उन्होंने सबसे पहले जवानों के साथ संवाद किया और कहा कि भारत की असली शक्ति उसकी वर्दी में है। मैं इस दिवाली को अपने परिवार आप सबके बीच मनाने आया हूँ।”इसके बाद प्रधानमंत्री ने बड़ा खाना में हिस्सा लिया। यह एक पारंपरिक नौसेनिक आयोजन होता है, जिसमें सभी रैंक के अधिकारी और जवान एक साथ भोजन करते हैं। यह एकता और समानता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह नौसैनिकों के साथ योग सत्र में भी भाग लिया और कहा कि अनुशासन और संतुलन ही सैनिक जीवन की आत्मा हैं। इसके बाद उन्होंने फ्लाइट-डेक पर आयोजित प्रदर्शन देखा, जिसमें मिग-29के लड़ाकू विमान और नौसैनिक हेलीकॉप्टरों ने रोमांचक उड़ानें भरीं।अपने प्रेरक संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आई एन एस विक्रांत केवल एक युद्धपोत नहीं, बल्कि 21वीं सदी के भारत के श्रम, कौशल और संकल्प का प्रतीक है। जब मैं इस विशाल पोत पर खड़ा होता हूँ, तो मुझे करोड़ों भारतीयों की शक्ति और विश्वास महसूस होता है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं पर तैनात हर जवान का त्याग ही भारत को मजबूत बनाता है।उनके इस भाव ने हर भारतीय के दिल को छू लिया। सोशल मीडिया पर नौसैनिकों के साथ प्रधानमंत्री के संवाद, भोजन और दीप जलाने के दृश्य तेजी से वायरल हुए।

अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने समुद्री सुरक्षा को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका लगातार बढ़ रही है। भारत न केवल अपने तटीय क्षेत्रों की रक्षा कर रहा है, बल्कि समुद्री मित्र देशों के साथ भी सहयोग कर रहा है।विक्रांत जैसे स्वदेशी पोत भारत की रणनीतिक ताकत को नई ऊँचाइयों तक ले जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि “भारत को अब रक्षा उपकरणों का उपभोक्ता नहीं, बल्कि उत्पादक राष्ट्र बनना होगा।
कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों के साथ दीप प्रज्वलन किया और कहा कि ये दीपक हर उस सैनिक के नाम हैं, जो भारत की सीमाओं और समुद्री लहरों की रक्षा कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि उनका यह पर्व हर उस माँ-बहन के लिए समर्पित है, जिनके बेटे देश की सेवा में दूर रहते हैं।

आईएनएस विक्रांत पर प्रधानमंत्री का यह दिवाली समारोह केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं था बल्कि यह राष्ट्र की सामूहिक चेतना को जगाने वाला क्षण था। इससे देशवासियों में गर्व, आत्मविश्वास और समर्पण की भावना प्रबल हुई।प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम संदेश देता है कि जब देश का नेतृत्व सैनिकों के साथ खड़ा होता है,तो राष्ट्र की सुरक्षा और मनोबल दोनों मजबूत होते हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आई एन एस विक्रांत पर जवानों के साथ दिवाली मना विश्व को दिया एक बड़ा सन्देश दिया है।