अमित कुमार अम्बष्ट ‘आमिली’
देश में मिमिक्री आर्टिस्ट और काॅमेडी कलाकारों की कमी नहीं है , आए दिन हम किसी न किसी टीवी चैनल पर ऐसे कलाकारों को देखते और सुनते हैं , लेकिन राजू श्रीवास्तव उन तमाम कलाकारों से अलग हैं, उन्हें मैं काॅमेडी का महज एक कलाकार नहीं कहकर एक संजीदा कलाकार कहूँ तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। क्योंकि कहते हैं कि एक संजीदा कलाकार और एक कलाकार के बीच यही अंतर है कि एक कलाकार अपनी कृति में अपनी कला को संप्रेषित करता है , जबकि एक संजीदा कलाकार अपनी कृति में अपनी कला को एक निश्चित संदेश के साथ संप्रेषित करता है , राजू श्रीवास्तव उन काॅमेडियन में से हैं जो हास्य व्यंग्य के लिए किसी खास विषय की तलाश नहीं करते हैं, वे जीवन के किसी भी विषय से हास्य व्यंग्य निकाल लेते हैं, कई बार तो राजू श्रीवास्तव निर्जीव वस्तुओं को भी अपने काॅमेडी का माध्यम बना लेते हैं , लेकिन उनकी काॅमेडी में भी एक संदेश छुपा होता है , उनकी यही प्रतिभा उन्हें देश के बाकी काॅमेडियन से अलग करती है । अगर उनके निजी जीवन की बात करें तो उत्तर प्रदेश के कानपुर में 25 दिसंबर 1963 को जन्में राजू श्रीवास्तव का जन्म एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था , इनके पिता जी का नाम रमेश चंद्र श्रीवास्तव था , जो एक कवि थे , रमेश चन्द्र श्रीवास्तव बतौर कवि बलाई काका के नाम से भी प्रसिद्ध थे , इनकी माता का नाम सरस्वती श्रीवास्तव था , राजू श्रीवास्तव ने प्रेम विवाह किया है , उनकी पत्नी का नाम शिखा श्रीवास्तव है तथा उनके दो बच्चे हैं जिनका नाम आयुषमान श्रीवास्तव एवं अंतरा श्रीवास्तव है , राजू श्रीवास्तव के एक भाई भी हैं जिनका नाम दीपू श्रीवास्तव है , कम लोग जानते हैं कि राजू श्रीवास्तव का असली नाम सत्य प्रकाश श्रीवास्तव है, लेकिन काॅमेडी के मंचों पर उन्हें लगा कि ऐसा नाम उपयुक्त नहीं है इसलिए वे अपने निक नेम राजू का इस्तेमाल ही इन मंचों पर करने लगे और यही कारण है कि पूरा देश आज उन्हें राजू श्रीवास्तव के नाम से ही जानता है ।
राजू श्रीवास्तव की एक खास बात और है उन्हें हमेशा से पता था कि उन्हें काॅमेडियन बनना है , क्योंकि उन्हें दूसरों को हँसाकर बहुत खुशी मिलती थी , शुरूआती दिनों में राजू श्रीवास्तव अलग-अलग अभिनेताओं की मिमिक्री किया करते थे , जिसमें विशेष रूप से अमिताभ बच्चन की मिमिक्री से उन्हें धीरे-धीरे पहचान मिलने लगी थी , लेकिन , अभी सफर बहुत लम्बा था , अपने सपनों को पूरा करने के लिए राजू श्रीवास्तव ने मुम्बई का रूख किया , लेकिन सबकुछ इतना आसान नहीं था , शुरुआती संघर्ष के दिनों में मुम्बई जैसे शहर में जीवन यापन हेतु सिर्फ काॅमेडी पर निर्भर रहना मुश्किल था इसलिए राजू श्रीवास्तव छोटे -छोटे स्टेज शो , घरेलू कार्यक्रम में काॅमेडी करने लगे, साथ ऑटो रिक्शा भी चलाते रहे , फिल्मों में भी बतौर अभिनेता और काॅमेडियन छोटी – छोटी भूमिका उन्हें मिलती रही , लेकिन राजू श्रीवास्तव की किस्मत तब चमकी जब 2005 में उन्हें डी डी नेशनल पर ” द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज ” शो करने का मौका मिला , द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर चैलेंज में राजू श्रीवास्तव न सिर्फ उपविजेता रहे अपितु अपनी एक खास पहचान बनाई , इस शो में उनके द्वारा दी गयी कई प्रस्तुति ने उन्हें एक अलग पहचान दी , इसी शो में उन्होंने अपना गजोधर भईया का अवतार दिखाया, जो इतना पसंद किया गया कि लोग राजू श्रीवास्तव को गजोधर भईया के नाम से पुकारने लगे । इस शो से सुपर स्टार स्टैंडप काॅमेडियन राजू श्रीवास्तव का जन्म हुआ , फिर राजू श्रीवास्तव निरंतर टीवी के अलग-अलग कार्यक्रमों में दिखते रहे जिसमें विशेष