मुलायम की बहू अपर्णा यादव ने गृह मंत्री अमित शाह से मंत्रालय में की मुलाकात, मैनपुरी से बन सकती हैं भाजपा प्रत्याशी

संदीप ठाकुर

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव बुधवार
यानी 11 नवंबर काे गृह मंत्रालय में देखी गईं। पता चला है कि उन्होंने
गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दाेनाें के बीच बंद कमरे में लंबी
बातचीत हुई। इस मुलाकात की वजह उत्तर प्रदेश के दो सीटों पर हाेने जा रहे
उपचुनाव हैं। चर्चा है कि कि अपर्णा यादव काे भाजपा मैनपुरी से अपना
उम्मीदवार घोषित कर सकती है। ये मुलाकात इसी सिलसिले में थी। सूत्रों ने
यह भी बताया कि अपर्णा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मिलेंगी। मैनपुरी
लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के कारण
रिक्त हुई थी जबकि रामपुर विधानसभा सीट सपा नेता आजम खान की सदस्यता रद्द
होने और खतौली विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी विधायक विक्रम सैनी की
सदस्यता रद्द होने के कारण खाली हुई हैं। आजम और सैनी की सदस्यता अदालत
से सजा होने के बाद रद्द की गयी है। इन सीटों पर उपचुनाव पांच दिसंबर को
होगा।

मैनपुरी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी की घेराबंदी शुरू हो गई है।
मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से ही भाजपा इस सीट पर कब्जे का दावा
करती दिखने लगी है। भाजपा नेताओं को कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी में
नेताजी के प्रति सम्मान का भाव था, इसलिए मैनपुरी में कभी उनके काल में
चुनाव प्रचार करने नहीं गए। लेकिन, अब स्थिति बदली है। अबकी बार चुनावी
मैदान में भाजपा पूरे जोर-शोर के साथ उतरने की तैयारी कर रही है। सूत्रों
के अनुसार भाजपा मैनपुरी उप चुनाव में मुलायम के दूसरे बेटे प्रतीक की
पत्नी अपर्णा यादव को मैदान में उतार सकती है। दरअसल यादव बिरादरी के वोट
और मुलायम यादव परिवार के नाम के चलते भाजपा अपर्णा यादव को उतारने का मन
बना रही है। इटावा के पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य, विधायक ममतेश
शाक्य, प्रेम सिंह शाक्य, राहुल राठौर के अलावा प्रदीप चौहान का भी नाम
चर्चा में है। मैनपुरी लोकसभा सीट पर यादव, शाक्य, पाल, लोधी जैसी ओबीसी
की जातियों का बड़ा वोट बैंक है।सपा का यहां पर हमेशा 50 फीसदी से अधिक
वोट प्रतिशत दिखा है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा के मुलायम सिंह
यादव एक बार फिर जीते। मुलायम ने इस चुनाव में 5,24,926 वोट हासिल किया
था। वहीं, भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य 4,30,537 वोट मिले थे। मुलायम को 54
फीसदी वोट मिले थे। वहीं, भाजपा उम्मीदवार को 44 फीसदी वोट मिले थे।
मुलायम इस चुनाव में महज 94,389 वोटों से जीत दर्ज कर पाए थे। इस सीट पर
सपा का दबदबा सदैव रहा है। मुलायम सिंह यादव परिवार के तीन सदस्य इस सीट
से 6 बार सांसद चुने जा चुके हैं। मुलायम सिंह चार बार, भतीजे धर्मेंद्र
यादव एक बार और पोते तेज प्रताप यादव एक बार सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे
हैं। भाजपा ने इसी साल वर्षों से सपा के गढ़ रहे आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा
सीट अपने नाम किया है और इस जीत से उत्साहित भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अब
मैनपुरी काे भी अपने पाले में करना चाह रहा है।