नीति गोपेंद्र भट्ट
नई दिल्ली : इस वर्ष 26 सितम्बर सोमवार से शुरु हो रही शारदीय नवरात्रि पर भक्तों के घरों में माता रानी काआगमन हाथी पर होगा।
धार्मिक दृष्टिकोण से नवरात्रि में माता रानी के आगमन और प्रस्थान के वाहन का विशेष महत्व होता है। हाथीपर माता का आगमन बहुत ही शुभ माना जाता है। हाथी को ज्ञान का प्रतीक माना गया है। पौराणिक कथाओंके अनुसार जब देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर होता है, तो भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि शारदीय नवरात्रि रविवार या सोमवार से शुरू होती है तो मां दुर्गा हाथी पर सवारहोकर आती हैं। संयोग से इस वर्ष नवरात्रि की शुरुआत सोमवार से हो रही है, इसलिए देवी दुर्गा का आगमन भीहाथी पर होगा ।
इसी प्रकार धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नवरात्रि की समाप्ति जब बुधवार और शुक्रवार को होती है तब भीमाता-रानी के प्रस्थान की सवारी हाथी ही होती है। संयोग से इस बार माता दुर्गा का प्रस्थान भी हाथी पर हीहोगा। इस बार हाथी पर माता का गमन होने पर देश में भारी बारिश होने के संकेत हैं।
भगवान राम ने भी की थी नवरात्री पूजा
लंका पर विजय पाने के लिए भगवान राम ने शारदीय नवरात्रि के समय नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना कीथी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर मां ने उन्हें आशीर्वाद दिया और दसवें दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम नेरावण का वध कर लंका पर विजय प्राप्त की थी। इस दिन हर वर्ष हम बुराई पर अच्छाई की विजय के रुप नेदशहरा का उत्सव मनाते है।
श्रीकल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय निम्बाहेड़ा के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार ऐसीमान्यता है कि जो लोग शारदीय नवरात्रि के समय देवी दुर्गा की आराधना विधि-विधान से करते हैं उन पर मांदुर्गा की विशेष कृपा वर्षा होती है। उन्हें हर काम में सफलता मिलती है। नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक देवीदुर्गा के नव स्वरुपों की अलग-अलग रूपों में पूजा की जाती है।
इस बार कई शुभ संयोगो में नवरात्री
इस वर्ष नवरात्रि के पूरे नौ 9 दिनों में कई शुभ संयोग बन रहे हैं। नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर को सर्वाद्धसिद्धि योग और अमृत योग से हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग नवरात्रि के पांचवें दिन 30 सितंबर को और सातवें दिन 02 अक्टूबर को भी है। वहीं नवरात्रि के चौथे दिन, छठें दिन और आठवें दिन रवि योग बन रहा है। इस योगमें मां भगवती की पूजा करना विशेष लाभकारी माना गया है।