सीआईआई समिट में केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री का उद्बोधन

Address by Union Minister of Culture and Tourism at the CII Summit

  • भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिशों का मिलकर देना होगा जवाब : शेखावत
  • पर्यटन अब पेरिफेरल नहीं, भारत की विकास यात्रा का ‘ग्रोथ इंजन’-शेखावत

नीति गोपेन्द्र बट्ट

नई दिल्ली : केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने वैश्विक स्तर पर नेरेटिव वॉर की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमें भारत की छवि बिगाड़ने की कोशिशों का मिलकर जवाब देना होगा। भारत सरकार तैयार है, अब पूरी टूरिज्म इंडस्ट्री को भी पूरी शक्ति से आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि भारत में पर्यटन अब किसी हाशिए के सेक्टर की तरह नहीं, बल्कि विकसित भारत 2047 की यात्रा का मुख्य ग्रोथ इंजन बन चुका है।

नई दिल्ली में बुधवार को सीआईआई समिट के “अनलॉकिंग द ग्रोथ एंड एम्प्लॉयमेंट पोटेंशियल ऑफ टूरिज्म” सत्र में बोलते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत की समग्र अर्थव्यवस्था 32 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंचेगी, जिसमें से 10 प्रतिशत यानी 3 ट्रिलियन डॉलर का योगदान अकेले पर्यटन क्षेत्र से होगा।

शेखावत ने कहा कि दुनिया में टूरिज्म को लेकर कट-थ्रोट कंपटीशन है। हर देश जहां अपने उत्पाद की सकारात्मक मार्केटिंग करता है, वहीं कई बार प्रतिस्पर्धी देशों की नकारात्मक छवि भी गढ़ी जाती है। अमेरिका में स्कूल में गोलीबारी हो जाए, फ्रांस या किसी यूरोपीय देश में गंभीर घटना हो जाए तो कोई नहीं कहता कि ये देश ‘अनसेफ’ हैं, लेकिन 140 करोड़ की आबादी वाले भारत में एक छोटी घटना भी हो जाए तो हमारा ही मीडिया और कुछ लोग उसे इस तरह प्रस्तुत करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि पर असर पड़ता है। यह हमारे लिए नुकसानदायक है।

शेखावत ने कहा कि टूरिज्म इंडस्ट्री लीडर्स देश के आर्थिक दूत और ब्रांड एंबेसडर हैं, इसलिए वे जहां भी जाएं, भारत की वास्तविक, सकारात्मक तस्वीर को दुनिया के सामने रखने में सक्रिय भूमिका निभाएं। कोई भी उस राष्ट्र की छवि को खराब नहीं कर सकता जो बदल रहा हो, बशर्ते उसकी अपनी इंडस्ट्री और नागरिक उसके साथ खड़े हों।

शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले एक दशक में भारत ने जो बदलाव देखा है, वह केवल नीतिगत निर्णयों से नहीं, बल्कि इंडस्ट्री और नागरिकों की साझेदारी से संभव हुआ है। मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि अविश्वास से भरे हुए भारत को विश्वास से भर दिया गया और यह भरोसा पैदा किया गया कि हम विकसित हो सकते हैं। इसमें सब कुछ समाहित हो जाता है। कोविड के बाद की आर्थिक स्थिति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि प्री-पैंडेमिक स्तर को न केवल हासिल करने, बल्कि उसे पार कर स्थिर वृद्धि दर्ज करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत अकेला उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण की जो गति रही, वह अभूतपूर्व है। 1.15 लाख किमी से अधिक नए हाईवे बनाए गए। रेलवे के विस्तार और मॉडर्नाइजेशन पर बड़े स्तर पर काम हुआ। एक बार में 1600 रेलवे स्टेशनों को न्यू जेनरेशन स्टेशन के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। शेखावत ने उदाहरण देते हुए कहा कि हाल में मैं जैसलमेर गया था, जहां नया स्टेशन तैयार हो रहा है। मैं जिम्मेदारी से कह सकता हूं, स्टेशन का फसाड देखकर आपको किसी ताज होटल जैसा एहसास होगा। पहले कोई कल्पना नहीं कर सकता था कि भारत में एक साथ इतने बड़े काम होंगे।सड़क, रेल, एयरपोर्ट, डिजिटल कनेक्टिविटी और वाटरवेज में जो निवेश हुआ है, उसका पहला और सीधा लाभ टूरिज्म सेक्टर को मिलेगा।

डब्ल्यूटीटीसी रैंकिंग 54, क्वांटम जंप की योजना

विश्व पर्यटन एवं यात्रा परिषद (डब्ल्यूटीटीसी) की रैंकिंग का जिक्र करते हुए शेखावत ने कहा कि इतनी विविधता और विरासत वाला भारत आज 54वें स्थान पर है, जो चिंतन का विषय है। उन्होंने बताया कि जब मंत्रालय ने इस इंडेक्स का विश्लेषण किया तो पता चला कि कुल पैरामीटर्स में से केवल करीब 20 प्रतिशत सीधे पर्यटन मंत्रालय या सेक्टर से संबंधित हैं, जबकि 80 प्रतिशत अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर और गवर्नेंस से जुड़े मुद्दे हैं। इसी को देखते हुए सरकार ने होलिस्टिक एंड-टू-एंड टूरिस्ट एक्सपीरियंस मॉडल पर काम शुरू किया है। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि आगरा या वाराणसी जैसे शहरों में कोई पर्यटक एयरपोर्ट या शहर में प्रवेश करने से लेकर ताजमहल, फतेहपुर सीकरी या अन्य स्थलों तक जाए और वापस निकले, तब तक का पूरा अनुभव सीमलेस हो। जब हम कुछ गंतव्यों पर यह मॉडल सफल बना देंगे तो डब्ल्यूटीटीसी इंडेक्स में भारत एक क्वांटम जंप लेकर ऊपर जा सकता है।

