पुष्कर के देशी गुलाब के फूलों को मिलेगी अंतर्राष्ट्रीय पहचान

Pushkar's native rose flowers will get international recognition

गोपेन्द्र नाथ भट्ट

जिस प्रकार दार्जिलिंग की चाय और पन्ना के हीरे विश्व विख्यात है, उसी प्रकार आने वाले दिनों में पुष्कर का देसी गुलाब भी दुनिया भर में प्रसिद्ध होगा। आने वाले वक्त में पुष्कर के देशी गुलाब को भौगोलिक पहचान यानी जियोग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) का टैग मिलेगा । यह टैग केंद्रीय वाणिज्यिक एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा दिया जाता है। इस टेग के मिलने के बाद पुष्कर के गुलाब के फूलों की पहचान दुनिया भर में हो जाएगी। जिससे इन फूलों को कानूनी सुरक्षा भी मिलेगी । दुनिया में आज बुल्गारिया के गुलाब के फूलों की विशिष्ट पहचान है, लेकिन पुष्कर के गुलाब के फूल ज्यादा समृद्ध और प्रभावशाली है। पुष्कर के गुलाब के फूलों का अर्क और गुलकंद बनाया जाता है, साथ ही आयुर्वेद की दवाओं में भी फूलों का इस्तेमाल हो रहा है, लेकिन भौगोलिक पहचान नहीं होने के कारण पुष्कर के फूल विश्व स्तर पर अभी तक अपनी पहचान नहीं बनाए पाए हैं।

अजमेर के सांसद और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी ने भरोसा दिलाया कि पुष्कर के देसी गुलाब के फूलों को जल्द ही भौगोलिक पहचान दिलवाई जाएगी। पुष्कर के जग प्रसिद्ध गुलाब को भौगोलिक पहचान दिलाने के लिए श्रीपुष्कर राज फामर्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष और लघु उद्योग भारती अजमेर के सह-सचिव गिरिराज अग्रवाल ने पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री चौधरी से मुलाकात की थी।

यदि निकट भविष्य में पुष्कर के फूलों को जीआई टैग मिल जाता है तो पुष्कर के गुलाब दुनिया में पहले स्थान पर होंगे। दुनिया भर के लोग भरोसे के साथ गुलाब के फूल और उससे बने उत्पाद खरीद सकेंगे। पुष्कर के गुलाब को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के अंतर्गत भी शामिल किया जाए ताकि क्षेत्रीय किसानों और लघु उद्यमों को लाभ मिल सके। पुष्कर के गुलाब के फूलों की गुणवत्ता और इसके सहायक उत्पादों को बनाने वाले लोगों में बहुत उत्साह है ।