रविवार दिल्ली नेटवर्क
नई दिल्ली : दिल्ली पर्यटन विभाग द्वारा संचालित दिल्ली हाट पीतमपुरा की गतिविधियां सवालों के घेरे में हैं। भारतीय हथकरघा एवं हस्तशिल्प कला की समृद्ध विरासत को संरक्षित एवं प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से स्थापित दिल्ली हाट पीतमपुरा में इन दिनों बैंक्वेट एवं शराबखाने (बार) का निर्माण कार्य जोर-शोर से चल रहा है। इस बार शादियों के सीजन में इसका संचालन शुरू हो जाएगा। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर क्या बैंक्वेट एवं शराबखाना दिल्ली हाट के उद्देश्यों को पूरा करते हैं अथवा दिल्ली में बैंक्वेट एवं शराबखाने की कमी हो गई है। समझ में नहीं आता है कि आखिर इस संबंध में दिल्ली सरकार की मंशा क्या है।
दरअसल दिल्ली हाट पीतमपुरा में कलात्मक ढंग से बनाई गई छोटी-छोटी दुकानें, रंगीन फूलों वाली झाड़ियां और पेड़ आदि एक खुशनुमा वातावरण परिलक्षित करते हैं। लेकिन अब बैंक्वेट एवं शराबखाना मालिकों ने रातों-रात एक हिस्से का पूरा ढांचा ही ध्वस्त कर फर्श पर ला दिया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वर्षों पुराने पेड़ों एवं स्ट्रक्चर को नष्ट करना उनके एग्रीमेंट में शामिल था। क्या दिल्ली के उप-राज्यपाल एवं अन्य सम्बंधित अधिकारियों/विभागों से इसकी अनुमति ली गई थी। ऐसा लगता है जैसे दिल्ली पर्यटन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही ऐसा हो रहा है। जोकि दिल्ली हाट के निर्माण के उद्देश्यों को ही आघात पहुंचा रहा है। इससे पूर्व भी दिल्ली हाट, पीतमपुरा में बैंक्वेट हाल के संचालन का प्रयास हुआ था लेकिन उस समय शादियों की परमिशन नहीं मिल पाने के चलते यह प्रयास सिरे नहीं चढ़ पाया था। लेकिन अब बैंक्वेट एवं शराबखाने का काम लगभग पूरा हो चुका है और यह दिल्ली हाट की मूल भावना को ही चोट पहुंचा रहा है।
दिल्ली हाट पीतमपुरा में फूड कोर्ट का समुचित प्रबंध न होना भी उसकी सफलता में बाधक रहा है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली हाट आईएनए के फ़ूड कोर्ट में विभिन्न राज्यों के लजीज व्यंजन मिलते हैं। जिसका स्वाद चखने के लिए भी खासतौर से वहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। जबकि दिल्ली हाट पीतमपुरा में कभी-कभी होने वाली प्रदर्शनियों एवं समारोहों में शामिल होने आने वाले लोगों को फूड कोर्ट का उचित प्रबंध न होना काफी खलता है। यही हाल रहा तो आने वाले समय में दिल्ली हाट पीतमपुरा सिर्फ शादी का पंडाल बनकर रह जाएगा जहां पर खुलेआम जमकर शराब परोसी जाएगी।