रूप से वर्ष 2009 में राजू श्रीवास्तव बिग बॉस रियलिटी शो में नजर आए, इसी वर्ष राजू श्रीवास्तव को प्रसिद्ध हास्य धारावाहिक ” तारक मेहता का उल्टा चश्मा ” कार्यक्रम का हिस्सा बने , वर्ष 2011 में राजू श्रीवास्तव ” कॉमेडी सर्कस का जादू” और कॉमेडी का महा मुकाबला नामक टेलीविजन कार्यक्रम के भी हिस्सा रहे , 2012 में टीवी कार्यक्रम लाॅफ इंडिया लाॅफ भी किया , वर्ष 2013 में ” नच बलिए” नाम के डांस शो का भी हिस्सा बने , राजू श्रीवास्तव टीवी काॅमेडी का प्रसिद्ध शो ” काॅमेडी नाईट विथ कपिल ” में भी कई बार कपिल शर्मा के साथ नजर आए ।
अगर राजू श्रीवास्तव के सिनेमाई करियर की बात करें तो अब तक वे कई सुपर डूपर हिट फिल्मों में अभिनय कर चुके हैं क्योंकि राजू श्रीवास्तव एक बेहतरीन हास्य कलाकार होने के साथ-साथ एक बेहतरीन अभिनेता भी हैं। उन्हें सबसे पहले माधुरी दीक्षित एवं अनिल कपूर अभिनीत सुपर डुपर हिट फिल्म ” तेजाब ” में काम करने का मौका मिला , इसके बाद मैंने प्यार किया, बाजीगर और आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया में भी राजू श्रीवास्तव ने काम किया , वर्ष 2001 में उनकी काॅमेडी फिल्म आई ” आमदनी अठन्नी खर्चा रूपैया और वर्ष 2003 में राजू श्रीवास्तव सलमान खान की फिल्म मैं प्रेम की दीवानी हूँ में नजर आए , 2007 में रिलीज हुई बांबे टू गोवा तथा 2017 की फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा में भी छोटे किरदारों की भूमिका निभाते नजर आए , कुल मिलाकर कह सकते है कि न सिर्फ मिमिक्री अपितु काॅमेडी और अभिनय में भी राजू श्रीवास्तव को बहुत पसंद किया जाता है ।
इतना ही नहीं राजू श्रीवास्तव राजनीतिक रूप से भी सक्रिय रहते हैं , 2014 में उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया था , लेकिन राजू श्रीवास्तव देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्य से इतने प्रभावित हुए कि लोकसभा का टिकट लौटाकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर लिया और केन्द्र सरकार द्वारा देशहित में चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान का हिस्सा बने।
आज जब राजू श्रीवास्तव अपनी जीवन की लड़ाई लड़ रहें हैं, दिनांक 10 अगस्त 2022 को एक होटल के जिम हाल में वर्कआउट करते हुए , उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में वेंटिलेटर पर रखा गया हैं , उनकी हालत स्थिर है , लेकिन वे खतरे से बाहर नहीं हैं , ऐसी स्थिति में सोशल मीडिया पर कई बार उनकी मौत की झूठी खबर हतप्रभ करने वाली है और समाचार चैनलों के भांति सबसे पहले मैं की मानसिकता उजागर करती है , ऐसी मानसिकता शर्मनाक और निंदनीय भी है ।
राजू श्रीवास्तव के कला कौशल और व्यक्तित्व का प्रभाव ही है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने उनकी पत्नी से बात कर उनके सेहत की जानकारी ली है तथा ढाढस बंधाया है , चिकित्सक के कहने पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने एक ऑडियो संदेश राजू श्रीवास्तव के नाम भेजा है जिसे चिकित्सकों ने इलाज के तौर पर इस्तेमाल किया है और शायद इसका असर भी दिखने लगा है , राजू श्रीवास्तव की सेहत में पहले से थोड़ा सुधार हुआ है , अमिताभ बच्चन ने राजू श्रीवास्तव के नाम अपने संदेश में कहा है ” राजू उठो, बस बहुत हुआ, अभी बहुत काम करना है” ईश्वर करे कि राजू श्रीवास्तव एक बार फिर उठें , अपने काम में सक्रिय हो और हम सबको अपने जौहर से हँसा सके ।
आज जब सारा बॉलिवुड, नेता और आम जनता ईश्वर से प्रार्थना कर रही है कि राजू श्रीवास्तव की सेहत में सुधार हो , आइए हम सब भी इस प्रार्थना में शामिल हो ताकि काॅमेडी का यह शिल्पकार सिर्फ हिन्दुस्तान ही नहीं पूरी दुनिया को गुदगुदा सके ।