नीति गोपेंद्र भट्ट
नई दिल्ली।भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे के खिलाफ़ सबसे पहले और सबसे अधिक आक्रामक रहतेआयें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बुधवार को नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी सेमुलाक़ात से पहले कांग्रेस और देश पर आसन्न संकट को लेकर बहुत भावुक हो गए और मीडिया के समक्षउनका दर्द फूट पड़ा। गहलोत ने बहुत ही मार्मिक ढंग से कहा कि कांग्रेस ने उन जैसे साधारण कार्यकर्ता कोपिछलें 50 वर्षों में बहुत कुछ दिया है,इसलिए उनके लिए अब कोई पद बहुत अधिक मायने नही रखता बल्कियदि उनका बस चले तो वे राहुल गाँधी के साथ सड़कों पर उतर कर संकट से घिरी कांग्रेस को सशक्त बनानेऔर देश पर आसन्न समस्याओं महंगाई और बेरोज़गारी आदि के लिए सड़कों पर उतर भाजपा जैसी फ़ासिस्टताक़तों के विरूद्ध संघर्ष करें। मरते दम तक कांग्रेस की सेवा करना ही सबसे बड़ा उद्देश्य है।
अशोक गहलोत बुधवार को सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे। सोनिया गांधी से उनकी दो घंटों से अधिकसमय तक मुलाकात हुई। बताते है इस दौरान अध्यक्ष पद के चुनाव और पार्टी संगठन से जुड़े विषयों पर हीमुख्य रूप से चर्चा हुई। राहुल गांधी और गाँधी परिवार के किसी अन्य सदस्य के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर राजीनही होने से इस पद की दौड़ में अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे चल रहा है।
उन्होंने खुद मीडिया को बताया कि वे केरल के कोच्चि जाकर राहुल गांधी को अन्तिम बार मनाने की कोशिशकरेंगे, लेकिन यदि वे फिर भी नहीं माने तो पार्टी हाई कमान के चाहने पर वे अध्यक्ष का चुनाव लड़ने से इनकारनहीं कर सकेंगे। गहलोत ने कहा कि पार्टी को लगता है कि मेरी अध्यक्ष और राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप मेंजरूरत है तो मैं मना नहीं कर पाऊंगा। जहाँ भी मेरे रहने से पार्टी को फ़ायदा होंगा मैं वहाँ रहूँगा।
गहलोत ने कहा कि यह चुनाव ओपन है। इसमें कोई भी खड़ा हो सकता है। पार्टी के 9 हजार मतदाताओं में से कोई भी खड़ा हो सकता है। चाहे वह एमपी हो, एमएलए हो, मंत्री हो, मुख्यमंत्री हो। अगर कोई मंत्री इसचुनाव खड़ा होना चाहता है तो वह हो सकता है। वह मंत्री भी रह सकता है और कांग्रेस अध्यक्ष भी बन सकताहै। गहलोत से जब पूछा गया कि अगर वह कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं तो क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहेंगे? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि रहने या नहीं रहने का सवाल ही नहीं है। यह तो समय बताएगा कि मैं कहां रहूंगाया नहीं रहूंगा। लेकिन मैं वहां रहना पसंद करूंगा जहां मेरे रहने से पार्टी का फायदा मिलता हो। पार्टी कोफायदा पहुंचाने में मैं कभी पीछे नहीं हटूंगा। उन्होंने कहा, ‘मैं जहां भी रहूं, एक पद पर, दो पद पर, तीन पद परया किसी भी पद पर नहीं। अगर मेरा वश चले तो मैं कोई पद पर भी नहीं रहूंगा। मैंने बहुत पद संभाल लिए हैं। मैंमैदान में उतरूं, राहुल गांधी के साथ दौरे करू। उन्होंने कहा कि राहुल जी से बातचीत के बाद कुछ ही कुछ तयहोगा।उन्होंने कहा, ‘यह समय बताएगा कि मैं मुख्यमंत्री रहूंगा या नहीं। मैं वहां रहना चाहूंगा कि जहां मुझसेपार्टी को फायदा हो। मैं इसमें पीछे नहीं हटूंगा।’
पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता शशि थरूर से अध्यक्ष पद के चुनाव में मुकाबले की संभावना के बारे में पूछे जानेपर उन्होंने कहा, ‘मुकाबला होना चाहिए ताकि लोगों को मालूम पड़े कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है। यहआंतरिक लोकतंत्र के लिए अच्छा है। क्या भाजपा में पता चलता है कि राजनाथ सिंह कैसे अध्यक्ष बन गए औरजे पी नड्डा कैसे अध्यक्ष बन गए?’
यह पूछे जाने पर कि उनके अध्यक्ष बन जाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी कौन संभालेगा तो उन्होंनेकहा, ‘अभी तो मैं मुख्यमंत्री हूं।’
इसके पहलें जयपुर में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड के सम्मान में अपने निवास पर दिए रात्री भोज के बादविधायक दल की बैठक में उन्होंने कहा था कि मैं राजस्थान से कभी दूर नही रहूँगा।उन्होंने दोहराया कि “मैं थां सूदूर कोनी”
अशोक गहलोत गुरुवार को कोच्चि जाएंगे
मुख्यमंत्री बुधवार शाम को दिल्ली से मुंबई रवाना हुए।वे गुरुवार सुबह मुंबई से कोच्चि के लिए रवाना होंगे, जहां शाम पांच बजे उनका ‘‘भारत जोड़ो पदयात्रा’ में शामिल होने का कार्यक्रम है। जहाँ वे राहुल गाँधी सेमुलाक़ात उनसे पुनः कांग्रेस अध्यक्ष पद सम्भालने का आग्रह करेंगे।गहलोत का शुक्रवार 23 सितंबर कोकोच्चि से शिरडी जाने का कार्यक्रम है,जहां वह शिरडी साईं बाबा के मंदिर में पूजा अर्चना के बाद शाम कोजयपुर लौटेंगे।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, चुनाव अधिसूचना कल22 सितंबर को जारी की जाएगी और नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी।नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है।एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर कोमतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे।