वाप्कोस और एनपीसीसी में मनाया जा रहा है सतर्कता जागरूकता सप्ताह

प्रमोद शर्मा

केन्द्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशों का अनुपालन करते हुए वाप्कोस और एनपीसीसी में 31 अक्टूबर 2022 से 6 नवम्बर 2022 तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है जिसका विषय ‘ एक विकसित राष्ट्र के लिए भ्रष्टाचार मुक्त भारत’ है।
इस सप्ताह के दौरान भ्रष्टाचार के दुष्परिणामों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए वाप्कोस में विभिन्न गतिविधियों जैसे प्रमुख स्थानों पर बैनर/पोस्टर लगाना, बच्चों और कर्मचारियों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता, निबंध लेखन जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। एनपीसीसी भी सतर्कता जागरूकता सप्ताह 2022 की थीम के अनुसार फरीदाबाद और गुड़गांव शहरों में पढ़ रहे बच्चों के लिए पोस्टर प्रतियोगिता और निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन करेगी।

वाप्कोस और एनपीसीसी ने 4 नवम्बर 2022 को सीएसओआई ऑडिटोरियम, चाणक्यीपुरी, नई दिल्ली में निवारक सतर्कता सम्मेलन –वाप्कोस और एनपीसीसी में प्रभावी प्रबंधन हेतु एक महत्वपूर्ण उपकरण – सम्मेलन का आयोजन किया। इस अवसर पर जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार में सचिव श्री पंकज कुमार मुख्य अतिथि थे। श्री शैलेन्द्र सिंह, मुख्य प्रौद्योगिकी जांचकर्ता, सीवीसी और डॉ. नितिन दीप ब्लग्गन, डीआईजी एवं शाखा प्रमुख/एसी-I, सीबीआई, नई दिल्लीं ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया। साथ ही श्री आर. के. अग्रवाल, सीएमडी, श्री पंकज कपूर, निदेशक (वित्ती), श्री अनुपम चंद्रा, सीवीओ और वाप्कोंस और एनपीसीसी के अधिकारी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संगठनों के सीवीओ और वीओ ने भी इस सम्मेलन में भाग लिया।

श्री पंकज कुमार ने दैनिक जीवन में सतर्कता के महत्त्व पर प्रकाश डाला और सम्मेलन में उपस्थित सभी सदस्यों से एक भ्रष्टाचार मुक्त विकसित भारत के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण के अनुरूप ‘पञ्च प्राण’ का पालन करने की अपील की। मुख्य अतिथि ने भी कार्यक्रम के दौरान “कम्पेंडियम ऑफ़ इंस्ट्रक्शन्स एंड गाइडलाइन्स- वाप्कोस एंड एनपीसीसी” का विमोचन किया, जो संस्थानोंके दिन प्रति दिन के कार्यों में पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।

इस अवसर पर श्री संजीव शर्मा, राष्ट्रीयअध्यक्ष, भ्रष्टाचार विरोधी फाउंडेशन, नई दिल्ली और श्री डी.आर. हांडा, प्रमुख वैज्ञानिक अधिकारी (सेवानिवृत), केन्द्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, नई दिल्ली द्वारा प्रेजेंटेशंस भी प्रस्तुत की गईं।