- हमारा लक्ष्य है हर हाल में पदक जीतना
- नॉकआउट के लिए क्वॉलिफाई करने की उम्मीद
- 2018 में नीदरलैंड से की हार को जेहन में रख बढिय़ा प्रदर्शन करेंगे
सत्येन्द्र पाल सिंह
नई दिल्ली : भारतीय पुरुष हॉकी टीम हाल ही बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के हाथों फाइनल में 0-7 के बड़े अंतर से हार के बाद आत्ममंथन करने पर मजबूर है। भारत राष्टï्रमंडल खेलों की खामियों को अपने घर में भुवनेश्वर और राउरकेला में होने वाले 2023 एफआईएच पुरुष हॉकी से पहले दूर करने में शिद्दत से जुटा है। 1975 के विश्व कप के चैंपियन भारत की निगाहें अब लंबे अंतराल के बाद अपने घर में विश्व कप में पदक जीतने पर लगी हैं।
भारत ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व कप में पूल डी में स्पेन,इंग्लैंड और वेल्स के साथ है। भारत इसमें अपने अभियान का आगाज 12 जनवरी, 2023 को स्पेन के खिलाफ मैच से करेगा। भारत के अनुभवी मिडफील्डर नीलकांत शर्मा टीम की विश्व कप की तैयारियों की बाबत कहते हैं, ‘ हमने शिविर होने के बाद से बर्मिंघम राष्टï्रमंडल खेलों में अपने मैचों के सभी विडियो टेप देखे हैं। हमारी कोशिश है कि हम मैच में जल्दी गोल न खाएं। हम यदि मैच में मजबूत आगाज करते हैं तो हम पूरे मैच में बेहतर मजबूत प्रदर्शन कर सकते हैं। 2023 ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व कप में हमें कई मजबूत टीमों से भिडऩा है। हम गफलत में नहीं रह सकते हैं। हॉकी विश्व कप में हमारे लिए अपने घर में मैचों मेंं बढिय़ा आगाज अहम है। हमारा लक्ष्य इस विश्व कप मे हर हाल में पदक जीतना है।
भले ही ग्रुप चरण में हमारे सामने मजबूत टीमें है लेकिन बावजूद इसके हमें आसानी से नॉकआउट के लिए क्वॉलिफाई करने की उम्मीद है। इसके बाद हमारे फोकस हमारे सामने चाहे कोई टीम हो बेहतर प्रदर्शन करने पर रहेगा। हमें इनमें ज्यादातर टीमों के खिलाफ एफआईएच प्रो लीग में खेले का लाभ मिलेगा। हम इनके खिलाफ खेलने के अनुभव का इस्तेमाल ओडिशा विश्व कप के मैचों में करना चाहेगे। हमारी पूरी टीम ऐसा महसूस करती है कि हमें 2018 के विश्व कप क्वॉर्टर फाइनल में नीदरलैंड से 1-2 से मिली हार को जेहन में रखने कर बढिय़ा प्रदर्शन करना है। हम विश्व कप में महज इसमें शिरकत करने वाले नहीं बनना चाहते । हम पूरा ध्यान विश्व कप में पदक जीतने पर है। एफआईएच प्रो लीग मैचों और विश्व कप में बहुत फर्क है। यह बात भी एकबारगी जेहन में आती है कि एक बार क्वॉर्टर फाइनल में पहुंच गए तो बहुत अच्छा और यदि कहीं हम नाकाम रहे तो फिर क्या? पिछली बार भुवनेश्वर में ओडिशा के लोगों ने हमारा बहुत समर्थन किया था। मैं आगामी विश्व कप में ओडिशा के लोगोंं के समर्थन पर भरोसा कर रहा हूं।’
नीलकांत यदि 2023 के लिए विश्व कप के लिए टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे तो वह अपनी ही धरती पर लगातार इसके दो संस्करणों में शिरकत करने वाले मणिपुर के पहले खिलाड़ी बन जाएंगे। नीलकांत कहते हैं, ‘ अभी हालांकि विश्व कप के लिए आधिकारिक तौर पर भारतीय हॉकी की घोषणा नहीं हुई है। बावजूद इसके मुझे इस विश्व कप में खेलने का उम्मीद है । मैं टीम में जगह बनाने में कामयाब रहा तो लगातार दूसरे विश्व कप में खेलने वाला मणिपुर का दूसरा खिलाड़ी बन जाउंगा। मैं भारतीय टीम के लिए विश्व कप में अपनी क्षमता से अपना सर्वश्रेष्ठï प्रदर्शन उसे जिताना चाहता हूं न कि अंत में निराश होना।’