राज्यों में अभूतपूर्व प्रतिस्पर्धा

शेखावत ने बताया कि पर्यटन नीतियों के स्तर पर केंद्र सरकार ने सभी राज्यों की टूरिज्म पॉलिसीज़ का अध्ययन कर एक मॉडल ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार की है, जिसे राज्यों के साथ साझा किया गया है। इस पहल के बाद राज्यों में जो इंटरेस्ट और कंपटीशन दिख रहा है, वह उन्होंने अपने 35 साल के अनुभव में पहले कभी नहीं देखा। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की पॉलिसी देखकर मैं हैरान था। अगर कोई 200 करोड़ का होटल बनाता है तो राज्य सरकार कैपिटल इन्वेस्टमेंट का 30 प्रतिशत, यानी करीब 66 करोड़ रुपए सीधे कैपिटल सब्सिडी के रूप में दे रही है। मेघालय, अरुणाचल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, सब राज्यों ने अपने-अपने टूरिज्म पोटेंशियल को पहचानकर आक्रामक तरीके से काम शुरू किया है। केंद्रीय मंत्री ने इसे राज्यों के बढ़ते कमिटमेंट और उम्मीदों की मिसाल बताया और कहा कि यही ऊर्जा प्रधानमंत्री के दिए लक्ष्यों को हासिल करने का भरोसा दिलाती है।

डोमेस्टिक टूरिज्म भारत की असली ताकत

शेखावत ने कहा कि भारत की टूरिज्म ग्रोथ की असली कहानी घरेलू सैलानियों से बनी है। पिछले वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकलकर मध्यम वर्ग में आए हैं। इनकम टैक्स और जीएसटी रिफॉर्म्स के कारण लोगों के पास डिस्पोजेबल इनकम बढ़ी है। इसके सीधे असर से लोग अब अधिक यात्रा कर रहे हैं। उज्जैन के महाकाल मंदिर और महाकाल लोक कॉरिडोर का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पहले जितने श्रद्धालु पूरे साल में महाकाल मंदिर में आते थे, आज उससे डेढ़ गुना लोग सिर्फ एक महीने में आ रहे हैं। यह भारत के बदलते आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य की तस्वीर है। उन्होंने बताया कि पहले 3000-4000 रुपए प्रति नाइट वाला होटल रूम भारतीय पर्यटक मुश्किल से लेते थे, लेकिन आज 50 हजार से 1 लाख रुपए तक की रूम नाइट के लिए भी मांग बढ़ी है और कई बार कमरे की उपलब्धता के लिए “रिक्वेस्ट” करनी पड़ती है।

हॉस्पिटैलिटी को इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस, तेज निवेश की राह

लंबे समय से लंबित मांग पर निर्णय की जानकारी देते हुए शेखावत ने कहा कि केंद्र सरकार ने 50 ग्लोबल आइकॉनिक डेस्टिनेशंस और उन सभी शहरों/पर्यटन स्थलों पर, जहां आबादी 1 मिलियन से कम है, हॉस्पिटैलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर को ‘इंफ्रास्ट्रक्चर स्टेटस’ प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि इसके बाद फाइनेंसिंग आसान हुई है, प्रोजेक्ट कॉस्ट पर सकारात्मक असर पड़ा है और जिस गति से नए होटल और टूरिज्म इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहे हैं, वैसी गति देश ने पहले कभी नहीं देखी थी।

ई-वीजा और वीजा ऑन अराइवल की दिशा में आगे कदम

विदेशी पर्यटकों की सुविधा पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि भारत के वीजा नियमों में बड़ा सुधार किया गया है। आज बहुत से देशों के नागरिकों के लिए भारत का वीजा पूरी तरह ई-वीजा के रूप में उपलब्ध है। किसी को एम्बेसी जाने की जरूरत नहीं, 72 घंटे के भीतर वीजा मोबाइल पर मिल जाता है। हम फॉर्म को और छोटा व सरल बनाने पर काम कर रहे हैं। जिन देशों ने भारत को वीजा ऑन अराइवल की सुविधा दी है, उन्हें हम भी रेसीप्रोकल आधार पर यह सुविधा देने पर काम शुरू कर चुके हैं।

पूरी शक्ति से कदम आगे बढ़ाएं

शेखावत ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें अपनी ओर से नीतिगत सुधार, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्किल डेवलपमेंट और ब्रांडिंग के क्षेत्र में तेजी से काम कर रही हैं। अब समय है कि इंडस्ट्री, निवेशक, ट्रैवल-टेक और क्रिएटिव इकॉनमी से जुड़े सभी खिलाड़ी पर्यटन क्षेत्र में पूरी शक्ति के साथ कदम बढ़ाएं। अगले 5 से 10 साल भारत के लिए निर्णायक हैं। आज जो कुछ हमने देखा है, वह आने वाले परिवर्तन का केवल दसवां हिस्सा है। हमारी अर्थव्यवस्था जब 4 से 32 ट्रिलियन डॉलर की तरफ जाएगी तो आर्थिक प्रगति और इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ का सबसे पहला और बड़ा लाभ पर्यटन को मिलेगा। उन्होंने कहा कि मैं आप सबको आमंत्रित करता हूं, आइए मिलकर भारत के टूरिज्म की पूरी क्षमता को अनलॉक करें और ‘इंडिया एज’ को दुनिया के सामने स्थापित करें।