मनुवादी दृष्टिकोण व महिलाओं पर बढ़ते अपराध

नीलम महाजन सिंह

सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।। या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। एक और तो महिला को देवी आराध्या दुर्गा स्वरूपा नारी माना जाता है और दूसरी ओर उसे कब तक तिरस्कृत किया जायेगा? पत्थरों की मूर्तियां देवी की पूजा तो की जाती है, परन्तु जीवित नारियों को असुरक्षा का एहसास होता है और उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता है। देव-भूमि उत्तराखंड में 19 वर्षीय युवती, अंकिता भंडारी की निर्मम हत्या के उपरान्त एक बार फिर महिला सुरक्षा का मुद्दा सुर्खियों में आया है। क्या मानवता पूर्णत: नष्ट हो चुकी है? उत्तराखंड सुंदर फूलों की भूमि है, भावनात्मक लोगों और उसे आनंदमय उत्कर्ष प्रकृति का आशीर्वाद प्राप्त है! मैं महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दों पर 30 वर्षों से लिख रही हूँ। उनकी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सक्षमता के लिए प्रतिबद्ध हूँ। जितनी अंकिता की आयु है, तभी से मैं महिला सशक्तिकरण का शंखनाद बजा रही हूँ। यह लेख पार्टी लाइनों से ऊपर है; पूरी तरह से गैर राजनीतिक। यह भारतीय समाज के सामाजिक व आध्यात्मिक मूल्यों के बारे में है। प्राचीन शास्त्रों; वेदों व उपनिषदों में नारी को पवित्रतम स्थान दिया गया है। परन्तु राजनैतिक नक्शे में क्यों इतना तूफान आया हुआ है? क्योंकि महिलाओं की गरिमा पर चर्चा हो रही है! राजनेता क्यों सोचते हैं कि वे कानून से ऊपर हैं? पैसा बनाने के लिए कथित अपराध करने का इतना भ्रम क्यों है? जीवन दोधारी तलवार की तरह क्यों है? हालांकि यह सच है कि भारत में महिलाएँ महान ऊंचाईयों को प्राप्त कर रही हैं और वैश्विक स्तर पर अभी तक भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों के निर्णयों में महिलाओं के संरक्षण और सशक्तिकरण के फैसले आते हैं, पर फिर बाधाएं भी आ रही हैं? ऐसा क्यों है कि शक्तिशाली राजनेताओं के कंधों पर आश्रित राजनैतिक महिला कार्यकर्ताओं को सशक्त न कर उनकी पुकार को दबा दिया जाता है? समाज की यह चुप्पी उचित नहीं है! भोपाल की सुषमा सिंह का मामला था, जब उन्हें मगरमच्छ की झील में फेंक दिया गया। शकीरे नमाज़ी खलीली, एक रियल एस्टेट डेवलपर थीं, जो 1991 में लापता हो गईं। मुख्य संदिग्ध उनका ढोंगी पति, स्वामी श्रद्धानदा था, जिसका मूल नाम मुरली मनोहर मिश्रा था। एक स्टिंग ऑपरेशन द्वारा; तीन साल के बाद, कर्नाटक पुलिस बल को उससे हत्या की बात स्वीकार, हो गई और वे 1994 में पुलिस को शकीरे नमाज़ी खलीली के, आवास में दफनाए गए अवशेषों तक ले गया। वह जेल में आजीवन कारावास में सज़ा काट रहा है। राजदूत अकबर मिर्ज़ा खालिली, I.F.S. की पत्नी, शकीरे खलीली, 4 बेटियों के बाद, बेटे की इच्छुक थीं। वे इस तांत्रिक के जाल में फंस गईं! मिश्रा ने कहा कि अगर वह उनसे संबंध बनायेंगीं तो उन्हें पुत्र प्राप्ति होगी। तांत्रिक ने उसे गर्भवती तो किया, परन्त मृत लड़का पैदा हुआ। उससे पहले से ही शकीरे की सारी धन-संपत्ति, पंडित मिश्रा ने अपने नाम हस्ताक्षरित करवा ली थी। फ़िर ‘निर्भया कांड’; ज्योति सिंह मर्डर केस के दरिंदों को तो फांसी मिल चुकी है। निश्चित रूप से मनु शर्मा द्वारा जेसिका लाल की हत्या