विधानसभा चुनाव : दोनों ही पक्षों के लिए हाॅट सीट बनी हुई है सोनपुर विधानसभा सीट

Assembly Elections: Sonpur Assembly seat remains a hot seat for both parties

अमित कुमार अम्बष्ट ” आमिली “

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार अपने चरम पर है, जहाँ एक तरफ एनडीए की वर्तमान सरकार अपनी जीत का परचम एक बार फिर लहराने के लिए अपने स्टार प्रचारकों के साथ मैदान में है तो वही दूसरी तरफ महागठबंधन अपनी वापसी की राह देख रहा है, लेकिन, इन तमाम रस्साकशी के बीच बिहार की एक सीट जो दोनों ही पक्षों के लिए हाॅट सीट बनी हुई है, वो सीट है, सारण जिले के अंतर्गत आने वाला सोनपुर विधानसभा सीट l

विश्व प्रसिद्ध पशु मेले के लिए विख्यात यह विधान सभा क्षेत्र धार्मिक और राजनीतिक दोनों ही मायने में ऐतिहासिक है, गंगा और गंडक नदियों के संगम पर स्थित होने के कारण यहाँ एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है और यह संगम इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण धार्मिक और पौराणिक स्थल भी बनाता है । लेकिन, बिहार और देश की राजनीति में भी यह क्षेत्र बेहद महत्वपूर्ण रहा है l 1980 में लालू प्रसाद यादव ने इस सीट से जीत हासिल करके बिहार विधानसभा में प्रवेश किया था, उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री राम सुंदर दास को हराया था, जो तीसरे स्थान पर रहे थे, हालांकि 2010 में मुख्यमंत्री बनने के बाद लालू प्रसाद यादव ने यह सीट छोड़ दिया था l यह विधानसभा सीट 1951 में अस्तित्व में आया था, तबसे अबतक तकरीबन 17 बार यहां विधानसभा चुनाव हो चुका है, हालांकि तमाम चुनावों के नतीजों पर नजर डालें तो नतीजा मिला-जुला रहा है, यहाँ कांग्रेस ने चार बार जीत हासिल की, भाजपा, जनता दल और जनता पार्टी ने दो-दो बार जीत हासिल की है, जबकि निर्दलीय, भाकपा और लोकदल ने एक-एक बार जीत हासिल की है। अगर राजद की बात करें तो राजद ने भी यहाँ चार बार जीत हासिल की है, जिसमें 2015 और 2020 के पिछले दो चुनाव शामिल हैं। यानी अभी वर्तमान में भी यह सीट राजद के पास है और वर्तमान विधायक डॉ रामानुज प्रसाद हैं , जो पिछले दो विधानसभा चुनावों से अपराजेय हैं, हालांकि 2010 और 2000 में भाजपा के विनय कुमार सिंह को जीत मिली थी , लेकिन, 2025 विधानसभा चुनाव में भी राजद एवं महागठबंधन ने रामानुज प्रसाद पर ही भरोसा जताया है, जबकि, एनडीए की तरफ से भी उनके पुराने प्रतिद्वंदी विनय कुमार सिंह को टिकट मिला है , ये वही विनय कुमार सिंह हैं जिन्होंने 2010 में राबडी देवी को हरा दिया था, लेकिन, पिछले दो विधानसभा चुनाव में रामानुज प्रसाद से हार रहें हैं l हालाकि 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करें तो रामानुज प्रसाद के जीत का अन्तर कम हुआ है, अगर 2015 विधानसभा चुनावी नतीजे की बात करें तो डॉ रामानुज प्रसाद को 86082 मत प्राप्त हुआ था, वही विनय कुमार सिंह को 49686 मत प्राप्त हुआ था, जीत का अंतर 36396 मतों का था, जो कि एक बड़ा अन्तर था, हालांकि 2015 में जदयू और राजद ने गठबंधन में साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन 2020 विधानसभा चुनाव में रामानुज प्रसाद को 73,247 मत प्राप्त हुए थे ,वही विनय कुमार सिंह को 66,561 मत प्राप्त हुआ था , जीत का अंतर सिर्फ 6686 यानी की तकरीबन 4 प्रतिशत के करीब का रह गया था, वही निर्दलीय उम्मीदवार डॉ चंदन लाल मेहता को 8667 मत मिले थे और उन्हें तीसरा स्थान प्राप्त हुआ था, चंदन लाल मेहता कुशवाहा जाति से आते हैं, जिसकी संख्या सोनपुर में तकरीबन 5 – 7 % है , कुशवाहा वोटर को नीतीश कुमार के कारण एनडीए का वोट बैंक माना जाता है, लेकिन, 2020 के विधानसभा चुनाव में डॉ चंदन, कुशवाहा वोट बैंक में सेंध लगाने में सफल रहे , यही कारण रहा कि सोनपुर से विनय कुमार सिंह चुनाव में तकरीबन कमोवेश उतने ही वोट से चुनाव हार गए । इसी परिप्रेक्ष्य में यदि वर्तमान 2025 विधानसभा चुनाव की स्थिति का जायजा लें तो एक बार फिर सोनपुर विधानसभा चुनाव में रामानुज प्रसाद का ही पलड़ा भारी लगता है, क्योंकि सोनपुर में कुल रजिस्टर्ड मतदाताओं की संख्या 288143 है, अगर जातिगत समीकरण के आंकड़ों पर नजर दौडाएं तो राजपूत, यादव और ब्राह्मण मिलाकर तकरीबन कुल मत का 50 प्रतिशत से अधिक हैं, मुसलमानों की संख्या तकरीबन 4 प्रतिशत है अन्य जातियां में कुशवाहा, चमार और दुसाध जाति के मतदाता हैं, जो निर्णायक की भूमिका निभाते हैं , क्योंकि यादव और राजपूत मत में कुछ प्रतिशत का ही अन्तर है, वर्तमान चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी “जन सुराज ” ने पिछले चुनाव के निर्दलीय प्रत्याशी डॉ चंदन पर अपना भरोसा जताया है, प्रशांत किशोर लगतार बिहार में बदलाव की बात करते रहें हैं, ऐसे में अगर फिर कुशवाहा मत ” जन सुराज ” की तरफ स्थान्तरित होता है तो यह एनडीए और उम्मीदवार विनय कुमार सिंह के लिए बड़ा झटका साबित होगा, क्योंकि महागठबंधन का जहाँ यादव मत, मुस्लिम मत तथा अन्य पिछड़ी जातियों का मत एकजुट है, कुशवाहा और राजपूत मतों का विभाजन एक बार फिर विनय कुमार सिंह के लिए घातक सिद्ध हो सकता है, क्योंकि 2020 के विधान सभा चुनाव में कई राजपूत उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे, इस बार भी मनोज कुमार सिंह जैसे निर्दलीय उम्मीदवार विनय कुमार सिंह के वोट में सेंध लगा सकते हैँ, हालांकि राजद से भी बगावत कर पार्टी के प्रदेश महासचिव रहे सुरेंद्र प्रसाद यादव ने सोनपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल से नामांकन किया है , यह राजद के लिये चिंता का सबब है l 2025 विधानसभा चुनाव में सोनपुर एक बार फिर कांटे की टक्कर का गवाह होगा l