सीता राम शर्मा ” चेतन “
महिना अगस्त का है ! जो स्वतंत्रता दिवस के साथ अब कई बड़े ऐतिहासिक बदलाव और महत्व वाले फैसलों, कार्यों के साथ विकास की स्वर्णिम योजनाओं के सूत्रपात के लिए भी जाना जाने लगा है ! गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस के दिन ध्वजारोहण के पश्चात प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं । जिसमें वे ना सिर्फ देश के अतीत और वर्तमान की दशा का जिक्र करते हैं बल्कि अपनी सरकार के लक्ष्य, प्रयास और कार्यों के बूते देश के भविष्य की दिशा पर भी सीधी और महत्वपूर्ण बातें कहते हैं ! देशवासियों का मार्गदर्शन करते हैं । स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रधानमंत्री के उस संबोधन का महत्व 2014 में मोदीजी के संबोधन के बाद कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है ! इस बार वे लगातार नौंवी बार ध्वजारोहण कर देश को संबोधित करेंगे । आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि इस बार देश के लिए कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण और बड़ी घोषणाएँ होगी ही होगी । होनी भी चाहिए । जनसंख्या नियंत्रण कानून, समान नागरिक संहिता, गो हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध, कठोर देशद्रोह कानून, अभिव्यक्ति की राष्ट्रघाती स्वतंत्रता पर नियंत्रण, राजनीतिक भ्रष्टाचार मुक्त भारत के साथ अपराध तथा अपराधी मुक्त राजनीति और मुफ्त की चुनावी राजनीति पर व्यापक चुनाव सुधार जैसी देशहित की कई बेहद जरूरी घोषणाओं का इंतजार लंबे समय से माँ भारती के साथ पूरा देश कर रहा है । क्या इनमें से कोई घोषणा होगी ? निःसंदेह मोदीजी जैसे कर्मठ और साहसी नेतृत्व से इसकी अपेक्षा पूरे देश को है । वे देशहित के लिए बड़े साहसिक फैसले लेने वाले प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं इसलिए उनसे जनता की अपेक्षाएं भी ज्यादा है । प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व और कृतित्व से आगे बढ़कर यदि चिंतन सरकार और आगामी चुनाव का भी करें तो कुछ बड़ी घोषणाएं होने की संभावनाएं प्रबल है । मुझे लगता है कि मोदी कार्यकाल के व्यतीत आठ और बचे हुए लगभग दो वर्ष के पूरे कार्यकाल में आगामी एक वर्ष सर्वाधिक महत्वपूर्ण सिद्ध होगा । वास्तविकता यह भी है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के लिए अब कुछ बड़ा और ठोस काम करने का उचित समय 15 अगस्त 2022 से 15 अगस्त 2023 का ही है ! इस एक वर्ष के लिए यदि कोई बड़ी घोषणा हो तो सरकार के पास उसे जमीन पर उतारने का पर्याप्त समय भी होगा । लाल किले से घोषणा करने के लिए तो 2023 के स्वतंत्रता दिवस का अवसर भी इस सरकार के पास होगा, पर वो घोषणा निर्विवादित रूप से चुनावी घोषणा कही और मानी जाएगी । जिसको लेकर सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाए जाएंगे पर इस वर्ष होने वाली किसी घोषणा पर विपक्षियों द्वारा ऐसा कुछ कहने का असर जनता पर बिल्कुल नहीं होगा । होना भी नहीं चाहिए । इसलिए सरकार को महंगाई के कारण और उस पर नियंत्रण का भरोसा दिलाने के साथ कुछ बड़ा करने की जरूरत है । अंत में बात कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की, तो उसके लिए सबसे बेहतर समय 2024 ही होगा । तेजी से सुधरते कश्मीर को अभी आतंकवाद मुक्त कराने की जरूरत ज्यादा है ! लोकसभा चुनाव के साथ ही कश्मीर में चुनाव कराए जाएं तो बेहतर होगा । रही फिर से एक जरूरी बात राजनीतिक भ्रष्टाचार से मुक्ति और उसके लिए चलाए जा रहे अभियान की तो जनता को अब जांच के तमाशे नहीं नतीजे चाहिए । मोदी सरकार के 2014 में अस्तित्व में आने का आखिर यही तो सबसे बड़ा कारण भी था । यदि मोदी सरकार ऐसा कुछ कर पाई तो यह देश के लिए सचमुच आजादी का अमृत महोत्सव होगा ! जय माँ भारती ! जय हिन्द !