के मामले ने तो सनसनी फेला दी! कॉंग्रेस पार्टी के राजनेता, विनोदा शर्मा का बेटा होने के नाते उसकी सज़ा पूरी भी नहीं हुई परंतु ‘अच्छे व्यवहार’ के कारण उसे रिहा कर दिया गया। अब मनु शर्मा चंडीगढ़ में रहता है। नैना साहनी की हत्या 2 जुलाई 1995 को की गई। यह हत्याकांड ‘तंदूर कांड’ के नाम से चर्चित हुआ। नैना साहनी के पति, सुशील शर्मा, जो कांग्रेस के युवा नेता थे, ने ही उनकी हत्या कर दी। नैना खुद कांग्रेस पार्टी की कार्यकर्ता थीं। सुशील शर्मा, इंडियन यूथ कांग्रेस – अध्यक्ष दिल्ली; ने अपनी पत्नी नैना को टुकड़ों में काट दिया और एक प्लास्टिक की थैली में ले गया। ‘अशोक यात्री निवास के तंदूर में उसे भून दिया’! सुशील शर्मा भी कानूनी सज़ा पूरी कर आज़ादी से घूम रहा है। ये अपराधी तो जिंदा हैं, पर बेटियों को मार दिया गया। इस लेख को लिखते समय मुझे ह्रदय-दर्द व घबराहट सी हो रही है ! मुझे नैना सहानी का मामला जीवंत याद है। 26 साल पहले हुई एक खौफनाक कांड जिसने देश भर में जबरदस्त गुस्सा भर दिया था। एक पुलिस अफसर के बेटे, सुशील कुमार सिंह ने प्रियदर्शिनी का रेप और मर्डर कर दिया। आम जन का पुलिस और कानून से भरोसा हटने लगा। प्रियदर्शनी मट्टू के पिता, सी.एल. मट्टू ने यह न्यायिक युद्ध लड़ा। अब वह अपराधी भी आज़ाद हो चुका है। फिर उत्तर प्रदेश के अमर मणि त्रिपाठी और मधुमिता शुक्ला का प्रसंग; रौंकटे खड़े कर देने वाला है। मधुमिता शुक्ला को गर्भवती करने की कहानी ने सुर्खियां बटोरीं। त्रिपाठी पति-पत्नी ने उसे षडयंत्रपूर्ण मार डाला और अब आजीवन कारावास काट रहे हैं। भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे, पुलकित आर्य के निजी रिसॉर्ट; अनंतरा के परिसर से लापता हुई, अंकिता भंडारी का शव पुलिस को चिल्ला बिजलीघर के पास मिला। इस मामले के बाद भाजपा ने विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, “अपराधियों को गिरफ्तार कर, सख्त कार्रवाई कर, उन्हें दंण्डित” करने का आश्वासन दिया है। अंकित वेश्यावृति में लिप्त था। अंकिता के मना करने पर उसे जिंदा नहर में फैंक दिया। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सत्ता और पावर के नशे में अंकिता भंडारी से पहले भी कई महिलाओं की हत्या की गई है, जो हर दरिंदगी की हद पार करती है।सरला मिश्रा, कॉंग्रेस के, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की अनुयायी थी। उसकी आग में जल कर भोपाल में मृत्यु हो गई। निश्चित रूप से सरला मिश्रा की आत्म हत्या या मर्डर का रहस्य जारी है। जस्टिस ऐ. एन. वर्मा कमिटी रिपोर्ट के आधार पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून तो पारित हो गया है, परन्तु धरातल पर वह कार्यान्वित नहीं किया जाता। जब तक पुरुष प्रधान समाज से मनुवादी फ्यूडल विचार धारा को ध्वस्त नहीं किया जाएगा, तब तक इसी प्रकार महिलाओं के साथ अपराध होते रहेगें। ‘नारी का सम्मान’, ‘लाडली’, ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’, ‘बेटियाँ हमारी गौरव’ जैसे प्रोग्रेसिव – विचार कहीं अक्षर मात्र ही न रह जाएं ! zara सोचिये आप के घर भी बच्चियां होंगीं? कृप्या उन्हें सुरक्षित रखें!

(वरिष्ठ पत्रकार, विचारक, राजनैतिक समीक्षक, दूरदर्शन व्यक्तित्व, सॉलिसिटर फॉर ह्यूमन राइट्स संरक्षण व परोपकारक)